* आज शाम अंत्येष्टि
अमरावती/दि.17 – शहर के सुप्रसिद्ध शल्यचिकित्सक डॉ. भरत नगीनदास शाह (63) का आज सबेरे निद्रावस्था में ही हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया. जिससे चिकित्सा जगत सहित उनके चाहने वालों में शोक की लहर व्याप्त हो गई. दु:खद खबर सुनतेे ही आज दोपहर बडनेरा नवाथे प्लॉट स्थित डॉ. शाह के अरिहंत हॉस्पिटल व निवास स्थान पर गणमान्यों का तांता लगा. सभी ने भरत भाई के निधन पर गहरा शोक जताया तथा शाह परिवार को सांत्वना देने का प्रयत्न किया. भरत भाई अपने पीछे पत्नी डॉ. जागृति शाह, पुत्र प्रियंका और पुत्री अपूर्वी, 5 भाई किशोर भाई, सतीश भाई, नवनीत भाई, सुरेश भाई, विजय भाई, 2 बहनों सहित भरापूरा परिवार शोकाकुल छोड गये हैं.
* अल्प परिचय
भरत भाई शाह मूलरुप से दर्यापुर बनोसा के निवासी थे. उनके पिता नगीनदास गोपालजी शाह वहां कपडा फर्म मेसर्स गोपाल गुलाबचंद के संचालक थे. 7 भाई-बहनों में सबसे छोटे भरत भाई लडकपन से ही कुशाग्र थे. दर्यापुर के प्रबोधन विद्यालय में सर्वप्रथम रहने के बाद नागपुर मेडिकल कॉलेज से उन्होंने एमबीबीएस और डीसीएच की डिग्री प्राप्त की. उपरान्त में नागपुर में प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. मारवाह के पास प्रैक्टीस करते रहे.
* जैनमुनि जनक महाराज सा ने किया था अस्पताल का उद्घाटन
कालांतर में नागपुर से प्लास्टिक सर्जरी की डिग्री प्राप्त कर अमरावती आये भरत भाई शाह ने यहां अंबादेवी रोड पर खंडेलवाल मार्केट के सामने प्रैक्टीस आरंभ की. अनेक वर्षों तक क्लिनीक संचालित करने उपरान्त नवाथे प्लॉट बडनेरा रोड पुल के पास अपना अस्पताल अरिहंत बनवाया. इस अस्पताल का लोकार्पण जैनमुनि जनक महाराज सा और अपने माता-पिता नगीनदास भाई और शारदादेवी के हस्ते करवाया.
* नींद में ही आया अटैक
डॉ. भरत शाह कल रात्रि विश्राम करने गये. आज सुबह 10.30 बजे जब उनकी पत्नी डॉ. जागृति शाह उन्हें जगाने गई, तो कोई हलचल नहीं हुई. घबराई जागृति बेन तुरंत स्टॉफ के साथ भरत भाई को लेकर डॉ. बोंडे अस्पताल पहुंची. वहां चिकित्सकों ने जांच के बाद नींद में ही तीव्र हृदयाघात से निधन होने की बात कहीं. लोगों को पता चलने पर हर कोई स्तब्ध रह गया. डॉ. प्रफुल कडू, उद्यमी संजय जाधव, पूर्व सांसद अनंत गुढे और अनेक गणमान्य तथा इंडियन मेडिकल एसो. के तमाम पदाधिकारी, सदस्य तथा शहर के जाने माने समाजसेवी भी पहुंचे.
* हजारों मरीजों की सेवा
हंसमुख और मिलनसार स्वभाव के डॉ. शाह ने निजी प्रैक्टीस के साथ-साथ जिला अस्पताल और स्त्री अस्पताल में भी अनेक अवसरों पर सेवाएं दी. विशेष कर अग्निदग्ध मरीजों के लिए देवदूत के समान कार्य आपने किया. जले हुए रुग्ण की मरहम पट्टी का भरत भाई का अपना अंदाज और प्रोटोकॉल रहा. जिससे जख्मी शीघ्र लाभ पाता. डॉ. शाह शहर के प्रसिद्ध अस्पताल रेनबो, बोंडे क्रिटीकल केअर से भी जुडे थे. जबकि विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल सुपर स्पेशालिटी में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख रहे. उनकी पत्नी जागृति बेन प्रसिद्ध महिला रोग तज्ञ के रुप में सेवारत हैं. पुत्र प्रियंक इंदौर में फोम कारखाने का संचालक हैं. जबकि बेटी अपूर्वी एमडी रेडिओलॉजिस्ट हैं. डॉ. शाह का अंतिम संस्कार आज शाम किया जा रहा हैं. उनकी अंतिम यात्रा शाम 5.30 बजे अरिहंत निवास स्थान से निकाली जा रही हैं.
* बेहद जॉली स्वभाव यादगार
डॉ. शाह के निधन से शहर के प्रसिद्ध हृदयरोग तज्ञ डॉ. प्रफुल्ल कडू ने गहरा दुख व्यक्त किया. डॉ. कडू ने कहा कि, डॉ. शाह उनकी 1977 बैच के थे. इसी बैच में डॉ. बोंडे और डॉ. सोनाली देशमुख भी थी. डॉ. कडू ने कहा कि, भरत भाई की अत्यंत खुशमिजाज तथा मिलनसार स्वभाव के थे. मरीज का हंसकर स्वागत व उपचार करते तथा उसे हंसते-खेलते वातावरण में चंगा कर विदा करते. डॉ. कडू ने कहा कि, भरत भाई का जॉली गुड स्वभाव सदैव यादगार रहेगा.