अमरावती

ईडब्ल्युएस आरक्षण पर लगी ‘सुप्रीम मुहर’

अब खुले वर्ग के लोगों को मिलेगा 10 फीसद आरक्षण

अमरावती-/दि.7  अब तक आरक्षण की सुविधा से वंचित रहने वाले खुले यानि सर्वसामान्य संवर्ग के आर्थिक रुप से पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरी व महाविद्यालय में प्रवेश हेतु दिये गये 10 फीसद आरक्षण की वैधता को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने आज एक बेहद महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संविधान के 103 वें संशोधन के जरिये किया गया आरक्षण का यह प्रावधान पूरी तरह से वैध है. इस फैसले के साथ ही पूरे देश में आर्थिक रुप से पिछड़े घटकों के लिये आरक्षण को लागू करने का रास्ता खुल गया है. ऐसे मेंं यह जानना बेहद जरुरी है कि आखिर यह ईडब्ल्युएस आरक्षण क्या है और इसके तहत समाज के किस वर्ग को सरकारी नौैकरियों व महाविद्यालयीन पाठ्यक्रमों में दस फीसद आरक्षण मिल सकता है.

क्या होता है ईडब्ल्युएस?
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि आरक्षण की यह सुविधा अब तक आरक्षण से वंचित खुले यानि सर्वसामान्य वर्ग के आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों को दी जाएगी. यानि खुले संवर्ग से वास्ता रखने वाले जिन परिवारों की सालाना आय 8 लाख रुपए से कम है, ऐसे लोगों को ईडब्ल्युएस यानि इकॉनॉमिकली विकर सेक्शन्स अर्थात आर्थिक रुप से कमजोर घटक मानते हुए उन्हें शिक्षा व नौकरी में 10 फीसद आरक्षण की सुविधा दी जायेगी.

क्या है लाभ पाने की शर्तें
आरक्षण हेतु पात्र व्यक्ति के परिवार में पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए. साथ ही 1 हजार चौ. फिट या इससे अधिक बड़ा घर नहीं होना चाहिए. इसके अलावा मनपा क्षेत्र में 900 चौ.फीट अथवा नगर पालिका या ग्रामीण क्षेत्र में 1800 चौ. फीट से कम जगह रहने वालों को ही इस सुविधा का लाभ मिलेगा.

कहां और कैसे बनेगा ईडब्ल्युएस सर्टिफिकेट?
इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु आर्थिक रुप से दुर्बल घटक के परिवारों को पहले ईडब्ल्युएस का आवेदन डाउनलोड करना होगा. जिसमें आवश्यक जानकारी दर्ज करने के बाद तमाम जरुरी दस्तावेजों के साथ उसे तहसील कार्यालय में जमा कराना होगा. जहां पर आवश्यक जांच पड़ताल के बाद संबंधित परिवार को ईडब्ल्युएस का प्रमाण पत्र दिया जाएगा.
ईडब्ल्युएस प्रमाणपत्र हेतु आवेदन के साथ लाभार्थी व उसके पिता का आधार कार्ड एवं दोनों की टीसी, राशन कार्ड, निवासी प्रमाण पत्र तथा आय प्रमाण पत्र देना होगा. इसके साथ ही आवेदक व उसके परिवार के सदस्य 13 अक्तूबर 1967 के पहले से महाराष्ट्र में रह रहे हैं. इसके दस्तावेज देने के साथ ही आवेदक के तीन पासपोर्ट फोटो व स्वघोषणा पत्र भी देना होगा.

कितने समय के लिये होगा वैध?
इस ईडब्ल्युएस प्रमाण पत्र की वैधता केवल एक वर्ष तक मान्य रहेगी और अगले वर्ष काम पड़ने पर यह प्रमाण पत्र पूरी प्रक्रिया को दोबारा दोहराते हुए फिर से प्राप्त करना होगा.

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