अमरावती

कोविड की संभावित तीसरी लहर से निपटने ग्रामीण क्षेत्र में चुस्त-दुरूस्त हो स्वास्थ्य व्यवस्था

जिलाधीश ने ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारियों से साधा संवाद

अमरावती/प्रतिनिधि दि.३१कोविड संक्रमण की संभावित तीसरी लहर व म्युकर मायकोसिस की बीमारी पर नियंत्रण पाने हेतु ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओें को चुस्त-दुरूस्त रखने का निर्देश जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा जारी किया गया. इस संदर्भ में उपजिला अस्पतालों व ग्रामीण अस्पतालों के वैद्यकीय अधिक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आयोजीत बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधीश नवाल ने उपरोक्त निर्देश जारी किये. इस बैठक में जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम सहित स्वास्थ्य महकमे के सभी अधिकारी उपस्थित थे.
इस समय जिलाधीश शैलेश नवाल ने कहा कि, कोविड संक्रमित मरीजों को बेहतरीन उपचार देने हेतु उपजिला अस्पतालों व ग्रामीण अस्पतालों को पूरी तरह तैयार रखा जाना चाहिए. इस हेतु लगनेवाली तमाम आवश्यक साधन-सामग्री के बारे में तत्काल प्रस्ताव पेश किये जाने चाहिए और आवश्यक मनुष्यबल के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए. इसके अलावा म्युकर मायकोसिस को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में प्रभावी रूप से जनजागृति की जानी चाहिए, क्योंकि म्युकर मायकोसिस का जल्द से जल्द निदान होना आवश्यक होता है. ऐसे में म्युकर मायकोसिस के लक्षण व इलाज से संबंधित जानकारी ग्रामीण क्षेत्र में हर ओर पहुंचायी जानी चाहिए.

  • डायलिसिस सेंटर आवश्यक

अमरावती शहर से लंबी दूरी पर रहनेवाले गांवों के अस्पतालों में डायलिसिस सेंटर स्थापित करना आवश्यक है. इस हेतु विस्तृत प्रस्ताव दिया जाये. साथ ही आवश्यक साहित्य एवं मनुष्यबल के बारे में भी परिपूर्ण प्रस्ताव पेश किया जाये, ऐसा निर्देश जिलाधीश नवाल द्वारा दिया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि, सभी मरीजों को महात्मा ज्योतिराव फुले जीवनदायी आरोग्य योजना के तहत नि:शुल्क इलाज मिलना चाहिए. इस हेतु इस योजना का अधिक से अधिक मरीजों को लाभ देने हेतु आवश्यक कदम उठाये जाये.

  • जिला अस्पताल में 40 बेड की व्यवस्था

म्युकर मायकोसिस का इलाज करने हेतु जिला सामान्य अस्पताल में स्वतंत्र वॉर्ड तथा 40 बेड की व्यवस्था की गई है. जिसका जिलाधीश द्वारा प्रत्यक्ष भेंट देते हुए निरीक्षण किया गया. इस समय उन्होंने कहा कि, कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद संबंधितों द्वारा अपने स्वास्थ्य का और भी अधिक ध्यान रखा जाना चाहिए. ऐसे में कोविड मुक्त होकर घर लौटनेवाले मरीजों को पोस्ट कोविड काल के दौरान बरती जानेवाली सावधानियों के बारे में मार्गदर्शन किया जाना चाहिए. साथ ही डिस्चार्ज के बाद भी मरीजों से नियमित संपर्क व समन्वय रखा जाना चाहिए. ऐसा निर्देश जिलाधीश नवाल द्वारा दिया गया.

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