अमरावती जल्द ही शुरु होंगे सर्जिकल व टेक्निकल कॉटन प्रोजेक्ट
एक्सपोर्ट इम्पोर्ट सेमिनार में सांसद बोंडे ने जताया विश्वास

* एमएसएमई मंत्रालय, विभाग व फेलिसिटेशन कार्यालय नागपुर का आयोजन
अमरावती/दि.17-महाराष्ट्र के विदर्भ प्रांत में कपास का उत्पादन अधिक होता है, लेकिन कपास पर प्रक्रिया कर विविध क्षेत्र में इसका इस्तेमाल करने योग्य प्रकल्प क्रियाशील नहीं है. इस कारण विदर्भ के कॉटन को बाजार में अधिक डिमांड नहीं होती. वरुड-मोर्शी के संतरा उत्पादन पश्चात कपास उत्पादन को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग बढे इस उद्देश्य से विदर्भ में सर्जिकल व टेक्निकल कॉटन प्रोजेक्ट का निर्माण करने का सुझाव राज्य सरकार को दिया था. इस सुझाव पर तत्काल एक्शन लेते हुये सरकार ने इसे मंजूरी प्रदान की है. जल्द ही यह प्रोजेक्ट अमरावती में शुरू होंगे, यह विश्वास सांसद डॉ.अनिल बोंडे ने व्यक्त किया.
स्थानीय एमआयडीसी मार्ग पर स्थित होटल प्राइम पार्क में रविवार को एमएसएमई मंत्रालय, विभाग व फेलिसिटेशन कार्यालय नागपुर की एक दिवसीय इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट पॉलिसी कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर वे बोल रहे थे. कार्यक्रम में एमआयडीसी एसो. के अध्यक्ष किरण पातुरकर, अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विनोद कलंत्री, एमएसएमई विभाग व फेलिसिटेशन कार्यालय नागपुर के सहसंचालक डॉ.विजय शिरसाठ, सीए शाखा की अध्यक्षा सीए अनुपमा लढ्ढा, अमरावती मैनेजमेंट एसो. के अध्यक्ष रणजीत बंड, नांदगांव पेठ एमआयडीसी एसो. के अध्यक्ष अफाक सुबेदार, कार्यक्रम के संयोजक राजेश मित्तल, सारंग राउत आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.
सांसद डॉ.अनिल बोंडे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास व सबका प्रयास का नारा दिया है. भारत में उत्पादित वस्तुएं एक्सपोर्ट करने विदेशी मार्केट खुला है. वर्तमान में बडे उद्योगों की तुलना जीडीपी में एमएसएमई का योगदान सर्वाधिक है. जहां यातायात व इंफ्रास्क्ट्रक्चर का विकास होता है वहां उद्योगों को विकसित होने के लिये कोई नहीं रोक सकता. विदर्भ में विशेषकर अमरावती में हवाईअड्डे का न होना हमारे लिये एक बडी परेशानी बन चुका था. लेकिन अब यह समस्या दूर होगी. फरवरी के अंत में अथवा मार्च के 15 दिनों में बेलोरा हवाईअड्डे से फ्लाइट दिल्ली व मुंबई के लिये उडान भरेगी. भविष्य में नागपुर की तर्ज पर अमरावती भी औद्योगिक क्षेत्र में विकसित शहर बने. ऐसा मानस उन्होंने व्यक्त किया.
इस अवसर पर उपस्थितों का नाम उद्घोष करते हुये उन्होंने किरण पातुरकर को औद्योगिक क्षेत्र का ‘भीष्म पितामह’ कहकर संबोधित किया. किरण पातुरकर ने कहा कि औद्योगिक कार्यशाला में उद्योजकों की उपस्थिति कम दिखायी देती है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है. विकास का अवसर हमारे पास होता है. केवल उसका लाभ लेना जरूरी है. और विनोद कलंत्री ने कहा कि सांसद डॉ.अनिल बोंडे एमएसएमई बोर्ड के सदस्य है. उनके माध्यम से शहर तथा जिले में एमएसएमई के तहत उद्योग शुरू किये जा सकते है. एमएसएमई के सहसंचालक डॉ.विजय शिरसाठ ने कहा कि विदर्भ में एमएसएमई अंतर्गत एक भी उद्योग संचालित नहीं है. जबकि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा ऐसे उद्योगों को सर्वाधिक महत्व दिया जा रहा है.
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन तथा प्रतिमा पूजन से की गयी. इस अवसर पर आस्था इंडस्ट्रीज के संचालक तुषार अग्रवाल, रेवा फुड इंडस्ट्रीज गुरु नमकीन के संचालक शैलेश अग्रवाल का कार्यक्रम में विशेष रूप से सत्कार किया गया. कार्यक्रम का संचालन मनीष झा व आभार सारंग राउत ने माना. अतिथियों का परिचय गौरव लुनावत ने दिया. मान्यवरों का स्मृतिचिन्ह देकर सत्कार किया गया. कार्यक्रम के दूसरे सत्र में उद्योजक दर्शन भूत ने आयात व निर्यात की बहोतही सरल शब्दों में विस्तृत जानकारी दी. तीसरे सत्र में नागपुर के कार्तिक दिंडी व अनिल धक तथा डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड नागपुर के एक्जिकेटिव ऑफिसर संकेत निनावे व रीतेश ठाकुर ने आयात व निर्यात नीति की प्रशासकीय दृष्टि से जानकारी देते हुये इसका व्यापारी वर्ग को किस प्रकार लाभ मिलेगा, इसकी जानकारी भी उन्होंने दी. कार्यक्रम में सतीश शंभरकर, अनिकेत पागृत, प्रीतम गुप्ता, मिलिंद खंडारे, अमोल खंडारे, निलेश चौधरी, महेंद्र काकडे, गौरव जावरे, गोपाल चंदन, पंकज दूबे, गौरव किडे, विजय मोहता,प्रेम कुकरेजा, हर्षवर्धन वर्मा, दिनेश मुंधडा, आशीष सावजी, सीए विष्णुकांत सोनी, सीए संदीप, सीए सुनील सलामपुरिया, सीए आदित्य खंडेलवाल, विपीन मनोहर, पुंडलिक गोसावी, स्वप्निल निंबालकर, जगदीश वाधवानी, तुषार अग्रवाल, निलेश काकर्डे, जयेश सूर्यवंशी, मनन चोपडा, शैलेश अग्रवाल, शिवम खंडेलवाल, सुमित केडिया, अनुराग सरकटे, विनायक कडू, गजानन पाचघरे,राजेश अग्रवाल, निखिल सावदेकर के साथ बडी संख्या में उद्योजकों की उपस्थिति रही.