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अमरावती से सुलभा खोडके की टिकट पक्की, वही हुआ जो तय था

अजीत पवार गुट वाली ने सुलभा खोडके को बनाया प्रत्याशी

* भाजपाईयों की उम्मीदें धरी की धरी ही रह गई
अमरावती/दि.23 – विगत 5 वर्षों से अमरावती की कांग्रेस विधायक रहने वाली सुलभा खोडके ने आखिरकार उम्मीद के मुताबिक आज अजीत पवार गुट वाली राकांपा में प्रवेश कर लिया और जैसा कि, पहले से तय माना जा रहा था, उसी अनुरुप अजीत पवार गुट वाली राकांपा ने भी विधायक सुलभा खोडके को विधानसभा चुनाव हेतु अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित करते हुए उन्हें पार्टी का ‘ए-बी’ फॉर्म भी दे दिया है. इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि, महायुति के तहत अमरावती विधानसभा सीट अजीत पवार गुट वाली राकांपा के हिस्से में छूटी है और इस सीट पर अंतिम समय तक अपना दावा करने वाले अमरावती भाजपा के पदाधिकारियों व इच्छूकों की उम्मीदें धरी की धरी रह गई है.
बता दें कि, इससे पहले राकांपा की टिकट पर बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रह चुकी सुलभा खोडके तथा उनके पति संजय खोडके की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और पवार परिवार के साथ नजदीकियां किसी से छिपी नहीं है. यद्यपि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के समय उपजे हालात की वजह खोडके दम्पति ने खुद को राकांपा से अलग कर लिया है. लेकिन वर्ष 2019 का विधानसभा चुनाव आते-आते संजय खोडके एक बार फिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में लौट आये थे. वहीं उस समय खुद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सुलभा खोडके को अमरावती से कांग्रेस की टिकल दिलाने हेतु कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी से बात करते हुए शिफारिश की थी. ऐसे में कांग्रेस की टिकट पर विधायक निर्वाचित होने के बावजूद सुलभा खोडके का झुकाव शरद पवार व अजीत पवार सहित राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर अधिक रहा. चूंकि उस समय एकीकृत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी राज्य की महाविकास आघाडी सरकार में कांग्रेस के साथ ही शामिल थी. अत: इस बात से कांग्रेस को कोई विशेष फर्क नहीं पड रहा था. लेकिन राकांपा नेता अजीत पवार द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बगावत करने के साथ ही जैसे ही अपने समर्थक विधायकों के साथ पाला बदलकर भाजपा व शिंदे गुट वाली शिवसेना का समावेश रहने वाली महायुति का दामन थामा गया, तो कांग्रेस विधायक रहने वाली सुलभा खोडके केवल नाम के लिए ही कांग्रेस में बची और उन्होंने अपने पति व राकांपा अजीत पवार गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष रहने वाले अपने पति संजय खोडके का साथ देते हुए अजीत पवार गुट का समर्थन करना शुरु कर दिया. यह बात राज्यसभा व विधान परिषद हेतु कराये गये चुनाव के समय हुई क्रॉस वोटींग के समय उजागर हुई. जब क्रॉस वोटींग करने वाले विधायकों में सुलभा खोडके का भी नाम आया था. साथ ही अपने पूरे कार्यकाल के दौरान विधायक सुलभा खोडके की अमरावती जिले से ही कांग्रेस विधायक रहने वाली एड. यशोमति ठाकुर सहित कांग्रेस नेता डॉ. सुनील देशमुख के साथ कभी पटरी नहीं बैठी. जिसके चलते शहर कांग्रेस के पदाधिकारियों ने हमेशा ही विधायक सुलभा खोडके को कांग्रेस के कार्यक्रमों से दूर ही रखा. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ विधान परिषद चुनाव में की गई क्रॉस वोटींग के चलते कांग्रेस ने विधायक सुलभा खोडके को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया. जिसके चलते अब विधायक सुलभा खोडके ने एक बार फिर अजीत पवार गुट के पाले में आते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में घर वापसी कर ली है.
इधर इसी बीच महायुति में शामिल रहने वाले राकांपा नेता अजीत पवार ने सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई चर्चा में उन्हें इस बात के लिए मना लिया था कि, महाराष्ट्र में जिन सीटों के लिए मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 30 फीसद या उससे अधिक है, उन सीटों को महायुति के तहत अजीत पवार गुट वाली राकांपा के लिए छोडा जाएगा. जिस पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा दी गई मंजूरी के लिए अमरावती निर्वाचन क्षेत्र को महायुति के तहत अजीत पवार गुट वाली राकांपा के हिस्से में छोडा गया है. क्योंकि इस सीट पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है. जबकि उधर दूसरी ओर अमरावती को अपनी परंपरागत सीट बताते हुए महायुति में शामिल भाजपा के स्थानीय पदाधिकारियों द्वारा अमरावती निर्वाचन क्षेत्र को महायुति के तहत भाजपा के कोटे में ही रखे जाने की मांग उठाई जा रही थी. जिसके लिए पार्टी के कई नेताओं ने नागपुर जाकर केंद्रीय मंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी से मुलाकात करने के साथ ही पार्टी द्वारा निरीक्षक बनाकर अमरावती भेजे गये गुजरात राज्य के मंत्री प्रल्हाद पटेल से भी बात की थी और इन दोनों नेताओं ने जिला मुख्यालय रहने वाली अमरावती सीट को भाजपा के ही हिस्से में रखे जाने पर अपनी सहमति भी दर्शायी थी तथा अपने पास आने वाले पार्टी पदाधिकारियों को आश्वस्त भी किया था. परंतु महायुति की सरकार चला रहे राज्य के उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने गठबंधन धर्म का हवाला देते हुए अमरावती निर्वाचन क्षेत्र को अजीत पवार गुट वाली राकांपा के हिस्से में छोडने का निर्णय लिया. जिसके बाद अब अजीत पवार गुट वाली राकांपा द्वारा अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से विधायक सुलभा खोडके को महायुति की ओर से अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, अमरावती सीट को भाजपा के कोटे में रखे जाने और यहां से टिकट मिलने हेतु दावा करने वाले के अभियान की अगुवाई कर रहे भाजपा के स्थानीय नेताओं द्वारा क्या कदम उठाया जाता है और कौनसी भूमिका अपनाई जाती है.
उल्लेखनीय है कि, भाजपा की ओर से पूर्व राज्यमंत्री जगदीश गुप्ता द्वारा अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से खुद को भाजपा का टिकट मिलने हेतु सतत प्रयास किये जा रहे थे. जिन्हें लोकसभा चुनाव के समय पार्टी की संसदीय पद प्रत्याशी नवनीत राणा ने विधानसभा हेतु पार्टी का टिकट दिलाये जाने का आश्वासन दिया था. जिसके चलते पूर्व विधायक जगदीश गुप्ता काफी हद तक उम्मीदों से भर गये थे, लेकिन ऐन समय पर हुए सीट बंटवारे के निर्णय की वजह से पूर्व विधायक जगदीश गुप्ता की उम्मीदें धरी की धरी रह गई है तथा राजनीतिक जानकारों द्वारा काफी पहले से जतायी जा रही उम्मीदों के अनुरुप वही ंहुआ है, जो पहले से तय था. जिसके तहत अमरावती विधानसभा क्षेत्र महायुति के तहत अजीत पवार गुट वाली राकांपा के लिए छूटा है और अजीत पवार गुट ने विधायक सुलभा खोडके को महायुति की ओर से अपना अधिकृत प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है.

