मनपा चुनाव से दूर रखने हेतु की गई तडीपारी की कार्रवाई
डॉ. अलीम पटेल को बनाया गया राजनीतिक पूर्वाग्रह का शिकार
* जय संविधान संगठन ने लगाया पत्रवार्ता में आरोप
अमरावती/दि.4– भारतीय वायुसेना में लेफ्टनंट कमांडर के पद पर काम करते हुए देशसेवा कर चुके डॉ. अलीम पटेल विगत अनेेक वर्षों से अमरावती के राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय है और उन्होंने वर्ष 2019 के दौरान हुए विधानसभा चुनाव में अमरावती सीट से चुनाव लडकर 17 हजार से अधिक वोट प्राप्त किये थे. साथ ही वे जनसामान्यों से संबंधित विभिन्न मामलों को लेकर लगातार सक्रिय रहते है. यहीं वजह है कि, उनकी लोकप्रियता लगातार बढ रही है. जिससे घबराकर आगामी मनपा चुनाव से उन्हें दूर रखने हेतु शहर के कुछ प्रस्थापितोें द्वारा आंदोलनों को लेकर दर्ज मामलों की आड लेते हुए डॉ. अलीम पटेल को शहर से तडीपार करने का षडयंत्र रचा गया. यह साफ तौर पर राजनीतिक पूर्वाग्रह के तहत की गई कार्रवाई है. इस आशय का आरोप यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में जय संविधान संगठन की ओर से किरण गुडधे द्वारा लगाया गया.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कंपाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रवार्ता में किरण गुडधे ने कहा कि, वर्ष 2014 से अपने राजनीतिक व सामाजिक जीवन की शुरूआत करनेवाले पूर्व सैन्य अधिकारी डॉ. अलीम पटेल ने देश सेवा करने के बाद जनसेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और वे विगत आठ वर्षों से लगातार गरीबों, वंचितों, शोषितोें व जनसामान्यों के अधिकारों की लडाई लड रहे है. यह बात कई प्रस्थापितों को काफी नागवार भी गुजर रही है. चूंकि शहर में डॉ. अलीम पटेल की लोकप्रियता व राजनीतिक पकड तेजी से बढ रही है और वे मनपा के आगामी चुनाव में अपने संगठन के प्रत्याशी खडे कर सकते है. जिससे कई प्रस्थापितों के राजनीतिक समीकरण बिगड सकते है. इस बात के मद्देनजर राजनीतिक आंदोलनों की वजह से दर्ज मामलों की आड लेते हुए डॉ. अलीम पटेल को शहर सहित जिले से दो वर्ष के लिए तडीपार करने का प्रयास किया गया है. जबकि वे कोई पेशेवर अपराधी नहीं है और उनके खिलाफ एक भी अपराधिक मामला दर्ज नहीं है. साथ ही साथ राजनीतिक व सामाजिक मसलों को लेकर किये गये आंदोलनों की वजह से दर्ज मामलों में से किसी भी मामले में उन्हेें अदालत द्वारा आज तक सजा नहीं सुनाई गई है. लेकिन इसके बावजूद उनके खिलाफ सीधे तडीपारी का आदेश जारी किया गया. इससे सीधे-सीधे स्पष्ट होता है कि, यह राजनीतिक पूर्वाग्रह के तहत की गई कार्रवाई है.