135 चूल्हे का ऐसा भी रसोई घर, 2 लाख लोगों की क्षमतावाला भोजनकक्ष भी
हनुमान गढी पर चल रही ‘लार्जर दैन लाईफ’ तैयारियां
* ‘आउट ऑफ द बॉक्स’ की सोच के तहत चल रहा नियोजन
* भव्य से अतिभव्य की संकल्पना के तहत किया जा रहा काम
* 16 से 20 दिसंबर तक चलेगा शिवमहापुराण कथा का आयोजन
* पं. प्रदीप मिश्रा सुनाएंगे कथा, 10 लाख से अधिक भाविक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
* कथा आयोजन की पूर्व तैयारियों का जायजा – भाग 2 व अंतिम
अमरावती/दि.12 – आगामी 16 से 20 दिसंबर तक छत्री तालाब से आगे मालखेड रोड पर हनुमान चालीसा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें अंतर्राष्ट्रीय कथा प्रवक्ता तथा शिव भक्ति की गंगा को घर-घर तक पहुंचा देने वाले सिहोर निवासी पं. प्रदीप मिश्रा द्वारा शिवमहापुराण की कथा सुनाई जाएगी, जिन्हें सुनने हेतु 10 लाख से अधिक भाविक श्रद्धालुओं की भीड उमडने की संभावना है. ऐसे में 5 दिनों तक चलने वाली इस कथा को भव्य-दिव्य बनाने हेतु मालखेड रोड स्थित हनुमान गढी के नियोजित स्थल पर इस आयोजन के मद्देनजर व्यापक इंतजाम किए जा रहे है. ‘आउट ऑफ द बॉक्स’ की सोच तथा ‘लार्जर दैन लाईफ’ की तर्ज पर किए जा रहे इन इंतजामों को देखते हुए कहा जा सकता है कि, यह आयोजन अमरावती शहर सहित जिले के लिए ‘न भूतो, न भविष्यति’ साबित होने जा रहा है. इस आयोजन के तहत की जा रही तैयारियों का जायजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि, आयोजनस्थल पर भाविक श्रद्धालुओं की भोजन संबंधी जरुरत को पूरा करने के लिए 135 बडे-बडे चूल्हों यानि भट्टियों वाला रसोईघर साकार किया जा चुका है. साथ ही 80 बाय 400 फीट का विशालकाय डोम प्रसादालय के तौर पर बनाया गया है, जहां एक ही समय पर करीब 2 लाख लोगों को भोजन परोसने की व्यवस्था रहेगी. इस काम हेतु बुर्हानपुर निवासी दयाल मरोठिया (मिठाईवाले) के नेतृत्व में 100 लोगों की टीम भोजन बनाने का काम करेगी और दयाल मरोठिया की टीम ने अभी से ही हनुमान गढी परिसर में अपना डेरा जमाते हुए अपना काम संभाल लिया है तथा खुद दयाल मरोठिया की देखरेख में भट्टी व चूल्हे बनाने का काम चल रहा है. साथ ही साथ भोजन समिति के सदस्यों द्वारा अभी से ही तमाम जरुरी साजो-सामान की उपलब्धता को लेकर नियोजन किया जा रहा है.
जिले की सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा तथा श्री हनुमान चालीसा ट्रस्ट के मुख्य मार्गदर्शक सुनील राणा व लप्पीसेठ जाजोदिया की संकल्पना के तहत आगामी 16 से 20 दिसंबर के दौरान आयोजित होने जा रहे शिवमहापुराण कथा के आयोजन को लेकर चल रही तैयारियों के संदर्भ में दैनिक अमरावती मंडल ने गत रोज आयोजन स्थल का प्रत्यक्ष मुआयना किया था तथा तैयारियों को लेकर विस्तृत जानकारी के साथ ही कथास्थल के नक्शे को लेकर भी विस्तार से ब्यौरा प्रकाशित किया गया था. गत रोज जहां कथास्थल के मुख्य पंडाल सहित पार्किंग एवं वाहनों की आवाजाही से संबंधित अन्य कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां प्रकाशित की गई थी. वहीं आज आयोजन स्थल पर किए जाने वाले अन्य महत्वपूर्ण इंतजामों से संबंधित जानकारी प्रस्तुत की जा रही है. जिनमें सबसे महत्वपूर्ण इंतजाम कथास्थल के पास ही करीब 5 एकड क्षेत्रफल में साकार किया जाने वाला रसोई घर व ‘प्रसादालय’ नामक भोजन कक्ष का इंतजाम है, जहां पर दाल, चावल व सब्जी पकाने हेतु 35 बडी-बडी भट्टियां बनाई गई हैं. वहीं रोटी सेंकने व पकाने हेतु 100 रोटी भट्टियां बनाई गई हैं. साथ ही भोजन कक्ष के बगल में ही 80 बाय 400 फीट का विशालकाय डोम तैयार किया गया है, जहां पर एक ही समय 2 लाख लोगों को भोजन परोसा जा सकेगा.
