अमरावतीमहाराष्ट्र

सुपर में ब्रेस्ट कैंसर की सफल शल्यक्रिया

सुपरमैन फ्लैप का प्रयोग कर निकाली गई 8 किलो की गांठ

* देश में अपनी तरह का तीसरा सबसे बडा ऑपरेशन
अमरावती/दि.2– स्थानीय विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल यानि सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में करीब 15 दिन पहले ब्रेस्ट कैंसर से जुझती एक महिला पर सफलतापूर्वक शल्यक्रिया करते हुए 8 किलो वजनी गांठ को निकालने में डॉक्टरों की टीम सफल रही. कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अमित बागडिया ने सुपरमैन फ्लैप पद्धति से शल्यक्रिया करते हुए करीब 40 सेंटीमीटर की व्यास वाली इस गांठ को उक्त महिला के शरीर से बाहर निकाला. यह देश में अब तक की अपनी तरह की तीसरी बडी शल्यक्रिया रही, ऐसा दावा अस्पताल प्रशासन द्वारा किया गया.

बता दें कि, स्थानीय सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में जनवरी 2023 से कैंसर रोग पर शल्यक्रियाएं की जा रही है. जिसके तहत मूंह, गर्दन, बे्रस्ट, थाइरॉइड, ओवरी, सर्विक्स, वजाइनल, कैंसर सहित हड्डी, फुफ्फुस, त्वचा व पे्रस्टीज कैंसर की जटील शल्यक्रियाएं सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में की जाती है और विगत एक वर्ष के दौरान इस अस्पताल में कैंसर से संबंधित करीब 198 शल्यक्रियाएं की जा चुकी है.

जानकारी के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर से पीडि तहने वाली महिला के शरीर में करीब 40 सेंटीमीटर व्यास वाली 8 किलो वजनी गांठ थी, जो किमोथेरेपी से कम नहीं हो रही थी. जिसके चलते कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अमितकुमार बागडिया ने सुपरमैन फ्लैप पद्धति का सहारा लेते हुए इस महिला की शल्यक्रिया करने का निर्णय लिया और शल्यक्रिया पश्चात उक्त महिला के शरीर से उस गांठ को निकाल दिया गया. वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. अमोल नरोटे व ओएसडी डॉ. मंगेश मेंढे के मार्गदर्शन के तहत सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में सिर व गर्दन के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. रणजीत मांडवे व डॉ. भूषण मुंधडा, गर्भाशय मुख कैंसर विशेषज्ञ डॉ. भावना सोनटक्के, आंत के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. रोहित मुंधडा तथा ब्रेस्ट व थाइराईड कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अमितकुमार बागडिया व डॉ. मनीष तरडेजा द्वारा कैंसर संबंधित शल्यक्रियाएं की जाती है.

* उक्त महिला मरीज में ब्रेस्ट कैंसर की गांठ काफी बडी थी, जो किमोथेरेपी से भी कम नहीं हो रही थी. जिसके चलते सुपरमैन फ्लैप शल्यक्रिया की गई. 8 किलो की गांठ निकाले जाने की वजह से उक्त महिला के शरीर में गर्दन से लेकर पेट तक गड्ढा बन गया था. जिसके चलते पीठ पर रहने वाले मांस व त्वचा को इस जगह के बगल में ले जाकर रोपन किया गया. अब मरीज का स्वास्थ्य बेहतरीन स्थिति में है.
– डॉ. अमितकुमार बागडिया,
कैंसर रोग विशेषज्ञ

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