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कुंभ यात्रियों को भगवान भरोसे छोडकर भागा सूरज मिश्रा

भूख प्यास से श्रद्धालुओं के हुए हाल बेहाल

* 450 श्रद्धालुओं को लेकर गया था महाकुंभ
* प्रत्येक यात्री से लिए थे 6-6 हजार रुपए
* यात्रा के दौरान खानेपीने और रहने का कोई इंतजाम नहीं
* सूरज और अनिल पर जमकर भडके श्रद्धालु
* संतप्त यात्रियों को बीच राह में छोडकर भाग निकले मिश्रा पिता-पुत्र
अमरावती/दि. 31 – युवा स्वाभिमान पार्टी के पदाधिकारी रहनेवाले राजापेठ निवासी सूरज अनिल मिश्रा ने सूरज मिश्रा मित्र मंडल के जरिए महाकुंभ निमित्त 6 हजार रुपए में अमरावती से प्रयागराज जानेआने की यात्रा आयाोजित करने की घोषणा की थी. जिसके तहत विगत 27 जनवरी की शाम अमरावती से 9 बसो के जरिए 450 श्रद्धालुओं का जत्था प्रयागराज हेतु रवाना हुआ. जिनहिे प्रयागराज में भगवान भरोसे भूखा- प्यासा छोडकर सूरज मिश्रा गायब हो गया. इस समय संतप्त श्रद्धालुओं का गुस्सा सूरज मिश्रा के पिता अनिल मिश्रा व उनके अन्य सहयोगियोंम पर फूटा. जिसके बाद अनिल मिश्रा व उनके अन्य सहयोगी भी वहां से निकल गए. जिसके चलते अमरावती से कुंभ यात्रा हेतु प्रयागराज पहुंचे श्रद्धालुओं को भारी तकलीफों का सामना करना पडा.
ज्ञात रहे कि, सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार तथा कमाई नहीं, बल्कि सेवा के लिए महाकुंभ यात्रा जैसी बाते करते हुए राजापेठ परिसर निवासी सूरज अनिल मिश्रा ने महज 6 हजार रुपए में अमरावती से प्रयागराज की यात्रा आयोजित करने की घोषणा की थी तथा सूरज मिश्रा द्वारा दावा किया गया था कि, इन्हीं 6 हजार रुपए में यात्रियों के आने-जाने, रहने व खाने-पीने तथा चाय-नाश्ते की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी. जिसके चलते कुंभ स्नान करते हुए पुण्य लाभ अर्जित करने की सोच के तहत करीब 450 श्रद्धालुओं ने सूरज मिश्रा मित्रमंडल से संपर्क करते हुए कुंभ यात्रा हेतु अपनी बुकिंग कराई. जिसके बाद 27 जनवरी को सुबह 9 बजे अमरावती से प्रयागराज हेतु बसें चलाने की बात कही गई. जिसके चलते 27 जनवरी को सुबह 6-7 बजे से ही कुंभ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के जत्थे राजापेठ पहुंचने शुरु हो गये थे. परंतु यह बसें सुबह 9 बजे की बजाय शाम 5 बजे अमरावती से प्रयागराज हेतु रवाना हुई और पूरा दिन बसों के रवाना होने का इंतजार करते हुए सभी यात्री भूखे-प्यासे बैठे रहे. वहीं शाम 5 बजे अमरावती से बसों के रवाना होने के बाद रात के वक्त भी यात्रियों को आयोजकों की ओर से भोजन पानी नहीं दिया गया. जिसे लेकर यात्रियों द्वारा हल्ला मचाये जाने पर रात 9 बजे कन्हान के एक मंदिर में बसों को रोका गया और जैसे-तैसे दाल खिचडी खिलाई गई. इसके बाद प्रयागराज तक आयोजकों द्वारा बस यात्रियों को भोजन नहीं दिया गया. साथ ही पूरे रास्ते में बस यात्रियों को पीने के लिए पानी और चाय तक नहीं मिले.

