शक्कर कारखाने की जमीन नीलामी प्रक्रिया रोकी जाए
नीलामी प्रक्रिया रोकी न जाने पर किसान करेंगे आत्महत्या
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प्रकल्पग्रस्त किसानों ने पत्रकार परिषद में कहा
अमरावती/दि.16 – शेतकरी सहकारी शक्कर कारखाना देवगांव पूरी तरह से बंद पडा हुआ है. कारखाने की जमीन किसानों को वापस दिए जाने की बजाए जमीन की नीलामी कर बेचने का निर्णय प्रशासन व्दारा लिया गया है. जिसमें प्रकल्पग्रस्त किसानों व्दारा इस निर्णय का विरोध किया गया. जमीन की बिक्री किए जाने से किसानों को उनके उदर निर्वाह की बडी समस्या निर्माण होगी जिसमें जमीन न बेची जाए अन्यथा प्रकल्पग्रस्त किसान आत्महत्या करेंगे ऐसा इशारा शेतकरी सहकारी कारखाना बचाओ कृति समिति व्दारा दिया गया.
स्थानीय पत्रकार भवन में आयोजित पत्रकार परिषद में शेतकरी सहकारी कारखाना बचाओ कृति समिति के सदस्य राजाभाऊ मेटे ने इस संदर्भ में संपूर्ण जानकारी दी. अध्यक्ष मेटे ने बताया कि देवगांव स्थित शक्कर कारखाने के लिए यहां के रहने वाले 22 किसानों ने 32 हेक्टर जमीन 1984 में शक्कर कारखाने के लिए दी थी जमीन के बदले में घर के एक सदस्य को कारखाने में नौकरी भी दी गई थी. किंतु भविष्य में यह कारखाना बंद हो गया. बंद पडे कारखाने की जमीन मूल मालकों को वापस दी जाएगी ऐसा आश्वासन तत्कालीन संचालकों ने लिखित स्वरुप में जमीन के मालकों को दिया था.
पिछले कुछ सालों पूर्व शक्कर कारखाने पर दी महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लि. मुंबई का कर्ज बकाया रह गया था. जिसकी वजह से बैंक कारखाने की जमीन को नीलाम करने का विचार कर रही है. इसके पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में बैंक ने जमीन नीलामी की शुरुआत की थी किंतु किसानों व्दारा आक्षेप लिए जाने पर नीलामी कीे प्रक्रिया रोक दी गई थी. पुन: अब बैंक व्दारा नीलामी की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है
जमीन के नीलामी को लेकर 22 सितंबर को निविदा प्रकाशित की गई थी. जिमसें निविदा खोलने की तारीख 22 अक्तूबर दी गई है. जमीन की वापसी को लेकर किसानों व्दारा पिछले अनेक वर्षो से संघर्ष शुरु है. किसानों व्दारा जनप्रतिनिधि व प्रशासन से इस संदर्भ में चर्चा किए जाने के पश्चात भी प्रकल्पग्रस्त किसानों के हाथ केवल निराशा ही लगी है. अब किसानों ने फिर एक बार राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को निवेदन भिजवाकर नीलामी की प्रक्रिया रोकने की मांग की है मांग पूरी न किए जाने पर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में 22 अक्तूबर को किसानों व्दारा आत्महत्या करने का इशारा पत्रकार परिषद में दिया गया. इस समय बबन कुईटे, आशीष तितुरकर, किरण सुंदरकर, आनंद नेहारे, रवि ससनकर आदि उपस्थित थे.