अमरावतीमहाराष्ट्र

सुंदरकांड संपूर्ण रामचरितमानस का हृदयस्थल

प. पू. ईश्वरचंद्र शास्त्री का कथन

* भक्तिधाम में चल रही है सुंदरकांड कथा
अमरावती /दि.21– अगर रामचरितमानस भारत की राममय संस्कृति का प्राण है, तो सुंदरकांड संपूर्ण रामचरितमानस का हृदयस्थल कहा जा सकता है. भक्ति भावना का चरमोत्कर्ष हमें सुंदरकांड में दिखाई देता है. भगवान राम के सेवक भाव को सुंदरकांड में काफी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है. इसी सुंदरकांड से हनुमान एक ऐसा कार्य कर सके, जो युगोंयुगों तक उनके द्वारा ही संभव किया जाने वाला एक असंभव कार्य कहलाया. इसी कांड की वजह से वे भगवान राम के हृदय में परम पद पा सके और सर्वाधिक निकट पहुंच सके, ऐसा कथन जुनागढ से पधारे प. पू. ईश्वरचंद्र शास्त्री ने किया.
बडनेरा रोड स्थित भक्तिधाम मंदिर में 16 मार्च से दो सत्रों में दोपहर 3.30 से 6.30 तथा रात 8.30 से 11.30 बजे तक प्रारंभ सुंदरकांड पर विचारात्मक तथा विस्तुत वर्णन करने हेतु गुजरात के जुनागढ से पधारे प. पू. ईश्वरचंद्र शास्त्री द्वारा सरल हिंदी भाषा में सुंदरकांड के संपूर्ण दोहों का गायन तथा विस्तृत विवेचन किया गया. हर दिन इस कथा में सकल गुजराती समाज सहित अनेक श्रद्धालु बडी संख्या में पहुंच रहे है. प. पू. ईश्वरचंद्र शास्त्री ने कहा कि, एक मनुष्य एक साधक की दृष्टि से, परिवार की दृष्टि से अपने स्वयं में तथा परिवार के हित के लिए कितना मंगल तथा उत्तम है, कल्याणकारी है, सुखदायक, उत्तम फलदायक है, यह उन्होंने अपनी सरल शैली में समझाया. गुरुवार 20 मार्च को सुबह 9 से 12 बजे तक अंतिम सत्र में आखिरी 8 दोहों के माध्यम से सुंदरकांड की कथा का समापन हुआ. तत्पश्चात कथा में उपस्थित श्रोताओं में से दो बहनों तथा भाईयों की ओर से प. पू. ईश्वरचंद्र शास्त्री की कथा पर अभिप्राय दिये गये. पश्चात जलाराम सत्संग मंडल के अध्यक्ष दिलीपभाई पोपट तथा उपाध्यक्ष हसमुखभाई कारिया द्वारा प. पू. ईश्वरचंद्र शास्त्री का शाल, श्रीफल देकर सत्कार किया गया. इसके अलावा कथा में पंडितजी के साथ संगीतमय कथा में सहयोग करने वाले बैंजो, तबला और खंजिरीवादक का स्वागत नीलेशभाई भीमजयानी, राजूभाई पोपट, सहसचिव राजूभाई आडतिया, नितिनभाई गणात्रा, हसमुखभाई उपाध्याय, दीपकभाई रायचुरा ने किया. पूज्य शास्त्रीजी द्वारा उत्कृष्ठ साउंड व्यवस्था के लिए राहुल, वीडियो संयोजन तथा यूट्यूब व्यवस्था के लिए केतन पलन, स्टेज व मंडप सजावट के लिए केतन सेठिया, कथा दौरान सभी दिन संध्या प्रसाद भोजन की व्यवस्था के लिए लालचंद गुप्ता, अनिलभाई पंड्या, जयभाई राजा आदि को संपूर्ण वर्षभर हर दिन भक्तिधाम में चल रही राम रोटी, गुरुवार का महाप्रसाद तथा अन्य धार्मिक कार्यों के लिए सम्मान किया गया. इसी तरह गोविंदभाई पटेल व भक्खूभाई तन्ना द्वारा संपूर्ण वर्षभर शहर के विभिन्न प्रतिष्ठान में रखी गई दानपेटियों की दान राशि इकट्ठा कर हिसाब रखते हुए यह निधि भक्तिधाम में नियमित रुप से पहुंचाने पर सम्मानित किया गया. इस आयोजन को सफल बनाने में महिला शक्ति का भी काफी योगदान रहा. श्री जलाराम सत्संग मंडल की अध्यक्षा रश्मीबेन रायचुरा, लोहाणा महिला मंडल की अध्यक्ष सरलाबेन तन्ना को भी पूज्य शास्त्रीजी के हाथों सम्मानित किया गया.
इसके अलावा इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विशेष योगदान के लिए मंदिर के कार्यालय में कार्यरत सोनलबेन पोपट, नागपुर से विशेष रुप से पधारे श्री व श्रीमती दिलीपभाई ठकराल, श्री व श्रीमती दिपक भाई तेली, हसमुखभाई उपाध्याय को भी सम्मानित किया गया. प्रसादी भोजन में प्रत्यक्ष सहयोग के लिए श्रीमती नलूबेन, श्रीमती मंदाबेन, श्रीमती हेमलताबेन, कल्याणी शर्मा, श्रीमती श्रद्धाबेन, श्रीमती शारदाबेन, श्रीमती सपनाबेन, श्रीमती नीताबेन का भी स्वागत किया गया. अंत में कथा समाप्ति पर आयोजित यज्ञ तथा आरती व आशीर्वाद के बाद हजारों लोगों ने भोजन प्रसादी का आनंद लिया.

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