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शिक्षक बैंक के सत्ताधारी दल को सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका

विपक्षी संचालकों को राहत देते हुए स्थिति ‘जैसे थे’ रखने का आदेश

अमरावती/दि. 12 – स्थानीय दि. अमरावती जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक के पांच विपक्षी संचालकों के खिलाफ सत्ताधारी दल द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को हाईकोर्ट ने वैध ठहराया था. जिसके खिलाफ उन पांचों संचालकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ‘स्टेटसको’ का आदेश जारी किया. जिसके चलते शिक्षक बैंक के पांच विपक्षीय संचालकों के फिर से फिलहाल खतरा टल गया है, वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को शिक्षक बैंक के सत्ताधारी दल हेतु झटका माना जा रहा है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, जिप शिक्षक सहकारी बैंक की तरह जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में भी सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच अविश्वास प्रस्ताव को लेकर राजनीतिक जबरदस्त ढंग से गरमाई हुई है. जहां दो दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के सत्ताधारी दल से वास्ता रखनेवाले पांच संचालकों को राहत देते हुए विपक्षी संचालकों को झटका दिया था. वहीं अब शिक्षक सहकारी बैंक के सत्ताधारी दल को झटका देते हुए विपक्षीय संचालकों को राहत दी है.
बता दें कि, जिप शिक्षक सहकारी बैंक में सत्ताधारी गुट के 16 व विपक्षी गुट के 5 संचालक है. बैंक की प्रत्येक सभा में विपक्षीय संचालकों द्वारा कोई न कोई व्यवधान डालने का आरोप लगाते हुए सत्ताधारी दल द्वारा 4 जनवरी 2024 को प्रभाकर झोड, संजय नागे, मंगेश खेरडे, मनोज चौरपगार व गौरव काले इन पांच विपक्षीय संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया. जिसके खिलाफ पाचों विपक्षी संचालकों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 27 जनवरी 2025 को सुनाए गए फैसले में इस अविश्वास प्रस्ताव को वैध ठहराया था. इसके बाद पांचों विपक्षी संचालकों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी को राज्य सरकार तथा विभागीय सहनिबंधक के नाम नोटिस जारी करते हुए अगली तारीख तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं करने और परिस्थिति को ‘जैसे थे’ रखने का आदेश जारी किया. ऐसे में अब अगली सुनवाई के समय अदालत द्वारा क्या निर्णय सुनाया जाता है, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है. हालांकि, तब तक इस स्टेटसको आदेश के चलते जहां विपक्षी संचालकों को राहत मिली है. वहीं इस फैसले को सत्ताधारी दल के लिए जोरदार झटका माना जा रहा है. इस मामले में जानकारी व प्रतिकिया हेतु शिक्षक बैंक के अध्यक्ष गोकुलदास राऊत से संपर्क नहीं हो पाया. वहीं शिक्षक बैंक के पूर्व संचालक मंगेश खेरडे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, उन्हें सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ मिलेगा, ऐसा उन्हें पूरा भरोसा है.

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