तकनीकी दिक्कत के चलते लटका मराठा समाज का सर्वेक्षण
अमरावती /दि.26– मराठा समाज के पिछडेपण को लेकर विगत मंगलवार से सर्वेक्षण का काम शुरु हुआ. परंतु पहले ही दिन एप में सतत कोई ना कोई दिक्कत आने के चलते यह काम बीच में ही लटक गया. ऐसे मेें सर्वेक्षण के मुहूर्त पर ही एप की बाधा आ गई. जिससे जिला प्रशासन का सिरदर्द बढ गया है.
बता दें कि, राज्य पिछडावर्ग आयोग के निर्देशानुसार जिले में मराठा समाज के पिछडेपण की जांच करने हेतु गोखले इंस्टीट्यूट द्वारा एक एप तैयार किया गया है. जिसकी लिंक आयोग द्वारा जिले के 3400 से अधिक प्रगणकों के मोबाइल में भेजी गई है. साथ ही इसके जरिए 5 मॉड्यूल में 182 प्रश्नों के जरिए जिले में यह सर्वेक्षण करना शुरु किया गया है. परंतु दोपहर 12 बजे के बाद एकसाथ सभी प्रगणकों द्वारा प्रयोग शुरु करने पर सर्वर डाउन हो जाने की शिकायते सामने आयी. साथ ही कई प्रगणकों को ओटीपी ही नहीं मिला और कुछ लोगोें का एप सुस्त गति से शुरु होकर दोपहर के बाद बंद ही पड गया. ऐसे में पहले ही दिन का कामकाज बडे पैमाने पर बाधित हुआ.
इस सर्वेक्षण के लिए प्रगणकों द्वारा प्रत्येक घर को भेंट दी जाएगी. परंतु पहले दिन प्रगणकों का अनुभव कोई खास ठीकठाक नहीं रहा, क्योंकि उन्हें संबंधित नागरिकों की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला. साथ ही एक-एक परिवार के लिए आधे-आधे घंटे का समय भी लगा. इसके अलावा मोबाइल के चार्जिंग की भी दिक्कत बनी रही. कुल मिलाकर सर्वेक्षण का काम काफी हद तक बाधित होता रहा. चूंकि इस काम को पूरा करने के लिए 31 जनवरी की डेडलाइन है. ऐसे में तय समय के भीतर इस काम को पूरा करना जिला प्रशासन के लिए काफी चुनौतिपूर्ण साबित हो रहा है.
* बीएलओ एप के रहते काम नहीं करता सर्वे का एप
इस सर्वेक्षण के लिए केंद्र स्तरीय अधिकारियों यानि बीएलओ की नियुक्ति की गई है. जिनके मोबाइल में पहले से बीएलओ एप है और अब उनके मोबाइल में मराठा समाज के सर्वेक्षण करने हेतु एक नया एप डाउनलोड किया गया है. परंतु पहले से बीएलओ एप रहने वाले मोबाइल में इस सर्वे का एप काम नहीं कर रहा, ऐसी शिकायतें भी बडे पैमाने पर सामने आ रही है.
* सर्वेक्षण के दौरान प्रगणकों को होने वाली तकलीफों तथा संबंधित एप में आ रही तकनीकी दिक्कतों के बारे में आयोग को सूचित कर दिया गया है. इन सभी समस्याओं का जल्द ही निवारण कर लिया जाएगा.
– सौरभ कटियार,
जिलाधीश, अमरावती.
* एक सर्वे के लिए आधे घंटे का समय
5 मॉड्यूल में 182 प्रश्न रहने के चलते प्रगणकों को सर्वे पूरा करने में काफी समय लगता है. जिसके तहत सामने वाले व्यक्ति को पहले सवाल पढकर बताना पडता है और फिर उसके द्वारा दिये गये जवाब के अनुसार योग्य पर्याय पर क्लीक करते हुए अगले प्रश्न की ओर बढना पडता है. जिसके लिए प्रत्येक परिवार के घर पर कम से कम आधे घंटे का समय लगता है. वहीं कई बार किसी स्थान पर मोबाइल की रेंज नहीं रहने पर ऑफलाइन जानकारी दर्ज की जाती है.