सुलभा खोडके की महायुति में अघोषित एन्ट्री, औपचारिक घोषणा शेष
अजीत पवार के दौरे एवं कार्यक्रमों की रेलचेल ने दिए संकेत
* जिले के विकास हेतु भरपूर फंड लाने में दंपत्ति सफल
* डीसीएम की उपस्थिति में उद्घाटन, शिलान्यास का रेला
* सभी कार्यक्रम शासकीय, इसलिए मंच पर तमाम अफसरान
* मुस्लिम एरिया को भरपूर समय दिया डीसीएम पवार ने
* चुनाव की घोषणा से ठीक पहले संजय खोडके का मास्टर स्ट्रोक
अमरावती/ दि. 27 – उप मुख्यमंंत्री अजीत पवार के हस्ते 1420 करोड के मूलभूत सुविधा के विकास कार्यक्रमों का उद्घाटन और शिलान्यास करवा कर विधायक सुलभा संजय खोडके ने ऐन विधानसभा चुनाव के पहले एक ओर जनमानस पर अपनी शानदार कर्तृत्ववान इमेज की छाप छोडी वही दूसरी ओर उनकी सत्तारूढ महायुति में अघोषित एन्ट्री हो गई. वैसे उनके यजमान सत्ता में भागीदार राकांपा अजीत पवार गट के प्रदेश उपाध्यक्ष रहने के साथ महायुति में है ही. गुरूवार के आयोजनों ने सुलभा खोडके के भी महायुति में आने पर मुहर लगा दी. इतना ही नहीं तो अमरावती विधानसभा से वे ही महायुति की प्रत्याशी होगी. यह भी करीब करीब तय हो गया. औपचारिक घोषणा बाकी है. इतना जरूर है कि हाल के वर्षो में उप मुख्यमंत्री को अमरावती बुलाकर लगभग 1420 करोड के विकास कार्यो की झडी लगाने का अपनी तरह का पहला और प्रभावशाली काम सुलभा खोडके ने कर दिखाया है. इसे उनके यजमान संजय खोडके द्बारा अपने तमाम विरोधियों पर मास्टर स्ट्रोक भी बताया जा रहा है.
* गुरू से अधिक अहमियत जिले को
सुलभा खोडके के यजमान संजय खोडके मंत्रालय में अधिकारी रहते उनके शरद पवार परिवार से घनिष्ठ संबंध रहे. अपितु संजय खोडके ने अनेक अवसरों पर कहा भी कि शरद पवार उनके राजनीतिक गुरू हैं. किंतु अमरावती जिले के विकास का मौका आया तो संजय खोडके ने केवल जिले की तरक्की और विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए सीनियर पवार का दामन त्याग दिया. शरद पवार के भतीजे अजीत पवार का संपूर्ण साथ,सहयोग किया. जुलाई 2023 के आरंभिक दिनों के फुटेज में संजय खोडके अजीत पवार के साथ बराबर कंधे से कंधा लगाकर दिखाई दिए थे. अजीत पवार द्बारा अपने चाचा से अलग होने के बडे फैसले में संजय खोडके उनके साथ रहे.
*अमरावती के लिए लाया भरपूर फंड
खोडके की विधायक पत्नी सुलभा खोडके ने कांग्रेस में रहते हुए अपने विधानसभा क्षेत्र विकास के लिए प्रयत्न जारी रखे थे. अजीत पवार के वित्त और नियोजन मंत्री बनने से सुलभा खोडके ने अमरावती के वर्षो से प्रलंबित कई प्रकल्पों के प्रस्ताव नये सिरे से बनवाए और उन्हें शासन के सामने रखा. केवल इतने पर वे नहीं मानी. अपितु उन्होंने सतत फालोअप लिया. एक विभाग से दूसरे विभाग प्रस्तावों को मंजूर करवाने में दौड धूप की. सुलभा खोडके वित्त मंत्री और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार से जिले के विकास प्रकल्पों हेतु भरपूर धन लाने में सफल रही. जिसमें 865 करोड का विस्तारित जलापूर्ति का प्रकल्प शामिल है. यह अनेक मायनों में महत्वपूर्ण परियोजना है. इससे अमरावती बडनेरा शहर की जलापूर्ति 2055 तक सुनिश्चित हो गई.
