अमरावती

शुगर-बीपी की जांच नि:शुल्क, दवाईयों के लिए लगते है पैसे

2 माह से ग्रामीण अस्पतालों में दवाईयों की किल्लत

अमरावती/दि.2 – जिले के सरकारी अस्पतालों में दवाईयों की किल्लत लगातार बनी हुई है. जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र के लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में विगत 2 माह से बीपी व शुगर मरीजों की जांच तो नि:शुल्क हो रही है, लेकिन इन मरीजों को दवाईयां बाहर से खरीदनी पड रही है. जिसके लिए उन्हें अपनी जेब से पैसे अदा करने पडते है.
विगत 1 वर्ष से हॉफकिंग द्बारा सरकारी अस्पतालों को की जाने वाली दवाईयों की आपूर्ति बंद है. इसके चलते जिला सामान्य अस्पताल प्रशासन द्बारा बीपीडीसी फंड से दवाईयों का स्टॉक खरीदकर उपजिला अस्पतालों व ग्रामीण अस्पतालों को उपलब्ध कराया जा रहा है. दिसंबर 2022 में जिला सामान्य अस्पताल में करीब 2 करोड रुपए की दवाईयां खरीदी थी, लेकिन इस स्टॉक भी खत्म हो जाने के चलते विगत 2 माह से जिला सामान्य अस्पताल से ग्रामीण क्षेत्र के सभी सरकारी अस्पतालों में बीपी, शुगर, मानसिक विकार व त्वचारोग संबंधी बीमारियों की किल्लत पैदा हो रही है. जिसके चलते मरीजों को बाहर से महंगी दवाईयां खरीदकर लानी पड रही है. ऐसे में कमजोर आर्थिक स्थिति से वास्ता रखने वाले मरीजों और उनके परिजनों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.

* दो दिन में इर्विन पहुंचेगी शुगर की दवाई
जिला सामान्य अस्पताल के औषध भंडार विभाग में डीपीडीसी फंड से ब्लड प्रेशर, शुगर व मानसिक बीमारियों की दवाईयां खरीदी है. जिसमें से कुछ दवाईयों मध्यप्रदेश से मंगाई गई है. सोमवार को मानसिक विकार व बीपी से संबंधित दवाईयों का स्टॉक जिला सामान्य अस्पताल को प्राप्त हुआ. परंतु इसकी खेप अब भी ग्रामीण क्षेत्र में नहीं पहुंची है. वहीं शुगर से संबंधित दवाईयों का स्टॉक आगामी 2 दिनों में प्राप्त होने की जानकारी अस्पताल प्रशासन द्बारा दी गई है.

* इन अस्पतालों को होती है दवाई की आपूर्ति
इर्विन स्थित औषधी भंडार से जिले के 2 जिला ग्रामीण अस्पताल, 5 उपजिला अस्पताल, 9 ग्रामीण अस्पताल, 5 ट्रामा केअर यूनिट तथा विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में दवाईयों की आपूर्ति की जाती है.

* प्रतिमाह लगती है करोडों की दवाई
जिला सामान्य अस्पताल, उपजिला अस्पताल व ग्रामीण अस्पताल आदि सरकारी अस्पताल में प्रतिमाह विविध बीमारियों से पीडित डेढ से दो लाख मरीज स्वास्थ्य जांच हेतु आते है. इन सभी मरीजों के लिए करोडों रुपए की दवाईयां प्रशासन को खरीदनी पडती है.

* बीपी व शुगर की दवाईयां खरीदी है, इसमेें से बीपी की दवाई प्राप्त हो चुकी है. वहीं शुगर की दवाईयां जल्द ही प्राप्त हो चुकी है. इन दवाईयों को उपजिला अस्पताल व ग्रामीण अस्पताल में पहुंचाने का काम चल रहा है.
– डॉ. दिलीप सौंदले,
जिला शल्यचिकित्सक,
इर्विन अस्पताल.

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