मेलघाट में मातामृत्यु व बालमृत्यु रोकने में मिली सफलता
10 वर्ष के आंकडों से स्पष्ट हुई स्थिति
* स्वास्थ्य विभाग ने चलाया मेलघाट मिशन-28
अमरावती /दि.16– जिले के धारणी व चिखलदरा तहसील के माथे पर लगा मातामृत्यु व बालमृत्यु का कलंक करीब एक दशक के बाद बडे प्रयासों के जरिए हटाये जाने में सफलता मिली है. जिला प्रशासन द्वारा मेलघाट में स्वास्थ्य सेवाओं को चूस्त दुरुस्त करने हेतु चलायी जा रही विशेष सेवाओं के परिणाम तथा स्वास्थ्य सेवा पर अंकुश रखने हेतु उडन दस्तों की निर्मिति किये जाने के चलते स्वास्थ्य सेवाओं व सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार आया है, ऐसा प्रशासन का कहना है.
जिला प्रशासन ने विगत 10 वर्षों के आंकडों का अध्ययन करते हुए मेलघाट मिशन-28 पर अमल करना शुरु किया है. जिसके तहत उपजिला अस्पताल व ग्रामीण अस्पताल सहित 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 7 मोबाइल स्वास्थ्य पथक, 6 प्राथमिक स्वास्थ्य पथक, 9 उपकेंद्र व 22 उडनदस्तों के जरिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गई. वर्ष 2013-14 में बाल मौतों का आंकडा 388 पर था. जो वर्ष 2023-24 में घटकर 156 पर आ गया. वहीं 10 वर्ष पहले मेलघाट में माता-मृत्यु के 14 मामले घटित हुए थे. जिनकी संख्या वर्ष 2023-24 में घटकर 5 रह गई. इसी तरह अर्भक व नवजात मृत्यु की संख्या भी 134 से घटाकर 79 पर लाने में स्वास्थ्य महकमे को सफलता मिली है.
मेलघाट के मातामृत्यु व बालमृत्यु की संख्या को कम करने हेतु गर्भवती व नवप्रसूता महिलाओं तथा नवजात बच्चों सहित बालकों के लिए स्त्रीरोग व बालरोग विशेषज्ञों की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है. जिसके तहत प्रत्येक 15 दिनों में रोटेशन पद्धति से ग्रामीण अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर विशेष जांच की जाती है. अतिजोखिम वाले बच्चों की जबाबदारी बाल उपचार केंद्र व पोषण संवर्धन केंद्र पर सौंपी गई है. साथ ही 1 जनवरी 2022 से मेलघाट मिशन-28 भी अमल में लाया जा रहा है. जिसके तहत प्रसूति से 28 दिन पहले तथा प्रसूति होने पश्चात 28 दिन बाद तक अंगणवाडी व आशा स्वयसेविकाओं द्वारा गर्भवती एवं नवप्रसूता महिलाओं के घर पर रोजाना भेेंट दी जाती है. जिसके चलते संस्थात्मक प्रसूति का प्रतिशत 96 फीसद तक जा पहुंचा है. इसके साथ ही मेलघाट के अतिसंवेदनशील गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की आपूर्ति करने हेतु नवसंजीवनी योजना के अंतर्गत धारणी तहसील में 12 व चिखलदरा तहसील में 10 पथक कार्यान्वित किये गये है. ऐसे भी जानकारी जिला प्रशासन द्वारा दी गई है.
* 25 बाल उपचार केंद्रों में 127 बच्चे भर्ती
सन 2024-25 में अक्तूबर माह के अंत तक 25 बाल उपचार केेंद्रों में 127 बच्चों को भर्ती किया गया था. जिसमें से 54 बच्चों के स्वास्थ्य में जबर्दस्त सुधार देखा गया. इसी तरह पोषण संवर्धन केंद्र में अक्तूबर माह के अंत तक 381 बच्चे भर्ती किये गये. जिसमें से 197 बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार व मानव विकास कार्यक्रम अंतर्गत अक्तूबर माह के अंत तक 105 शिविर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर आयोजित किये गये थे. जिसमें विशेषज्ञों के मार्फत 4 हजार 300 गर्भवती महिलाओं, 670 जोखिमग्रस्त माताओं, 737 नव प्रसूता महिलाओं, 6 माह की उम्र वाले सभी बच्चों तथा कम वजन रहने वाले 771 बच्चों की स्वास्थ्य जांच करते हुए उपचारात्मक कार्यक्रम चलाये गये. जिनकी बदौलत मेलघाट क्षेत्र में मातामृत्यु व बालमृत्यु का प्रमाण कम होने में सफलता प्राप्त हुई.