सुप्रीम कोर्ट और निर्वाचन आयोग कर रहे संविधान का उल्लंघन
‘वंचित’ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर का कथन
अमरावती/दि.21– राज्य में स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव प्रलंबित रहने को लेकर वंचित बहुजन आघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने राज्य निर्वाचन आयोेग तथा सुप्रीम कोर्ट के संदर्भ में बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, इन दोनों संवैधानिक संस्थाओं द्वारा ही संविधान के उल्लंघन का काम किया जा रहा है.
आज यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि, इस समय मानो देश में इस बात को लेकर होड चल रही है कि, संविधान के हिसाब से किसी को नहीं चलना है. जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों के जरिये ही स्थानीय स्वायत्त निकायों सहित राज्य एवं केंद्र सरकार में काम चलना चाहिए, ऐसा संवैधानिक प्रावधान है. साथ ही सभी जन निर्वाचित सभागृहों के लिए पांच वर्ष का कालखंड तय किया गया है और यह कार्य अवधि खत्म होने से पहले नये सदस्यों का निर्वाचन होना बेहद जरूरी होता है. ऐसे में इससे संबंधित जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग पर होती है. जिसके तहत लोकसभा व विधानसभा के चुनाव करवाने की जिम्मेदारी केंद्रीय निर्वाचन आयोेग तथा स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं का चुनाव करवाने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग पर होती है. लेकिन दुर्भाग्य से राज्य निर्वाचन आयोग ने स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव योग्य समय पर नहीं लिये. जिसे लेकर अदालत में याचिका दाखिल की गई. किंतु इस पर फैसला सुनाते समय कोर्ट ने भी संविधान का अपमान किया, ऐसा साफ दिखाई दे रहा है, क्योेंकि तत्काल चुनाव करवाने के संदर्भ में आदेश देने की बजाय कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को जब ठीक लगे, तब चुनाव करवाने हेतु कहा. जो किसी भी लिहाज से संवैधानिक नहीं है.
स्थानीय होटल ग्रैण्ड महफिल में बुलाई गई इस पत्रवार्ता में वंचित बहुजन आघाडी के प्रकाश आंबेडकर, शैलेश गवई, अजय लुल्ला, निलेश विश्वकर्मा व प्रा. निशा शेंडे उपस्थित थे.
* प्रशासक को कर संकलन करने का अधिकार नहीं
राज्य में अधिकांश स्थानों की स्वायत्त संस्थाओं में इस समय किसी की सत्ता नहीं है. यदि इसके खिलाफ एक भी नागरिक कोर्ट में गया होता और वहां यह पूछा होता कि, क्या सभागृह अस्तित्व में नहीं रहते समय प्रशासक को कर संकलित करने का अधिकार है, तो निश्चित तौर पर कोर्ट ने कर अदा नहीं करने को लेकर ही आदेश दिया होता. क्योेंकि कानूनन कर वसूल करने या कर निर्धारित करने का कोई अधिकार प्रशासक को नहीं है, बल्कि यह अधिकार सभागृह को होता है. ऐसे में सभागृह ही अस्तित्व में नहीं रहने के चलते पूरा कामकाज ठप हो गया. यह अपने आप में बेहद गंभीर विषय है. जिस पर सभी राजनीतिक दलों को अपने विचार व्यक्त करने चाहिए. ऐसा भी एड. प्रकाश आंबेडकर का कहना रहा.
* जिलानिहाय युती की आजादी
इस पत्रकार परिषद में एड. प्रकाश आंबेडकर ने बताया कि, नगर पालिका, महानगर पालिका व जिला परिषद के चुनाव की तैयारी वंचित बहुजन आघाडी द्वारा ही की जा रही है और आज अमरावती में जहां की शहर व जिला ईकाई के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ दो दिवसीय शिबिर आयोजीत किया गया है. इसके अलावा तीन दिन पहले ही वंचित बहुजन आघाडी की ओर से रेखा ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था. जिसके तहत प्रत्येक जिले को चुनाव के संदर्भ में अपने समविचारी दलों के साथ युती करने अथवा नहीं करने की स्वतंत्रता दी गई है.