मोर्शी – तहसील में अंग्रेजी माध्यमवाली शालाओं के साथ-साथ कई जिप शालाओं द्वारा ऑनलाईन पढाई का काम शुरू किया गया है. किंतु इस ऑनलाईन शिक्षा के लिए विद्यार्थियों के पास एंड्राईड सुविधावाला स्मार्ट फोन रहना बेहद जरूरी है. जो ग्रामीण क्षेत्र में हर एक के पास नहीं होता. जिसकी वजह से क्षेत्र के अभिभावकों को अपने आर्थिक समीकरण जोडकर एंड्राईड फोन खरीदने के लिए जद्दोजहद करनी पड रही है. ऐसे में कई छोटे बच्चों ने अपने पिग्मी बैंक को अपने अभिभावकों के हवाले कर दिया, ताकि उनके माता-पिता उनके लिए मोबाईल खरीद सके और उन्हें आर्थिक दिक्कतों का सामना न करना पडे. बच्चों द्वारा दिखाई गयी इस समझदारी से कई अभिभावक बेहद भावविभोर हो गये है. वहीं इस चक्कर में बच्चों द्वारा की गई बचत के खत्म हो जाने का दु:ख भी उन्हें हो रहा है.
बता दें कि, इस समय लॉकडाउन की वजह से सभी क्षेत्रों में लॉकडाउन चल रहा है. साथ ही सभी शालाएं पूरी तरह से बंद है और कई शालाओं ने नये शैक्षणिक सत्र में ऑनलाईन शिक्षा का काम शुरू किया है. जिसके लिए सभी विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन की सुविधा रहनेवाला मोबाईल रहना जरूरी है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में हर किसी के पास स्मार्ट फोन उपलब्ध नहीं रहता. वहीं इस समय ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश लोगों के पास कोई काम धंधा भी नहीं है. जिसके चलते लोगों के लिए अपना उदरनिर्वाह जारी रखना भी एक बडी समस्या है. ऐसी स्थिति में बच्चों की पढाई-लिखाई शुरू रखने के लिए मोबाईल फोन कहां से खरीदकर लाये, यह सबसे बडी दिक्कत है. लेकिन बच्चों की पढाई-लिखाई को शुरू रखना भी बेहद जरूरी है. जिसके चलते कई परिवारों ने पायी-पायी जोडकर की गई अपनी बचत को खर्च कर बच्चों के लिए मोबाईल खरीदे है, लेकिन इसके बावजूद यह अपने आप में सबसे बडा सवाल है कि, ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट की समस्या जारी रहने के चलते स्मार्ट फोन की सुविधा उपलब्ध हो जाने के बावजूद अधिकांश छात्रों तक ऑनलाईन शिक्षा का प्रवाह नहीं पहुंच पाया है. साथ ही एंड्राईड फोन लेने के बाद अब गरीब परिवारों को रोजाना २ से ३ जीबी डेटा प्राप्त करने हेतु प्रतिमाह भारीभरकम रकम नेटपैक के लिए भी खर्च करनी पड रही है.