– अजीत पवार गुट ने 38 प्रत्याशियों के नामों की पहली सूची की जारी
* पहली सूची में मोर्शी-वरुड निर्वाचन क्षेत्र का समावेश नहीं
बता दें कि, अमरावती जिले की 8 में से अमरावती तथा मोर्शी-वरुड सीटों पर महायुति के तहत अजीत पवार गुट वाली राकांपा का दावा तय माना जा रहा था. जिसमें से आज अजीत पवार गुट की ओर से 38 सीटों हेतु घोषित की गई अपनी पहली सूची में अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से विधायक सुलभा खोडके के नाम की घोषणा तो की गई है, लेकिन इस पहली सूची में अजीत पवार समर्थक रहने वाले विधायक देवेंद्र भुयार के निर्वाचन क्षेत्र मोर्शी-वरुड सीट के नाम का समावेश नहीं है. जिसे लेकर काफी हद तक आश्चर्य भी जताया जा रहा है. साथ ही अब सभी की निगाहे अजीत पवार गुट वाली राकांपा की ओर से घोषित होने वाली दूसरी सूची की ओर लगी हुई है. क्योंकि अब नामांकन प्रक्रिया का दौर शुरु हो चुका है. जिसके खत्म होने में अब मात्र 6 दिन का समय शेष बचा हुआ है.

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