राज्य में 30 वर्षो के बाद दिव्यांगो का सर्वेक्षण
अमरावती/दि.13– राज्य के दिव्यांगो की आकडेवारी उपलब्ध नह होने के कारण अब 30 वर्षो के बाद दिव्यांगो का सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया गया है. राज्य भर से इसके अंतर्गत घर-घर जाकर दिव्यांगो की जानकारी इकठ्ठा इस सर्वेक्षण के लिए दो महिने की समयावधी दी गई है. आवश्यकतानुसार उसे बढा भी सकते है. इस सर्वेक्षण से दिव्यागों की सही संख्या क्या है, यह स्पष्ट हो सकता है.
दिव्यांग कल्याण विभाग व्दारा इस संदर्भ में शासन निर्णय प्रसिध्द किया गया है. दिव्यांग व्यक्तियों की आवश्यकता जानने, उनका पुनर्वसन कर उनको समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए जानकारी संकलित की जा रही है. राज्य के दिव्यांगों की संख्या वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 29 लाख 63 हजार थी. राज्य की कुल जनसंख्या में दिव्यागोंं का प्रमाण 2.6 प्रतिशत है. पुराने समय में दिव्यांगों का 7 प्रकार होता था. किंतु अब उसमें इजाफा होकर दिव्यागों में अब 21 प्रकार पाए गए है.
राज्य के अकोला, परभणी, सातारा इन जिलों में सर्वेक्षण पुरा हो चुका है तथा बीड, धुले, ठाणे इन जिलों में सर्वेक्षण शुरु है. अमरावती जिले सहित बाकि जिले में सर्वेक्षण किया जाना है. इस सर्वेक्षण से राज्य के दिव्यांग की संख्या सामने आएगी. दिव्यांग व्यक्ती अधिकार कानून दिव्यांग व्यक्ती, विद्यार्थी का सर्वेक्षण, जांच व दिव्यांग का कारण खोजने के लिए संशोधन करने की योजना है. इस आधार पर दिव्यांग व्यक्ती के लिए स्वास्थ सुविधा, दिव्यांगत्व प्रतिबंधात्मक उपाय करने के लिए उपक्रम योजना का प्रबंध है.
आशा सेविका, आंगनवाडी सेविका, स्वास्थ सेवक इनके व्दारा काम-
आशा सेविका, आंगनवाडी सेविका, स्वास्थ सेवक के मार्फत सर्वेक्षण जिले में दिव्यांगों के सर्वेक्षण के लिए संबंधित जिलाधिकारी व महापालिका क्षेत्र के संबंधित आयुक्त नोडल अधिकारी के रुप में काम देखेगें. दिव्यांगों के सर्वेक्षण के लिए स्वयंसेवी संस्था का चयन किया जाना है. महापालिका क्षेत्र मे आयुक्त की अध्यक्षता में समिती सहायक आयुक्त व जिला समाज कल्याण अधिकारी के सदस्य सचिव स्वास्थ उपायुक्त व महिला व बालविकास उपायुक्त इन सदस्यों का समावेश है. आशा सेविका, आंगनवाडी सेविका, स्वास्थ सेवक के मार्फत सर्वेक्षण में एक समानता रहने के लिए शासन की ओर से सभी जिले में प्रश्नावली दिए जाने की जानकारी है.
जिले में 50 हजार से अधिक दिव्यांग
जिले में पहले 7 प्रकार के दिव्यांगो के अंतर्गत 50 हजार के लगभग दिव्यांग थे, किंतु अब दिव्यागों में 21 प्रकार बढने से इनकी संख्या बढ सकती है. चुनाव आचार संहिता खत्म होने के पश्चात दो-तीन महिने में नये सिरे से जिले में सर्वेक्षण शुरू होगा.
राजेन्द्र जाधवर, जिला सामाज कल्याण अधिकारी, जिलापरिषद अमरावती