* अपने पैसों से भोजन करने हेतु कहा गया
सूरज मिश्रा मित्र मंडल की बस के जरिए अमरावती से कुंभ यात्रा हेतु प्रयागराज रवाना हुए जतीन त्रिवेदी सहित अन्य यात्रियों ने दैनिक अमरावती मंडल से संपर्क करते हुए फोन पर अपनी आपबीती बतायी. जिसके तहत जानकारी दी गई कि, अमरावती से रवाना होने के बाद जब अगले दिन 28 जनवरी की दोपहर सभी बसें मैहर पहुंची. तब भी आयोजकों द्वारा बस यात्रियों को भोजन उपलब्ध नहीं कराया गया था. जिसके बारे में बस यात्रियों द्वारा सूरज मिश्रा से बात किये जाने पर दोटूक जवाब मिला कि, आयोजकों की ओर से भोजन का कोई प्रबंध नहीं है और बस यात्रियों को अपने पैसों से भोजन का प्रबंध करना होगा. जिसके चलते सभी बस यात्रियों ने दोपहर 4 बजे के आसपास अपने पैसों से खाने का इंतजाम करते हुए भोजन किया. वहीं आयोजकों द्वारा 28 जनवरी की रात को भी भोजन-पानी का कोई इंतजाम नहीं किया गया था और दिनभर के दौरान एक बार भी चाय-पानी के लिए भी नहीं पूछा गया.

* 36 घंटे बाद बसें पहुंची कुंभ, 40 किमी पैदल भी चलना पडा
अमरावती से कुंभ हेतु रवाना हुए श्रद्धालुओं द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 27 जनवरी की शाम अमरावती से प्रयागराज हेतु रवाना हुई बसें 36 घंटे बाद 29 जनवरी की सुबह प्रयागराज पहुंची और प्रयागराज में जिस स्थान पर बसों को पार्क किया गया था, वहां से करीब 40 किमी दूर स्थित आश्रम में बस यात्रियों के रुकने की व्यवस्था की गई थी. उस समय बस यात्रियों को लगा था कि, कम से कम अब तो खाने-पीने और विश्राम करने की व्यवस्था रहेगी. जिसके चलते वे 40 किमी दूर स्थित आश्रम तक पैदल चलकर पहुंचे, तो वहां पर भी चाय-पानी व भोजन की कोई व्यवस्था नहीं थी. इसके साथ ही उस आश्रम में केवल 50 से 60 बिस्तर जमीन पर डले हुए थे. जिन पर 450 यात्रियों द्वारा विश्राम करना पूरी तरह से असंभव था. ऐसे में पूरा दिन भूखे-प्यासे रहने के साथ ही लोगों ने ठंड में कांपते हुए रात बिताई.

* कार से कुंभ पहुंचा सूरज मिश्रा और गायब हुआ
बस यात्रियों के मुताबिक अमरावती के सूरज मिश्रा बसों के साथ रवाना नहीं हुआ था, बल्कि बसों को रवाना करने के बाद वह अपने कुछ सहयोगियों के साथ पीछे से कार के जरिए प्रयागराज हेतु रवाना हुआ था और जब प्रयागराज में बदइंतजामी की वजह से श्रद्धालुओं के जत्थे ने भडककर सवाल-जवाब करना शुरु किया, तो सूरज मिश्रा अपने मित्रमंडल के साथ अचानक ही गायब भी हो गया. जिसके चलते श्रद्धालुओं के जत्थे ने सूरज मिश्रा के पिता अनिल मिश्रा और उनके कुछ सहयोगियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई.

* सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो
इसी बीच कई यात्रियों ने प्रयागराज से इस पूरे घटनाक्रम के फोटो व वीडियो अपने मोबाइल के जरिए लेते हुए सोशल मीडिया पर वायरल करने शुरु कर दिये. साथ ही कई लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों व मीडिया कार्यालयों से संपर्क साधते हुए पूरे मामले की जानकारी देनी भी शुरु की. जिसके चलते यह पूरा मामला उजागर होकर सामने आया.

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