सफल एकादशी सर्वोपरि व्रत
* राधाकृष्ण सेवा समिति की महाआरती में उमडे भक्त
अमरावती/दि. 26– एकादशी का व्रत करना ही चाहिए. इसके व्रत करने का अपना सूत्र है. आपका भगवान से बंधन, व्यवहार. आप संसार के समस्त व्यवहार करते हैं. किंतु आपका ईश्वर से व्यवहार,संबंध,सूत्र नहीं है तो आपका सारा कारोबार,व्यवहार निरर्थक हो जाता है. यह प्रतिपादन पूज्य श्याम महाराज ने आज प्रात: रंगारी गली स्थित श्री राधाकृष्ण मंदिर में पौष मास की आज की सफल एकादशी का महात्म्य बतलाते हुए किया. आपने एकादशी की कथा का विवेचन भी प्रस्तुत किया. जिसमें महिष्मती को अनजाने में एकादशी और रात्रि जागरण से उसका गत वैभव पुन: प्राप्त होने का वर्णन है. महाराज श्री ने एकादशी व्रत करने का विधान स्पष्ट किया. जिसके अनुसार दशमी और बारस को भी एक समय ही आहार ग्रहण करने का उल्लेख है.
श्री राधाकृष्ण सेवा समिति द्बारा गत डेढ बरस से मंदिर में प्रत्येक एकादशी को महाआरती का सुंदर सफल आयोजन हो रहा है. विविध विभूतियों, संत महात्माओं का सानिध्य कई बार रहा. इसी कडी में आज श्याम महाराज जी का आगमन हुआ. उनका स्वागत पुष्पमाला पहनाकर रवि डागा और महेश लढ्ढा ने किया. महाआरती में सैकडों की संख्या में स्त्री- पुरूष भाविक उमडे थे. ओम जय जगदीश हरे आरती के साथ ही कृष्ण राधा और गोपाला- गोपाला का कीर्तन ने वातावरण को मधुरम बना दिया. प्रसादी की व्यवस्था नित्य की भांति सुंदर रही. आज के यजमानों में लक्ष्मीनारायण शिवप्रसाद गग्गड परिवार, गोपाल राठी परिवार सायत, चंचल तापडिया,आशीष करवा आदि का समावेश रहा.