ताई, बाई, अक्का चली देवदर्शन के लिए
विधानसभा लडने के इच्छुकों द्वारा कराई जा रही तीर्थयात्रा
* महिला मतदाताओं को प्रभावित करने भिडाई अनूठी ‘अक्ल’
* निजी ट्रैवल्स बसों की जमकर हो रही बुकिंग
अमरावती/दि.4– आगामी नवंबर माह के दौरान राज्य में विधानसभा के चुनाव होने की पूरी संभावना है. जिसके चलते जिसे लेकर निर्वाचन आयोग सहित राज्य सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे है और संकेत मिल रहे है कि, अक्तूबर माह के पहले सप्ताह के दौरान ही विधानसभा चुनाव हेतु आचार संहिता भी लग जाएगी. ऐसे में विधानसभा का चुनाव लडने की तैयारी कर रहे इच्छुक प्रत्याशियों द्वारा अब मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने हेतु अलग-अलग फंडें अपनाएं जा रहे है. जिसके तहत अपने निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत रहनेवाले महिलाओं के लिए बाकायदा देवदर्शन हेतु तीर्थयात्राओं का आयोजन किया जा रहा है. जिनमें महिलाओं के साथ ही उनके परिवार के अन्य सदस्यों को भी शामिल करते हुए तीर्थयात्रा कराई जा रही है. इस हेतु निजी ट्रैवल्स की लक्झरी बसों की भी चुनाव लडने के इच्छुक प्रत्याशियों द्वारा जमकर बुकिंग कराई जा रही है.
बता दें कि, चुनाव लडने के इच्छुक उम्मीदवारों ने राज्यों सहित अन्य राज्यों के प्रमुख मंदिरों व तीर्थस्थलों की यात्रा का रोड मैप तैयार करने के साथ ही विधानसभा क्षेत्र में तीर्थयात्रा पर भेजे जाने वाले महिला व पुरुषों की गांव निहाय सूची भी तैयार की है. जिसके लिए चुनाव लडने के इच्छुक प्रत्याशियों के प्रमुख कार्यकर्ताओं द्वारा यात्रा हेतु तीर्थस्थल का चयन करने के साथ ही वहां पर चाय-नाश्ते व भोजन सहित रुकने की सुविधा जैसी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान रखने के लिए माइक्रो प्लानिंग करनी शुरु की है. साथ ही देवदर्शन यात्रा की सूची में बुजुर्ग महिलाओं व पुरुषों सहित सेवा ज्येष्ठता अधिकारियों व कर्मचारियों का प्रमुख रुप से समावेश किया जा रहा है. इसके अलावा देवदर्शन यात्रा में कही कोई कमी न रह जाये, इस हेतु यात्रा कंपनियों को यात्रा के संदर्भ में ‘टॉप टू बॉटम’ टूर पैकेज का जिम्मा सौंपा जा रहा है.
* इन स्थानों को मिल रही तवज्जों
शिर्डी, तिरुपति, मुंबई के महालक्ष्मी मंदिर, गणपति पुले, संभाजी नगर की अजंता गुफाएं. बुलढाणा के लोणार सरोवर सहित पुणे व कोंकण क्षेत्र के साथ ही राज्य के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों व तीर्थक्षेत्रों को इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा अपने मतदाताओं को यात्रा पर भेजने हेतु पसंद किया जा रहा है.
* देवदर्शन के लिए कुटूंब प्रमुखों से संपर्क
– आगामी विधानसभा चुनाव लडने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों ने अपने मतदाताओं को देवदर्शन हेतु यात्रा पर भेजने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले कुटूंब प्रमुखों से संपर्क करने पर ध्यान दिया जा रहा है.
– यदि कोई पति-पत्नी एक साथ देवदर्शन यात्रा पर आते है, तो इसे सोने पर सुहागा मानते हुए विधानसभा चुनाव को ‘कैश’ करने की रणनीति अपनाई जा रही है.
– कुछ इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा मतदाताओं के घरों पर भेंट देते हुए मतदाताओं को देवदर्शन हेतु अपने साथ यात्रा पर चलने के लिए मनाया जा रहा है.
– आगामी विधानसभा चुनाव के चलते चुनाव लडने के इच्छुक प्रत्याशियों के जरिए नि:शुल्क तौर पर तीर्थयात्रा करने का अवसर मिलने के चलते आम मतदाताओं में भी इसे लेकर उत्साह देखा जा रहा है और वे अपने घर तक पहुंच रहे इच्छुकों को उनके साथ देवदर्शन यात्रा पर चलने हेतु सकारात्मक प्रतिसाद दे रहे है.
* चाहे कुछ भी हो विधायक तो बनना ही है
विगत कुछ वर्षों से विधानसभा चुनाव लडने वाले प्रत्याशियों की संख्या चुनाव दर चुनाव बढती ही जा रही है. जिसके चलते सभी राजनीतिक दलों के पास टिकट के दावेदारों की संख्या को देखते हुए ‘आटा कम, फकीर ज्यादा’ वाली स्थिति बन जाती है. हर राजनीतिक दल में टिकट के लिए 3 से 4 इच्छुक दावेदार स्पर्धा में रहते है. इसके चलते संबंधित पार्टी नेतृत्व के सामने भी टिकट किसे दिया जाये, यह पेंच खडा हो जाता है. वहीं दूसरी ओर पार्टी की टिकट नहीं मिलने पर कई इच्छुकों द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडने का पहले ही ऐलान कर दिया जाता है. ऐसे में अब चाहे जो हो जाये, लेकिन विधायक तो बनना ही है, की सोच के चलते इच्छुक प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को अपने साथ जोडे रखने हेतु उन्हें देवदर्शन के लिए तीर्थयात्रा पर ले जाने का नियोजन किया गया था.