* साध्य किया टाइमिंग
संजय खोडके अपनी टाइमिंग के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने एक बार फिर बिल्कुल विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने से ठीक पहले अजीत पवार को विविध उद्घाटन और शिलान्यास के लिए आमंत्रित किया. पवार ने भी भरपूर समय खोडके दंपत्ति के लिए रखा था. संयोग से गुरूवार को ही खोडके दंपत्ति के सुपुत्र यश खोडके का जन्मदिन रहा. जिसे अनेकानेक कार्यक्रम लेकर चिरस्मरणीय बना दिया गया. यह भी संयोग है कि चुनाव आयोग का दल आज ही महाराष्ट्र मेें तैयारियों का अवलोकन करने आया है. सर्वविदित है कि आयोग के दल की किसी राज्य में विजिट पश्चात पखवाडे भर में चुनाव तारीखों का ऐलान होता है.
* मुस्लिम क्षेत्र को भरपूर समय
सुलभा खोडके को विधानसभा चुनाव में सभी समाज का समर्थन मिला. उसमें भी मुस्लिम बहुल भागों में उन्होंने अच्छी पैठ बनाई. इसलिए अजीत पवार के दौरा कार्यक्रम में मुस्लिम क्षेत्र के भूमिपूजन के अनेक आयोजन रखे गये. डीसीएम पवार ने भी खोडके के रणनीतिक दांव को सफल करते हुए इस क्षेत्र में भरपूर समय दिया. समर्थक, विरोधक सभी के निवेदन सहर्ष स्वीकार किए. उनसे संवाद किया. अजीत पवार उनसे मिलनेवाले पदाधिकारियों को खूब प्रभावित कर गये. पुणे में पीएम मोदी का दौरा रद्द हो जाने से अजीत पवार ने अमरावती में अपनासमय बढा दिया. खोडके दंपत्ति की मेजबानी स्वीकार की. उनके संग ही भोजन लिया. जानकार बताते हैं कि अजीत पवार ने मुस्लिम इलाकों में किए गये विकास कार्यो के भूमिपूजन और सभी से सहज संवाद कर दिल जीत लिया. यहां भी संजय खोडके की रणनीति कारगर कही जा रही है.
* शासकीय कार्यक्रम, अधिकारी मंच पर
गुरूवार के सभी आयोजन शासकीय कार्यक्रम होने से मंच पर विभागीय आयुक्त डॉ. निधि पाण्डेय, कलेक्टर सौरभ कटियार, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. दिलीप सौंदले और अन्य अफसरान मंच पर विराजमान रहेे. जानकार बताते हैं कि सुलभा खोडके की राकांपा अजीत पवार की अधिकृत उम्मीदवार के रूप में घोषणा नहीं होने की एक वजह यह भी रही. अजीत पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में आधिकारिक रूप से सहभागी हुए थे. उनकी पार्टी ने अलग से कोई जनसभा या कार्यक्रम नहीं रखा. जिससे पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने सुलभा खोडके के अमरावती से महायुति प्रत्याशी होने के स्पष्ट संकेत दे दिए. केवल औपचारिक घोषणा से यह कहते हुए बचे कि महायुति में सीट शेयरिंग बाकी है.
* खोडके का शानदार नियोजन
राज्य शासन से भरपूर फंड लाने, तत्परता से वर्कऑर्डर जारी करवाने में सिध्दहस्त संजय खोडके अपने बेहतरीन नियोजन के लिए भी जाने जाते हैं. कई लोग उन्हें इस मामले में मोदी शाह से बेहतर इवेंट मैनेजर और टाइमिंग साध्य करनेवाला ऐसे ही नहीं बताते. गुरूवार के प्रत्येक आयोजन में खोडके के नियोजन और रणनीति का प्रभाव जानकारों ने बराबर महसूस किया. शक्तिप्रदर्शन से बचते हुए संजय और सुलभा खोडके ने गुरूवार के डीसीएम के दौरे से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वसीम अकरम की फुलटॉस पर सचिन तेंदुलकर समान सिक्सर जडने जैसा काम कर दिया.
‘’