अमरावती

सुकली कंपोस्ट डिपो बना जान का जंजाल

गंदगी और दुर्गंध के चलते परिसरवासियों का जीना मुहाल

* कचरे की ढेर में कई बार लग जाती है आग, जहरीले धुए से फैलता है प्रदूषण
अमरावती/दि.4 – शहर के विभिन्न इलाकों से रोजाना निकलने वाला कचरा सुकली रसुलपुर परिसर में बनाए गए कंपोस्ट डिपो में लोकर डाला जाता है. जिसमें गिले कचरे का भी समावेश रहने के चलते यह कचरा सडकर दुर्गंध पैदा होती है. वहीं इस कचरा डिपो में मृत जानवर भी लाकर डाले जाते है. जिसकी वजह से वहां पर 5-10 मिनट रुकना भी संभव नहीं होता और इस परिसर से चेहरे व नाक पर रुमाल बांधकर ही गुजरना पडता है. इसके अलावा कई बार इस परिसर में स्थित कचरे के बढे-बढे ढेर में आग भी लग जाती है और पूरे परिसर में कचरे के ढेर से उठने वाला जहरीला हुआ फैलता है. ऐसे में इस कंपोस्ट डिपो के आसपास स्थित रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों का जिना मुहाल हो गया है.
हालांकि सुकली कंपोस्ट डिपो के एकदम आसपास कोई घनी रिहायशी बस्ती नहीं है. लेकिन इस परिसर मेें कई लोगों की खेती-बाडी है. ऐसे में उन्हें अपने खेतों में काम करने के लिए सुकली कंपोस्ट डिपो मार्ग से ही होकर आना-जाना बढता है और रोजाना इस कंपोस्ट डिपो से उठने वाली दुर्गंध का सामना भी करना पडता है. चूंकि इन दिनों सुकली कंपोस्ट डिपो में जमा रहने वाले पुराने कचरे पर बायोमायनिंग की प्रक्रिया हो रही है. जिसके चलते कचरे के पहाड धीरे-धीरे कम हो रहे है. महानगरपालिका ने सुकली के साथ ही अकोली में घनकचरा व्यवस्थापन प्रकल्प कार्यान्वित किया है. जिसके जरिए खाद की निमित्ति भी हो रही है, ऐसी जानकारी स्वच्छता विभाग द्बारा दी गई है.

* रोजाना कितना कचरा होता है जमा
शहर के 22 प्रभागों व बाजार क्षेत्र से रोजाना कचरा संकलन किया जाता है. जिसके तहत रोजाना 200 से 225 टन कचरा संकलित होता है. कचरा संकलन वाहनों में गिले व सूखे कचरे को अलग-अलग संकलित करने हेतु 2 स्वतंत्र कप्पे होते है. ठेकेदार के वाहन से इस कचरे को प्रभाग में रखे गए कंटेनर में लाकर डाला जाता है. जहां से इन कंटेनरों को ट्रक व डम्पर के जरिए सुकली कंपोस्ट डिपो में भेजा जाता है. वहीं अब कुछ कचरे को इन दिनों अकोली कंपोस्ट डिपो में भी घनकचरा व्यवस्थापन अंतर्गत भिजवाया जाता है. स्वास्थ्य के लिए है खतरा. सुकली कंपोस्ट डिपो से हमेशा ही भयानक दुर्गंध उठती है और इस परिसर में चहूंओर गंदगी का आलम रहता है. साथ ही गिले कचरे से रिसनेवाला गंदा पानी भूगर्भ में रिसकर भूगर्भी जल को दूषित करता है. ऐसे में इस परिसर में बडे पैमाने पर वायु व जल प्रदूषण होता है. इसकी वजह से यहां से हमेशा ही आने-जाने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पडता है. इसके अलावा इस परिसर से उठने वाली दुर्गंध और कचरे के ढेर में आग लगने पर निकलने वाले जहरीले धुए की वजह से भी आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर बेहद गंभीर परिणाम पडते है.

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