आत्मघात कादंबरी ने दर्पण दिखाकर समाज व्यवस्था पर प्रकाश डाला – श्रीपाद जोशी के कथन
मनोहर परिमल द्बारा लिखित कादंबरी का उत्साह से प्रकाशन
नागपुर- दि. 20 आत्मघात सामाजिक कादंबरी का पिंड जड से समाज की अत्याचारों पर प्रहार करना है. लेखक ने अत्यंत सुंदर तरीके से यह विषय को उठाकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाकर एक नया विचार प्रस्तुत किया है. ऐसा प्रतिपादन ज्येष्ठ साहित्यिक श्री पाद जोशी ने किया.
वे इस समय श्रमिक पत्रकार संघ के टिलक पत्रकार सभागृह में ज्येष्ठ पत्रकार व साहित्यिक परिमल के आत्मघात इस कादंबरी का प्रकाशन के समय वे बोल रहे थे.
इस कार्यक्रम के अध्यक्ष ज्येष्ठ पत्रकार व नाटककार प्रभाकर दुपारे थे तथा प्रमुख अतिथि के रूप में नागपुर विभागीय सूचना व जनसंपर्क संचालनालय के संचालक हेमराज बागू तथा ज्येष्ठ पत्रकार विनोद देशमुख प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलित कर तथा अतिथियों के स्वागत कर की गई. मंच पर अतिथियों के हाथों सभागृह में उपस्थित मान्यवरों के उपस्थिति में लेखक मनोहर परिमल के आत्मघात कादंबरी का उत्साह से प्रकाशन किया गया. पूर्व प्राचार्य डॉ. अशोक काले ने अतिथियों का परिचय कर प्रास्ताविक किया.
इस अवसर श्रीपाद जोशी ने कहा कि लेखको ने कादंबरी में से समाज को दर्पण दिखाकर अपनी समाज व्यवस्था किस स्तर पर जारही है. इस पर प्रकाश डाला. उसके बाद नागपुर की सूचना विभागीय संचालक हेमराज बागूल ने इस सामाजिक कादंबरी का उल्लेख कर स्पष्ट किया कि लेखक ने पत्रकारिता की जान की बाजी लगाकर अपनी कला प्रस्तुत की.
इस अवसर पर अतिथि जोशी ने कहा कि मराठी साहित्य में एक उत्कृष्ट कादंबरी के रूप में इस कादंबरी को दूसरे पर्व पर समाज के सामने लाना जरूरी है. इस अवसर पर समाज के सभी नागरिक व पत्रकार बडी संख्या में उपस्थित थे.