सुपर के चिकित्सकों ने 23 घंटे की सर्जरी सफल की
मस्तिष्क और गर्दन के बीच बनी गांठ

* अकोला की महिला को दिलाया पीडा से छुटकारा
अमरावती/ दि. 1- विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल में पुन: एक जटिल शस्त्रक्रिया यशस्वी की गई जब मस्तिष्क और गर्दन के बीच उभर आए ट्यूमर को निकाला गया. जिससे मूलरूप से अकोला निवासी 31 साल की महिला को पीडा से राहत मिली. यह शल्यक्रिया दो चरण मेंं दो ि दिन करनी पडी. लगभग 23 घंटे इस जटिल ऑपरेशन को लगे.
इस समय वैद्यकीय अधीक्षक अमोल नरोटे व विशेष कार्य अधिकारी डॉ. मंगश मेंढे के मार्गदर्शन में न्यूरोसर्जन डॉ. योगेश सावदेकर, डॉ. भूषण ढोंबरे, डॉ. अमोल ढगे, डॉ. अंकुश वानखडे, डॉ. अभिजीत बेलेे, बधिरीकरण तज्ञ डॉ. बालकृष्ण बागवाले, डॉ. दिपाली देशमुख, डॉ. दिपाली मडावी, डॉ. शीतल, डॉ. माधव ढोपरे, डॉ. श्याम गावंडे, डॉ. साक्षी सपकाल, डॉ अरेल मालोकार, डॉ. कुर्तकोटी, शीतल बोंडे, डॉ. पायल रोकडे, डॉ. दिव्यानी मुंदाणे, अधिसेविका चंदा खोडके, मनीषा रामटेके, तेजल बोंडगे, स्नेहल काले, शुभम गवई, यश गवई, आकाश काले, राहुल कावनपुरे, रोहित ताथवडे, वेदांत इंदूरकर आदि का ऑपरेशन में महत्वपूर्ण सहकार्य रहा.
* पेन किलर फेल, अत्यंत पीडा
महिला रूग्ण को सिर के बांयी ओर तेज दर्द हो रहा था. उसे कुछ निगलने में भी दिक्कत हो रही थी. ऐेसे में पेन किलर देने पर भी राहत नहीं मिल रही थी. यहां वहां काफी उपचार करवाने पर भी कोई आराम नहीं होने पर वह विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल में जांच के लिए पहुंची. उनकी विभिन्न टेस्ट करवाई गई. एमआरआई करने पर पता चला कि गर्दन से सिर तक ट्यूमर हो गया है. धमनियों को यह ट्यूमर दबा रहा है.
* जटिल शस्त्रक्रिया दो दिन चली
अस्पताल के डॉक्टर नरोटे ने बताया कि एमआरआई करने पर बडी गांठ दिखाई दी. उन्होंने डॉक्टर मेंढे से चर्चा कर ऑपरेशन का निर्णय किया. डॉक्टर्स की टीम गठित की गई. ऑपरेशन बडा जटिल और दुर्लभ था. ट्यूमर बडी धमनियों के अंदर था. इसलिए बडी सावधानी रखनी पडी. ऑपरेशन के समय काफी खतरा था. रक्तस्त्राव से रूग्ण की जान भी जा सकती थी. ऐसे में ऑपरेशन दो दिन और दो चरणों में किया गया. जोखिम भरा ऑपरेशन विशेषज्ञ दल ने सफल कर दिखलाया. यह देश का अत्यंत दुर्लभ ऑपरेशन रहने का दावा सुपर स्पेशालिटी की टीम ने किया. मरीज को महात्मा फुले जन स्वास्थ्य योजना का लाभ दिया गया.