सफलता पाने महत्वाकांक्षा के साथ ही कडी मेहनत जरूरी
मिस्टर एशिया प्रो कार्ड होल्डर सैय्यद फुजैल का कथन
अमरावती/दि.15- किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए यह बेहद जरूरी है कि, उसके लिए सपना देखा जाये और फिर उस सपने को पूरा करने के लिए पूरी लगन के साथ कडी मेहनत भी की जाये. इसके बाद ही कामयाबी मिलने का अवसर व दरवाजा खुलता है. इस आशय का प्रतिपादन हाल ही में मिस्टर एशिया ज्युनिअर क्लासिक फिजीकल चैम्पियनशिप जीतनेवाले तथा विदर्भ क्षेत्र के सबसे युवा प्रो कार्ड होल्डर सैय्यद फुजैल सैय्यद जब्बार द्वारा किया गया.
बता दें कि, विगत 11 व 12 दिसंबर को देश की राजधानी नई दिल्ली में फिटलाईन द्वारा मिस्टर एन्ड मिस एशिया स्पर्धा का आयोजन किया गया था. जिसमें पहली बार शामिल हुए सैय्यद फुजैल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मिस्टर एशिया का खिताब अपने नाम किया. अपनी इस उपलब्धी से अमरावती शहर सहित पूरे राज्य का नाम देश सहित वैश्विक स्तर पर चमकानेवाले सैय्यद फुजैल ने इस स्पर्धा में एक सुवर्णपदक, एक रजतपदक जीतने के साथ ही प्रो कार्ड भी हासिल किया. शहर के वलगांव रोड स्थित एसटी कालोनी निवासी प्रतिष्ठित नागरिक सैय्यद जब्बार के बेटे 24 वर्षीय बेटे सैय्यद फुजैल ने विद्याभारती कालेज से बी.कॉम. की पदवी प्राप्त करते हुए अपनी स्नातक की पढाई पूर्ण की है. साथ ही वे विगत कई वर्षों से कैम्प परिसर के नेक्स्ट लेवल मॉल स्थित तलवलकर जीम में नियमित तौर पर व्यायाम करते हुए शरीर सौष्ठव स्पर्धा के लिए तैयारी कर रहे थे.
नई दिल्ली से मिस्टर एशिया का खिताब और प्रो कार्ड जीतने के बाद अमरावती पहुंचे सैय्यद फुजैल ने दैनिक अमरावती मंडल से विशेष तौर पर बातचीत की. इस समय उन्होंने बताया कि, वे बचपन से ही बॉडी बिल्डर बनना चाहते थे और व्यायाम तथा कसे हुए शरीर को लेकर उनके मन में विशेष आकर्षण था. ऐसे में वे बचपन से ही नियमित तौर पर व्यायाम किया करते थे और अक्सर ही बॉडी बिल्डींग स्पर्धाएं व शो देखने हेतु जाया करते थे. इसी के तहत वर्ष 2015 में वे मुंबई गये थे. जहां पर शेरू क्लासिक बॉडी बिल्डींग शो होता है और वहां पूरी दुनिया से बॉडी बिल्डर आते है. इस शो में क्लासिक एमेच्युअर स्पर्धा को देखने के बाद उनके मन में प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर बनने का खयाल आया. जिसके बाद उन्होंने प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर बनने की दिशा में अपनी तैयारियां शुरू की.
* नियमित वर्कआउट के साथ डायट सबसे महत्वपूर्ण
अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार और कोच जुबेर पठान को देते हुए सैय्यद फुजैल ने बताया कि, वे जहां एक ओर नियमित रूप से तलवलकर जीम में प्रैक्टिस करते है, वहीं विगत एक वर्ष से मुंबई के प्रोफेशनल बॉडी ट्रेनर जुबेर पठान भी उन्हें ट्रेनिंग दे रहे है. सैय्यद फुजैल के मुताबिक नियमित वर्कआउट के साथ ही प्रोफेशनल बॉडी बिल्डींग के लिए डायट पर विशेष ध्यान देना होता है. जिस पर अच्छा-खासा खर्च भी करना पडता है. अपनी डायट के बारे में जानकारी देते हुए सैय्यद फुजैल ने बताया कि, वे रोजाना 30 अंडे और 1 किलो मछली के साथ ही चिकन और सलाद का सेवन करते है और हर सप्ताह खाने का रूटीन भी बदलते रहना पडता है. इसके अलावा रोजाना सुबह-शाम तीन-तीन घंटे यानी कुल 6 घंटे जिम में वर्कआउट करते हुए पसीना भी बहाते है. इन तमाम बातों के चलते उन्हें खुद पर प्रतिमाह 30 से 40 हजार रूपये खर्च करने पडते है. इस लिहाज से कहा जा सकता है कि, बॉडी बिल्डींग एक तरह से दुनिया का सबसे महंगा खेल है.
* मेहनत पर भरोसा रखो, शॉर्टकट मत मारो
करीब 6 से 7 साल तक सुबह-शाम जिम में पसीना बहाने और कडे वर्कआउट करने के बाद मिली सफलता को अमरावतीवासियों, विशेषकर युवाओं के नाम करते हुए सैय्यद फुजैल ने कहा कि, युवाओं ने नशिले पदार्थों से बचना चाहिए. साथ ही अच्छे खान-पान और बेहतरीन स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा बॉडी बिल्डींग के क्षेत्र में आने के इच्छूक युवाओं से उन्होंने आवाहन किया कि, वे डायट और वर्कआउट पर ही अपना पूरा फोकस रखे, क्योंकि बॉडी बिल्डींग के क्षेत्र में शॉर्टकट नहीं चलते और जो युवा फटाफट बॉडी बिल्डींग करने के लिए किसी भी तरह की अन्य चीजों का सहारा लेते है, उन्हें आगे चलकर उसके गंभीर दुष्परिणाम भी भुगतने पडते है. अत: ज्यादा बेहतर है कि, सीधे रास्ते पर ही चला जाये.
* वो दो दिन अविस्मरणीय, भीग गई थी आंखे
विगत 11 व 12 दिसंबर को अपने जीवन का सबसे अविस्मरणीय समय बताते हुए सैय्यद फुजैल ने कहा कि, उन्होंने पहली बार मिस्टर एन्ड मिस एशिया स्पर्धा में हिस्सा लिया और इस स्पर्धा में हिस्सा लेना ही अपने आप में एक अलग अनुभव था. साथ ही 70-75 किलो की कैटेगिरी में भाग लेने के बाद जब उन्हें फाईनल राउंड में खडा किया गया, तो उनकी आंखे नम हो गई थी. इस समय उन्हें अपने माता-पिता द्वारा की गई हौसला-अफजाई व दुआओं की याद आयी. जिसके दम पर उन्होंने इस स्पर्धा में दो मेडल और प्रो कार्ड हासिल किये. 60 स्पर्धकों को पीछे छोडते हुए चैम्पियन ऑफ चैम्पियन का प्रो कार्ड हासिल करना उनके जीवन की सबसे बडी उपलब्धि है. ऐसा भी सैय्यद फुजैल ने दैनिक अमरावती मंडल को बताया.