काली फीतियां बांधकर मेडिकल छात्रों के कामबंद आंदोलन को समर्थन
शहर के डॉक्टर्स हुए शामिल
* यवतमाल में छात्रों का शुरु है कामबंद आंदोलन
अमरावती/ दि.13 – हाल ही में यवतमाल मेडिकल के प्रशिक्षू डॉक्टर की हत्या किये जाने व अहमदनगर जिला अस्पताल के आईसीयू में लगी आग में मरीजों की मृत्यु हुई थी, लेकिन इसके लिए सरकार ने संबंधित अस्पताल के चिकित्सकों को दोषी ठहराया था और उनके खिलाफ कार्रवाई की थी. इसके विरोध में आईएमए के बैनरतले अमरावती शहर सहित जिले में काली फीतियां बांधकर डॉक्टरों ने काम शुरु किया. आईएमए से जुडे सभी चिकित्सकों ने अपने अस्पताल शुरु रखते हुए यवतमाल में चल रहे मेडिकल छात्रों के कामबंद आंदोलन को पूरी तरह से समर्थन दिया है.
यहां बता दें कि, शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय के डॉक्टर व छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा अनेक वर्षों से सरकार के पास प्रलंबित है. इसी नजरअंदाजगी के चलते यवतमाल मेडिकल में प्रशिक्षू डॉक्टर की हत्या की गई थी. जिससे शासकीय वैद्यकीय अस्पताल में काम करने वाले प्रत्येक डॉक्टरों के मन में भय का माहौल बना हुआ है, लेकिन सरकार बार बार इस ओर नजरअंदाज करने का ही काम कर रही है. यवतमाल मेडिकल में सीधे एमबीबीएस के प्रशिक्षू डॉक्टर के छात्रावास के सामने हत्या कर दी गई. इसी तरह अहमदनगर जिला अस्पताल के आईसीयू में शार्टसर्किट से लगी आग में कुछ मरीजों को अपनी जान गंवानी पडी थी, लेकिन इसके लिए सरकार ने अस्पताल के चिकित्सकों को जिम्मेदार ठहराया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. इन दोनों घटनाओं को लेकर यवतमाल और अहमदनगर जिले में डॉक्टरों ने आईएमए के बैनरतले कामबंद आंदोलन शुरु किया है. वहीं अमरावती जिले में इस आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दिया है. जिले के आईएमए से जुडे चिकित्सकों ने अपने क्लिनिक, अस्पतालों को बंद न रखते हुए काली फीतियां बांधकर मरीजों का उपचार कर रहे है.
आईएमए के डॉक्टर संदीप दानखेडे, डॉ.दिनेश ठाकरे, डॉ.विक्रांत देशमुख, डॉ.विक्रम देशमुख, डॉ.अश्विनीकुमार देशमुख, डॉ.मनीष राठी, डॉ.अनिल रोहणकर, डॉ.अशोक लांडे, डॉ.सोमवंशी, डॉ.लुंगे, डॉ.भोंड, डॉ.विनित साबु, डॉ.पंकज इंगोले, डॉ.अलका कुथे सहित 850 चिकित्सकों ने काली फीतियां बांधकर यवतमाल व अहमदनगर जिले में चल रहे आंदोलन को समर्थन दिया है.