* बिना प्याज व लहसून वाला सात्विक भोजन होगा तैयार
कथास्थल पर कथा आयोजन के दौरान लाखो भाविक श्रद्धालुओं हेतु भोजन की व्यवस्था करने का जिम्मा संभालने हेतु हाजिर हो चुके बुर्हानपुर निवासी दयाल मरोठिया (मिठाईवाले) ने दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए बताया कि, वे रोजाना सुबह 5 बजे से भोजन तैयार करने की प्रक्रिया शुरु कर देंगे और सुबह 10 बजे तक भोजन तैयार हो जाएगा. जिसे सुबह 10 से 1 बजे तक भाविक श्रद्धालुओं को परोसा जाएगा. वहीं इसके तुरंत बाद शाम के भोजन की तैयारी शुरु हो जाएगी और शाम का भोजन शाम 7 से 9 बजे तक परोसा जाएगा. यहां पर पांचों दिन बिना प्याज व लहसून का प्रयोग किये दाल, चावल, रोटी व सब्जी का शुद्ध व सात्विक भोजन तैयार किया जाएगा. साथ ही दोनों समय भोजन के साथ कोई एक मीठा पदार्थ भी परोसा जाएगा. भोजन कक्ष के थोडा पास ही बर्तनों को धोने का मांजने के लिए बेसिन एरिया बनाया गया है, जहां पर करीब 100 नल लगाए गए हैं. जिनके जरिए भोजन पकाने वाले बडे-बडे बर्तनों को धोने का काम होगा.
भोजन कक्ष व प्रसादालय का जिम्मा भोजन समिति द्वारा संभाला जा रहा है. इस समिति में शामिल किशोर पिवाल, प्रमोद येवतीकर, जयप्रकाश लढ्ढा, सुखदेव तरडेजा, महेश राठी, अविनाश पडिया, सुरेश ठक्कर, मिलिंद गुमले व पवन केसरवाणी पूरा समय यही पर मौजूद रहकर भोजन कक्ष को तैयार करने का जिम्मा संभाल रहे हैं.
* पं. प्रदीप मिश्रा रुकेंगे गंगा-सावित्री फार्म पर
– साधु-संतों का रहेगा कोंडेश्वर मंदिर में डेरा
आयोजकों की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक आगामी 15 दिसंबर की सुबह सिहोर निवासी पं. प्रदीप मिश्रा का अमरावती आगमन होगा. जिनके रुकने का इंतजाम राणा परिवार के गोविंदपुर स्थित गंगा-सावित्री फार्म हाउस पर किया गया है. वहीं इस आयोजन में हिस्सा लेने हेतु राज्य सहित देश के विभिन्न हिस्सों से पधार रहे साधु-संतों व महंतों के भोजन व निवास की व्यवस्था कोंडेश्वर मंदिर संस्थान में की गई है. जहां से उन्हें रोजाना एसटी बसों के जरिए कथा स्थल पर लाने-ले जाने का काम किया जाएगा. साधु-संतों के रुकने की व्यवस्था की जिम्मेदारी कोंडेश्वर मंदिर संस्थान के विश्वस्तों ने खुद होकर उठाई है. साथ ही संत समुदाय ने भी अपने रुकने की व्यवस्था पुरातनकालीन शिव मंदिर में रहने की जानकारी मिलने पर हर्ष जताया है.
* 20 एकड परिसर में बनाए गए हैं 400 स्वच्छता गृह व शौचालय
हनुमान गढी में आगामी 16 से 20 दिसंबर तक चलने वाली शिवमहापुराण कथा के लिए करीब 10 लाख लोग रोजाना उपस्थित रहेंगे, जिनमें से कई भाविक श्रद्धालु ऐसे भी होंगे, जो बाहरगांव से आएंगे और पांचों दिन इसी परिसर में निवास भी करेेंगे. इस बात के मद्देनजर आयोजन स्थल पर 20 एकड परिसर में करीब 400 स्वच्छता गृह व शौचालय बनाए गए हैं, जहां पर भाविक श्रद्धालुओं हेतु स्नान करने के लिए गर्म पानी की व्यवस्था भी की गई है. भाविकों की सुविधा के मद्देनजर मुख्य कथा स्थल के पिछले हिस्से और बायें हिस्से में की गई यह व्यवस्था भाविक श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर की गई है.
