अमरावती

बिजली चमकते ही मोबाईल करें बंद, पेडों से रहें दूर

विद्युत वाहिनी के पास सेल्फी का प्रयास हो सकता है खतरनाक

  • बिजली चमकते समय सतर्कता बरतना बेहद जरूरी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१७ – बारिश के मौसम दौरान आंधी-तूफान व मेघ गर्जना के साथ-साथ बिजली की तेज गडगडाहट होना आम बात होती है और आसमानी बिजली की वजह से कई दुर्घटनाएं भी घटित होती है. ऐसे में आसमान में बिजली चमकते समय मोबाईल को बंद करना बेहद जरूरी होता है. साथ ही इस समय जहां तक संभव हो, किसी पेड के नीचे भी नहीं रूका जाना चाहिए. क्योंकि ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है.
उल्लेखनीय है कि, विगत कुछ दिनोें के दौरान गाज गिरने की वजह से होनेवाली मौतों की संख्या बढ गई है. इसमें भी विशेष रूप से गाज की चपेट में आनेवाले जानवरों की मौतोें का प्रमाण काफी अधिक है. आसमान से पानी बरसना शुरू होते ही जंगल परिसर में चराई हेतु घुमनेवाले जानवर बारिश से बचने हेतु पेडों के नीचे जाकर इकठ्ठा हो जाते है और बिजली ठीक वहीं गिरती है. जिससे गाज की चपेट में आकर जानवरों के मरने का प्रमाण बढ गया है. कई स्थानों पर पालतु मवेशियों के तबेले भी जानवरों की सुविधाओं को देखते हुए पेडों के नीचे बनाये जाते है, ताकि छांव मिलती रहें. किंतु ऐसे स्थानों पर बिजली गिरने की संभावना काफी अधिक रहती है. जिसके मद्देनजर आवश्यक सतर्कता बरतना बेहद जरूरी होता है.

  • जिले में कितने विद्युतरोधी यंत्र

– अमरावती जिले में 8 अलग-अलग स्थानों पर विद्युतरोधी व्यवस्था को कार्यान्वित किया गया है.
– पापलगांव, शासकीय तंत्र निकेतन, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय, विमवि कॉलेज, सहकार न्यायालय तथा पिछडावर्गीय बच्चों के सरकारी छात्रावास में ऐसे यंत्र लगाये गये है.
– आपत्ति निवारण विभाग की ओर बारिश शुरू होने पर संभावित संकट के लिहाज से सतर्कता के निर्देश जारी किये जाते है.

  • गाज गिरने से हुई मौतेें

वर्ष      मनुष्य   जानवर
2018    04       20
2019    04       59
2020    08       64
2021    04       26
(12 जुलाई तक)

  • किसे कितनी नुकसान भरपाई मिली

यदि किसी व्यक्ति की गाज की चपेट में आकर मौत होती है, तो घटनास्थल का तहसील विभाग के जरिये पंचनामा किया जाता है. जिसके पश्चात पूरी जांच-पडताल करते हुए मृतक के परिजनों को 4 लाख रूपये की सरकारी सहायता दी जाती है. इस वर्ष के इक्का-दुक्का अपवादों को छोडकर इससे पहले अधिकांश मृत्यु मामले में सहायता दी जा चुकी है. इसी तरह गाज की चपेट में आकर मारे गये जानवरों के मालिकों को भी इससे पहले सरकार की ओर से नुकसान भरपाई दिये जाने की जानकारी है.

  • ये सावधानियां हैं जरूरी

बिजली कडकडाते समय लोगबाग पेडों के नीचे सहारा लेते है. किंतु पेडों की जडें पानी की दिशा में बढती है और बिजली को शांत होने के लिए पानी की ही आवश्यकता होती है. ऐसे में पानी रहनेवाले क्षेत्रों की ओर आसमानी बिजली आकर्षित होती है और हमेशा पेडों पर ही गिरती है. ऐसे समय पेडों के आसपास रहनेवाले लोगबाग व जानवर गाज की चपेट में आ जाते है. इसी तरह मोबाईल से निकलनेवाली तरंगे भी आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करती है. ऐसे में आसमान में बिजली चकमते समय मोबाईल का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए और पेडों के नीचे आसरा नहीं लेना चाहिए.

मौसम में होनेवाले बदलाव की वजह से इस समय जो बारिश हो रही है, वह मुख्य तौर पर क्युम्युलोनिंबस प्रकार के बादलों से हो रही है. इस तरह के बाद तेज गडगडाहट व आसमानी बिजली के साथ तूफानी बारिश के लिए जिम्मेदार होते है, जबकि मान्सूनी वर्षा के दौरान आसमान में निबोंस्ट्रेंस प्रकार के बादल होते है, जो बडे शांतपूर्ण तरीके से बरसते है.
– प्रा. अनिल बंड
मौसम विशेषज्ञ

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