अमरावती जेल के डॉक्टर व गडचिरोली जेल के अधीक्षक का निलंबन
मोक्का के आरोपी से संबंधित पत्र पडा भारी
अमरावती/दि.23 – पुणे से वास्ता रखने वाले मोक्का के आरोपी की जान को खतरा है. इस आशय का पत्र कारागार प्रशासन के वरिष्ठाधिकारियों के पास भेजे जाने के मामले में अमरावती सेंट्रल जेल के वैद्यकीय अधिकारी डॉ. राजतकर तथा गडचिरोली के जेल अधीक्षक भारत भोसले को निलंबित करने की कार्रवाई राज्य के गृह विभाग द्वारा विगत गुरुवार को की गई.
जानकारी के मुताबिक पुणे से वास्ता रखने वाले बिल्डर नानासाहब गायकवाड और उनके बेटे गणेश गायकवाड मोक्का के आरोपी है, गायकवाड पिता-पुत्र इससे पहले येरवडा मध्यवर्ती कारागार में बंद थे. परंतु येरवडा कारागार में अंतर्गत सुरक्षा के कारणों को देखते हुए गायकवाडा पिता-पुत्र को गत वर्ष अमरावती के मध्यवर्ती कारागार में भेजा गया था. तब से वे दोनों अमरावती के कारागार में बंद है. जिसमेें से नानासाहब गायकवाड द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय से जमानत मिलने का प्रयास किया जा रहा है. आयु के लिहाज से बुजुर्ग हो चले नानासाहब गायकवाड के दोनों घुटनों की शल्यक्रिया भी इससे पहले की जा चुकी है और कुछ दिन पहले तबीयत बिगड जाने के चलते नानासाहब गायकवाड को अमरावती के जिला सामान्य अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती कराया गया था. जहां पर योग्य इलाज नहीं होने की शिकायत नानासाहब गायकवाड ने अपने वकील के जरिए कारागार प्रशासन को सौंपी थी. जिसके चलते अमरावती सेंट्रल जेल के तत्कालीन कारागार अधीक्षक भारत भोसले ने कारागार के वैद्यकीय अधिकारी डॉ. राजतकर का हवाला देते हुए मोक्का के आरोपी नानासाहब गायकवाड की जान को खतरा रहने का पत्र पुणे स्थित विशेष पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय को भेजा था. जिसके चलते मोक्का के आरोपी नानासाहब गायकवाड की जान को किससे, कैसे और किस तरह का खतरा है तथा यह बात जेल प्रशासन ने किस आधार पर तय की है. इसकी जांच की गई और जांच की रिपोर्ट का आधार लेते हुए गृह विभाग ने फिलहाल गडचिरोली जेल में अधीक्षक के तौर पर पदस्थ रहने वाले अमरावती सेंट्रल जेल के तत्कालीन कारागार अधीक्षक भारत भोसले तथा अमरावती सेंट्रल जेल के वैद्यकीय अधिकारी डॉ. राजतकर पर निलंबन की कार्रवाई की है.
* अमरावती सेंट्रल जेल के तत्कालीन अधीक्षक भारत भोसले ने न्यायालयीन पत्र व्यवहार करते समय गलत पद्धति का अवलंब किया था और उनका प्रशासकीय कदम तय नियमों के दायरे मेें नहीं था. जिसके चलते मामले की जांच के बाद उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की गई.
– जालींदर सुपेकर,
विशेष पुलिस महानिरीक्षक (कारागार)
* आईजी की भेंट के बाद मामला हुआ था उजागर
पुणे के विशेष पुलिस महानिरीक्षक तथा नागपुर पूर्व कारागार विभाग के प्रभारी डीआईजी जालींदर सुपेकर ने कुछ माह पहले अमरावती कारागार का दौरा किया था. इस समय किये गये मुआयने के बाद ही मोक्का के आरोपी रहने वाले गायकवाड बाप-बेटे से संबंधित मामला उजागर हुआ था.