* रात्रि विश्राम हेतु भी पंडाल की व्यवस्था
बाहरगांव से आने वाले और पूरे 5 दिनों तक आयोजन स्थल पर ही डेरा जमाकर निवास करने वाले भाविक श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए आयोजन स्थल पर दो-दो हजार लोगों के निवास की व्यवस्था वाले पंडाल डोम भी आयोजकों द्वारा तैयार किये जा रहे हैं. इसके अलावा शहर के कई मंगल कार्यालयों व हॉल के संचालकों द्वारा भी अपने दरवाजे भाविक श्रद्धालुओं के रात्रि विश्राम हेतु खोल दिए गए हैं. इसके अलावा कई लोगों ने अपने खाली पडे घर भी भाविक श्रद्धालुओं के रुकने हेतु पांच दिनों के लिए मुहैया कराने की तैयारी दर्शायी है. यह जानकारी देते हुए कथा के मुख्य आयोजक सुनील राणा ने सभी शहरवासियों से आवाहन किया कि, यदि वे बाहरगांव से आने वाले भाविक श्रद्धालुओं हेतु 5 दिनों के लिए किसी भी तरह की कोई व्यवस्था कर सकते हैं, तो निश्चित तौर पर हनुमान चालीसा चैरिटेबल ट्रस्ट से संपर्क करें.
* कथा स्थल से लेकर दस्तूर नगर चौक तक लगेंगे 58 एलईडी
करीब साढे 3 लाख लोगों के बैठने की क्षमता वाले कथा पंडाल में सभी भाविक श्रद्धालुओं द्वारा कथा सुना रहे पं. प्रदीप मिश्रा को लाईव देखा व सुना जा सके. इस हेतु कथा पंडाल में अलग-अलग जगहों पर 36 एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी. इसके अलावा कथा पंडाल के बाहर आयोजन स्थल पर करीब 18 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाए जाएंगे, ताकि कथा पंडाल से बाहर मौजूद सभी लोग भी कथा का श्रवण कर सके. इसके साथ ही हनुमान गढी से लेकर दस्तूर नगर चौक तक करीब 14 स्थानों पर भी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी, ताकि कथास्थल से लेकर दस्तूर नगर चौक परिसर के बीच मौजूद प्रत्येक व्यक्ति इस कथा का श्रवण एवं पं. प्रदीप मिश्रा का दर्शन कर सके.
बता दें कि, दस्तूर नगर चौक पर गौरक्षण के निकट विशालकाय डोम साकार किया गया है, जहां पर पुलिस मदद केंद्र रहेगा. वहीं छत्री तालाब के पास विशालकाय डोम साकार करते हुए वहां पर स्वयंसेवी व सामाजिक संगठनों द्वारा भाविक श्रद्धालुओं को चाय-नाश्ते की नि:शुल्क सेवा प्रदान की जाएगी. इसके अलावा भी करीब 3 से 4 स्थानों पर नि:शुल्क सेवा व सहायता केंद्र रहेंगे. इन सभी स्थानों पर पूरा समय अच्छी खासी भीडभाड रहेगी. साथ ही दस्तूर नगर से कथा स्थल तक कई लोग पैदल चलते हुए पहुंचेंगे. ऐसे सभी लोग पूरे रास्ते भर के दौरान कथा को देखने व सुनने का आनंद ले सकेंगे.
* सुरक्षा के व्यापक इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर रहेगी पुलिस का नजर
– 1200 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की रहेगी पूरा समय तैनाती
आयोजन स्थल पर 10 लाख लोगों की मौजूदगी को देखते हुए किसी भी आपात एवं अप्रीय स्थिति से निपटने व ऐसी स्थिति को टालने हेतु भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं, जिसके तहत आयोजन स्थल पर कथास्थल के ठीक सामने 6 फीट की उंचाई पर 40 बाय 60 फीट क्षेत्रफल वाला पुलिस कंट्रोल रुम बनाया जा रहा है और पूरे परिसर में 2 वॉच टॉवर, 12 मदद केंद्र एवं 300 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. इन सभी सीसीटीवी कैमरों के जरिए पुलिस कंट्रोल रुम द्वारा पूरे परिसर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाएगी. इसके अलावा रात के समय पूरे परिसर पर नजर रखने हेतु आयोजन स्थल के चारों ओर 25 स्थानों पर टॉवर लाइट लगाए जा रहे हैं, जिसके चलते रात के समय पूरा परिसर रोशनी से नहाया रहेगा. इसके अलावा इस परिसर सहित परिसर के चारो ओर करीब 1200 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती रहेगी, जो कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के साथ ही इस परिसर में वाहनों की आवाजाही को सुचारु रखने का भी काम करेंगे.
