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आजाद हिंद मंडल में श्रीकृष्ण लीला की झांकी

30 फीट की भगवान की मूर्ति होगी आकर्षण

* स्थापना शोभायात्रा रहेगी भव्य
* 300 महिलाओं की डांडिया और 100 लड़कों की लेझीम
* प्रेसवार्ता में इंगोले, गुढे, भूतड़ा ने दी जानकारी
अमरावती/दि.16- परकोटे के भीतर और गणेश उत्सव का 96 वां शानदार वर्ष मना रहे बुधवारा के आजाद हिंद मंडल में इस बार भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की बहुत सुंदर एवं दर्शनीय झांकी प्रदर्शित की जा रही है. यह जानकारी आज दोपहर मंडल के हरिभाऊ कलोती स्मारक सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व महापौर विलास इंगोले ने दी. उन्होंने बताया कि करंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाते श्रीकृष्ण की 30 फीट की प्रतिमा मुख्य आकर्षण रहेगी. प्रेसवार्ता में उत्सव अध्यक्ष विजय भूतड़ा, पूर्व सांसद अनंत गुढे, कार्याध्यक्ष एड. ब्रजेश तिवारी, स्वागत अध्यक्ष सुभाष पावडे, डॉ. सैयद अबरार, प्रवीण मानेकर, किशोर फुले, अभिजीत वडनेरे, दिलीप दाभाडे, दिलीप कलोती, मनपा उपायुक्त भूषण पुसतकर, इंजी. मिलिंद कहाले आदि भी उपस्थित थे.
* पौराणिक झांकियों की परंपरा
आजाद मंडल में पंढरपुर विठ्ठल मंदिर, लासूर मंदिर, कोणार्क सूर्य मंदिर, तिरुपति बालाजी, बारह ज्योर्तिंलिंग, कोणार्क सूर्य मंदिर, लालकिला, अक्षर धाम, विवेकानंद स्मारक आदि गणेशोत्सव में साकार किए हैं.
* उत्सव के तीनों आयाम
डॉ. किशोर फुले ने बताया कि लोकमान्य तिलक द्वारा सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाने के तीनों उद्देश्य आजाद मंडल पूर्ण करता आया है. पहला उत्सव मनाना, दूसरा समाज प्रबोधन तथा तीसरा कला गुणों को प्रोत्साहन देना, परंपरा का जतन करना आदि पूर्ण किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि शोभायात्रा भव्य दिव्य रहेगी. अमरावती में स्थापना शोभायात्रा में आजाद मंडल अग्रणी है. इस बार 100 लड़कों का दल लेझीम और 100 महिलाओं का दल टिपरी (डांडिया) प्रस्तुत करेगा, 100 महिलाओं का पाऊली भजन यह शोभायात्रा के विशेष आकर्षण रहेंगे.
* झांकी का 20 को उद्घाटन
विलास इंगोले ने बताया कि झांकी राष्ट्रीय ख्याति के कलाकार शिवा प्रजापति और उनके साथी तैयार कर रहे हैं. गत दो माह से कार्य लगातार जारी है. झांकी का विधिवत् उद्घाटन बुधवार 20 सितंबर की शाम 7 बजे मान्यवरों के हस्ते होगा. उपरांत 8 बजे इस्कॉन मंदिर राठी नगर संस्थान भव्य आरती करेगा. 23 सितंबर को राधारमण ग्रुप श्रीकृष्ण भजन संध्या प्रस्तुत करेगा. 24 सितंबर को शाम 5 बजे स्वास्थ्य जांच शिविर डॉ. परीक्षित ठाकरे और उनकी टीम करेगी. शाम 7 बजे डॉ. गजानन केतकर और वनिता केतकर द्वारा भक्ति गीत व भाव गीतों का सुंदर कार्यक्रम स्वर बहार रखा गया है. ऐसे ही अमरावती के अपने ठेठ देशज कलाकार मुकेश छांगाणी और सूर्यवंशी की भजन संध्या भी रखी गई है. गणपति की मूर्ति प्रसिद्ध शिल्पकार गजानन सोनसले बना रहे हैं. विद्युत रोशनाई अकोला के गुलाब डेकोरेशन द्वारा की जा रही है. ऐसे ही कोनलाडे, गुप्ता डेकोरेशन, चौधरी डेकोरेशन, शुभम ठाकुर की साउंड सर्विस का सहयोग है.
