अमरावती

सूर्यफुल का क्षेत्र निरंक, किसानों में जनजागरण की आवश्यकता

रबी में सूर्यफुल कालबाह्य

अमरावती /दि. १- दशकपूर्व उत्तम उत्पादन रहने वाले सूर्यफुल का क्षेत्र निरंक होने से कालबाह्य हुआ है. इस फसल की ओर किसानों की रूझान नहीं दिख रहा है. इसलिए कृषि विभाग की विविध योजनाओं के माध्यम से किसानों में जनजागरूकता की आवश्यकता निर्माण हो गई है. इस बार खरीफ में केवल अमरावती जिले में ही नहीं बल्कि यवतमाल, अकोला और वाशिम जिले में सूर्यफुल का क्षेत्र निरंक है. केवल बुलडाणा जिले में १०९ हेक्टेयर क्षेत्र अधिक है. इस फसल की उत्पादकता बेहतर है और फसल को दाम में अच्छा मिल रहा है. किसानों का प्रतिसाद दिखाई नहीं दे रहा है. इस फसल को पानी ज्यादा लगता है, फिरभी इन दिनों दो-तीन वर्षों में भूजलस्तर बढने से रबी की सिंचाई के लिए पानी कम नहीं.बावजूद इसके किसानों की रूचि नहीं दिख रही. केवल सूर्यफुल ही नही तो करडई, जवस, ग्रीष्म मूंगफली, ग्रीष्म सोयाबीन को किसानों का उतना प्रतिसाद नहीं मिल रहा. जिले में करडई की केवल दो हेक्टेयर और जवस का केवल १२ हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई है. इसके अलावा सरसों का २०६ हेक्टेयर क्षेत्र है. कुल मिलाकर रबी सीजन में इन फसलों की ओर किसानों की रूचि नहीं दिखाई देती.
किसानों में जनजागृति करेंगे
सूर्यफुल की फसल लेने किसानों की रूचि नहीं दिखाई दे रही. तथा अन्य अनाज का क्षेत्र भी कम हो रहा है. इसके लिए कृषि विभाग की विविध योजना द्वारा किसानों में जनजागृति कर योजना का लाभ दिया जाएगा. इस योजना द्वारा किसानों को बीज उपलब्ध करवाएंगे.
-किसनराव मुले
विभागीय कृषि सहसंचालक
चना फसल की ओर रूझान
चना फसल के लिए अन्य फसलों की तुलना में कम खर्च और कम श्रम लगता है. तथा उत्पादन भी अच्छा होता है. इसलिए किसानों का रूझान चना फसल की ओर अधिक है. इस बार सबसे अधिक बुआई क्षेत्र है. इसलिए अन्य फसलों का क्षेत्र कम हो रहा है.

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