* स्वास्थ्य संबंधित सेवाओं पर भी विशेष ध्यान
– अस्थायी अस्पताल सहित दर्जनों एम्बुलेंस वाहन रहेंगे तैनात
शिवमहापुराण कथा के आयोजन स्थल पर सभी तरह की स्वास्थ्य व चिकित्सा सुविधाओं से युक्त अस्थायी अस्पताल भी साकार किया जा रहा है. जहां पर कई विशेषज्ञ डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती रहेगी. जो किसी भी भाविक श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधित समस्या होने पर उसे चिकित्सा सेवा प्रदान करेंगे. इस अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था रहने वाले बेड उपलब्ध रखे जाएंगे. साथ ही मुख्य कथा पंडाल के बगल में प्रथमोपचार केंद्र की सुविधा रहेगी. इसके अलावा मुख्य कथा पंडाल के ठीक सामने पूरा समय एक कार्डियक एम्बुलेंस तथा आयोजन स्थल के आसपास करीब 6 एम्बुलेंस वाहन तैनात रहेंगे, जो जरुरत पडने पर किसी भी मरीज को तत्काल कथास्थल से अमरावती शहर स्थित अस्पताल में ले जाने हेतु तत्पर रहेंगे. इसके अलावा छत्री तालाब से कथास्थल के बीच पडने वाले 3 किमी के घाट में भी करीब 2 से 3 स्थानों पर एम्बुलेंस वाहन तैनात रखे जाएंगे, ताकि घाट वाले रास्ते पर किसी भी तरह का कोई हादसा पेश आने पर संबंधितों पर तत्काल ही चिकित्सा सुविधा व सहायता उपलब्ध कराई जा सके. इन सबके साथ ही कथास्थल के तीन अलग-अलग स्थानों पर 3 छोटे व बडे अग्निश्मन वाहन भी तैनात रखे जाएंगे, ताकि किसी भी अप्रीय स्थिति से तुरंत निपटा जा सके.
* वाशिम निवासी किसान राजू कचवे का ऐसा भी स्वयंस्फूर्त दान
आगामी 16 से 20 दिसंबर तक चलने वाली शिवमहापुराण कथा के आयोजन को सफल बनाने हेतु जहां एक ओर आयोजकों द्वारा तमाम बडे-बडे इंतजाम किए जा रहे हैं. वहीं समाज के अलग-अलग घटकों से वास्ता रखने वाले कई लोग भी इस आयोजन में ‘रामजी की गिलहरी’ वाली भूमिका निभा रहे हैं. इसी के तहत वाशिम जिले के भिवरी गांव निवासी राजू कचवे नामक किसान ने कथा का आयोजन शुरु होने से पहले ही आयोजन स्थल पर काम कर रहे लोगों के भोजन संबंधी जरुरत को देखते हुए अपने द्वारा उगाई गई 8 क्विंटल गोभी व 14 क्विंटल पालक अपनी ओर से कथास्थल पर भिजवा दी है. इसी तरह कथास्थल के आसपास स्थित गांवों में रहने वाले किसानों एवं दूध उत्पादकों द्वारा भी आयोजन स्थल पर अभी से ही अनाज, दूध, दही व छांछ की सेवा भेजी जा रही है.
* लाइट व साउंड के शानदार इंतजाम
कथा पंडाल सहित पूरे परिसर में रोशनाई के शानदार इंतजाम किए गए हैं, जिसके लिए नागपुर निवासी नरेंद्र साहू द्वारा अपने दर्जनों इलेक्ट्रीशियन के साथ मिलकर वायरिंग डालने और लाइट लगाने का काम किया जा रहा है. वहीं छत्तीसगढ स्थित सोनी साउंड सर्विस द्वारा कथास्थल एवं परिसर में ध्वनि प्रक्षेपण व निक्षेपण की व्यवस्था का जिम्मा संभालने हेतु माइक व लाउड स्पीकर लगाने का काम किया जा रहा है. इसके तहत कुछ इस तरह की व्यवस्था की गई है कि, व्यासपीठ से कहा गया हर शब्द ठीक उसी समय कथा स्थल के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सुनाई दे. साथ ही ऑडियो-विज्युअल की क्वॉलिटी एकदम साफ एवं गुणवत्तापूर्ण रहे. इस जरिए कथा पंडाल के भीतर बैठे तथा कथा पंडाल के बाहर मौजूद व्यक्ति सहित आयोजन स्थल से लेकर दस्तूर नगर चौक के बीच मौजूद रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एलईडी स्क्रीन के जरिए कथा का सीधा प्रसारण देखने व सुनने का आनंदपूर्ण अवसर मिलेगा.