सुप्रसिद्ध रिम्स अस्पताल में सफल शल्य क्रिया
डेढ साल के बच्चें के श्वास नलिका से निकाला फल्लीदाना
अमरावती/दि.2 – शहर का सभी वैद्यकीय सुविधाओं से सुसज्जित रिम्स अस्पताल जिलेभर की जनता के लिए एक वरदान साबिता हो रहा है. इस अस्पताल में सभी प्रकार की वैद्यकीय सुविधाएं उपलब्ध है. अस्पताल में हाल ही में एक डेढ साल के बच्चें के श्वास नलिका में फंसे फल्ली के दाने को सफल शल्यक्रिया कर निकाला गया. छोटे बच्चों की श्वसन नलिका बारिक रहती है. जिसमें फल्ली का दाना फूल गया था और बच्चों को सांस लेने में परेशानी हो रही थी. बच्चें को रिम्स अस्पताल लाया गया जहां ब्राकोस्कोपी करने के पश्चात उसकी शल्य क्रिया की गई.
यह अत्याधुनिक कठिन शल्यक्रिया है. ब्राकोस्कोपी श्वसन नलिका जाते समय मरीज की ऑक्सीजन लेवल कम हो सकती है. फल्लीदान फूलने के कारण एक ही समय में उसे पूरा निकालना मुश्किल था. जिसमें उसके टूकडे कर निकाला गया. बच्चें को किसी भी प्रकार का इंफेक्शन न हो इसके लिए एंटीबॉयटिक दिया गया और उसका सफल ऑपरेशन किया गया. इस जटील शल्यक्रिया को डॉ. सौरभ अंबाडेकर ने अंजाम दिया तथा एनेस्थिशीया विशेषज्ञ के रुप में डॉ. महातपुरे ने योगदान दिया. इस शल्य क्रिया में डॉ. हेमंत मुरके, डॉ. विशाल भंसाली, डॉ. दिनेश पहलाजानी ने भी अपना योगदान दिया और बच्चे का सफलातापूर्वक ऑपरेशन किया गया.
बच्चों के मामले में सावधानी बरते
एक डेढ साल के बच्चें का रिम्स अस्पताल में सफल ऑपरेशन कर उसे जीवनदान देने के पश्चात डॉक्टरों ने उपस्थित अभिभावकों से कहा कि 1 से 5 साल के बच्चों को फल्लीदाना व फुटाना नहीं देना चाहिए. अगर देना ही हो तो इसे बारिक करके दे. बच्चों को लड्डू सिरा के रुप में दे सकते है ताकि सिने में जाने पर निकाला जा सके, बच्चों के सिने में अगर कुछ फंसने लगे तो तत्काल डॉक्टरों को दिखाने का आग्रह डॉक्टरों व्दारा किया गया.