निलंबन व निष्कासन को एसटी कर्मियों द्वारा दी जायेगी कोर्ट में चुनौती
विलीनीकरण की मांग पर अडे हुए है हडताली कर्मचारी
अमरावती/दि.6- विगत चार सप्ताह से राज्य परिवहन निगम को सरकारी सेवा में शामिल किये जाने की प्रमुख मांग को लेकर एसटी कर्मचारियों द्वारा हडताल की जा रही है. इस दौरान सरकार द्वारा चेतन वृध्दि दिये जाने की घोषणा करने के साथ ही हडताल को खत्म करने हेतु हडताली कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन, सेवा समाप्ती व विभागीय जांच जैसे कडे कदम उठाये जा रहे है. किंतु इसके बावजूद भी एसटी के अधिकांश कर्मचारी अब भी हडताल पर डटे हुए है और अब उन्होंने रापनि प्रशासन द्वारा की जा रही निलंबन व निष्कासन की कार्रवाई को अदालत में चुनौती देने का मन बना लिया है.
हडताली कर्मचारियों का कहना है कि, मांग पूरी करने की बजाय कर्मचारियों को तकलीफ देने के उद्देश्य से सरकार व रापनि प्रशासन द्वारा तबादले, निलंबन व निष्कासन की कार्रवाई की जा रही है. जो एक तरह से अन्यायपूर्ण कदम है. इसके खिलाफ मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई है और विलीनीकरण की मांग पूरी होने तक यह संघर्ष जारी रखा जायेगा. वहीं दूसरी ओर रापनि कर्मचारियों की विगत करीब एक माह से चल रही हडताल की वजह से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है.
* 281 कर्मचारियों ने स्वीकारी वेतनवृध्दि
रापनि के अमरावती विभाग अंतर्गत 281 कर्मचारियों द्वारा सरकार की ओर से दी गई वेतनवृध्दि को स्वीकार कर लिया गया है और वे एक बार फिर काम पर लौट आये है. किंतु इनमें से अधिकांश प्रशासकीय व यांत्रिक कार्यशाला विभाग के कर्मचारी है और अधिकांश वाहक व चालक वेतन वृध्दि को नकारते हुए अब भी हडताल पर है. जिसके चलते रापनि की बस सेवा अब तक बहाल नहीं हो पायी है. वहीं दूसरी ओर अमरावती जिले में अब तक करीब 387 हडताली कर्मचारियों को निलंबीत करते हुए पांच कर्मचारियों की सेवा को स्थायी तौर पर समाप्त कर दिया गया है. वहीं पांच लोगों का विभागांतर्गत तबादला कर दिया गया है.
* एक माह से बंद पडी बसों की दुरूस्ती का खर्च बढेगा
– इंजिन लॉक की समस्या बढी, सुधारने पर होगा लाखों का खर्च
रापनि कर्मचारियों की जारी हडताल के चलते विगत एक माह से जिले के सभी आगारों में बसें एक ही जगह पर खडी है. चूंकि इन दिनों ठंडी का मौसम शुरू हो गया है. ऐसे में इंजिन व गिअरबॉक्स में रहनेवाले ऑईल के यूं ही पडे-पडे जम जाने का खतरा रहता है. जिसके चलते लंबे समय बाद वाहनों को शुरू करने पर इंजिन लॉक होने की समस्या बढ जाती है. ऐसे में लंबे समय से बंद पडी बसों की दुरूस्ती करने पर भी राज्य परिवहन निगम को लाखों रूपयों का खर्च करना पडेगा. हालांकि महामंडल के पास बसों की दुरूस्ती हेतु अपना स्वतंत्र विशेष विभाग होता है. किंतु बसों के स्पेअरपार्ट बदलने या बसों की दुरूस्ती पर होनेवाला खर्च संबंधित आगार की बजाय खुद महामंडल को ही करना होता है. ऐसे में विगत एक माह से करोडों रूपये के राजस्व से हाथ धो चुके राज्य परिवहन निगम को अब बसों की दुरूस्ती पर लाखों रूपयों का खर्च करना पडेगा.
* एसटी कर्मियों की हडताल से विद्यार्थी त्रस्त
अमरावती सहित बडनेरा शहर में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बडे पैमाने पर शालेय व महाविद्यालयीन छात्र-छात्राएं अपनी पढाई-लिखाई के लिए आते है और उनके आने-जाने का मुख्य जरिया रापनि की बसें ही होती है. किंतु विगत एक माह से चल रही रापनि की हडताल की वजह से इन सभी विद्यार्थियों को गांव से अमरावती आने-जाने में काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. साथ ही उन्हें निजी वाहनों से आना-जाना करने में काफी अधिक पैसा भी खर्च करना पड रहा है. जिसके चलते रापनि कर्मियों की हडताल को लेकर विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों में काफी हद तक रोष व संताप की लहर देखी जा रही है.
* काम पर लौटे एसटी कर्मियों को नई श्रेणी के अनुसार वेतन
* दस वर्ष सेवा दे चुके कर्मियों का वेतन ऐसे बढेगा
विगत एक माह से चली आ रही हडताल के दौरान सरकार द्वारा घोषित की गई वेतनवृध्दि को स्वीकार कर काम पर लौट आये एसटी कर्मचारियों को अब नई वेतन श्रेणी के अनुसार वेतन मिलेगा. हालांकि यह नई वेतन श्रेणी सभी के लिए है. किंतु हडताली कर्मचारी नवंबर माह में जितने दिन काम पर थे, उन्हें उतने ही दिनों का वेतन मिलेगा. साथ ही जो 300 कर्मचारी काम पर लौट आये है. उन्हें इस वेतनश्रेणी का पूरा फायदा मिलेगा.
इस नई वेतन श्रेणी के तहत सेवा कालावधी के अनुसार 2 हजार 500 रूपये से 5 हजार रूपये तक की वेतनवृध्दि की गई है. इससे पहले रापनि में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मचारी को 3 हजार 726 रूपये महंगाई भत्ते व 1 हजार 64 रूपये घरभाडे भत्ते के साथ 18 हजार 97 रूपये वेतन मिला करता था. वहीं अब उन्हें सभी भत्तों को मिलाकर 24 हजार 898 रूपये का वेतन मिलेगा.