* उत्सव को सफल बनाने जुटे सभी
मंडल के अध्यक्ष पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, पूर्व महापौरविलास इंगोले, उपाध्यक्ष,पूर्व सांसद अनंतराव गुढे, डॉ. किशोर फुले, कोषाध्यक्ष दिलीप दाभाडे, सचिव दिलीप कलोती, पूर्व विधायक प्रदीप वडनेरे, राजाभाऊ माजलगांवकर, प्रकाश संगेकर, चंदूभाऊ पवार, विवेक कलोती, ज्ञानेश्वर हिवसे, नंदकिशोर गुंबले, शैलेश अग्रवाल, किशोर कलोती, शिवसेना महानगर प्रमुख संतोष बद्रे, प्रा. गणेश मालोकार, किशोर बोराटने, मंडल के गणेशोत्सव अध्यक्ष विजय भूतड़ा, स्वागत अध्यक्ष सुभाष पावडे, कार्याध्यक्ष एड. ब्रजेश तिवारी, उपाध्यक्ष डॉ. रवि भूषण, प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सैयद अबरार, प्रवीण मानेकर, सचिव संतोष चिखलकर, कोषाध्यक्ष नीलेश वानखडे, सहसचिव राहुल कथलकर, अर्जुन इंगोले, रेवण पुसतकर, ऋषिकेश गाडगे, आयर्न ढोले, संजय वाकोडे, सतीश चौधरी, संजय मुचलंबे, एपीएमसी संचालक प्रमोद इंगोले, प्रवीण चौधरी, राजेश जायदे, संजय कदम, उमेश देशमुख, नीलेश सराफ, मयूर जलतारे, राजेश ढोले, पंकज सराफ, मनपा उपायुक्त भूषण पुसतकर, चेतन चव्हाण, राजू बोराटने, सुनील तिप्पट, विलास बिजवे, अन्ना करणे, शरद देवरणकर, मोहन खोपे, नितिन इंगोले, नितिन सराफ, विशाल फाटे, अमित काजनेकर, राजा पिंजरकर, मनीष काजनेकर, मनीष चौधरी, सचिन कोहले, मुन्ना दुलारे, अजय पुसतकर, अजय इंगोले, सतीश बद्रे, बालासाहब भेरडे, अनिकेत नवघरे, चेतन गुंबले, शुभम काशीकर, कपिल जोशी, विशाल अग्निहोत्री, मिलिंद कहाले, सागर मरोडकर, तन्मय पिंजरकर, आयुष वानखडे, दीपक चौधरी, अमर चावंडे आदि अनेक पदाधिकारी, वरिष्ठ सदस्य, कार्यकर्ता गणेश उत्सव को सफल, सार्थक करने प्रयास कर रहे हैं.


जलोटा की भजन संध्या 27 को
देश के भजन सम्राट अनूप भाई पुरुषोत्तमदास जलोटा की भजन संध्या 27 सितंबर को शाम 7 बजे से संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में निःशुल्क रखी गई है. उसका अवश्यक आनंद लेने का अनुरोध मंडल ने किया है.

आजाद हिंद नाम कैसे पड़ा?
पूर्व सांसद अनंत गुढे ने बताया कि मंडल में सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख कार्यकर्ता, नेता सहभागी हैं. मंडल की स्थापना 1928 में की गई थी पहले इसका नाम रॉयल क्लब था. नेताजी सुभाषचंद्र बोस के सहयोगी कैप्टन शाहनवाज खान ने मंडल को भेंट दी. उन्होंने ही आजाद हिंद सेना की तर्ज पर मंडल का नाम आजाद हिंद करने का सुझाव दिया. जिसे मान्य किया गया.

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