मल्टीयुटीलिटी रेस्क्यू वैन घोटाला प्रकरण में दोषियों पर करें कार्रवाई
कार्रवाई न होने पर गणतंत्र दिवस से शिकायतकर्ता ने भूख हडताल पर बैठने की चेतावनी दी
अमरावती/ दि.18 – मनपा को मल्टीयुटीलिटी रेस्क्यू वैन घोटाला प्रकरण में जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद अभी तक संबंधितों पर मनपा आयुक्त व्दारा कोई कार्रवाई न किये जाने से संतप्त हुए शिकायतकर्ता श्रीधर गवई ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने भूख हडताल पर बैठने की चेतावनी दी है. इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी शिकायतकर्ता ने ज्ञापन भेजा है.
ज्ञापन में कहा गया है कि, अमरावती मनपा के अग्निशमन विभाग अंतर्गत वर्ष 2018 में 2 करोड 5 लाख रुपए मूल्य की मल्टीयुटीलिटी रेस्क्यू वैन खरीदी की गई थी. मनपा के अधिकारियों ने 17 दिसंबर 2018 को वाहन खरीदी किया और 19 दिसंबर 2018 को नकद रकम संबंधित कंपनी के खाते में जमा कर दी थी. एक ही समय 2 करोड रुपए की रकम नकद स्वरुप में दिये जाने से यह विषय उस समय मनपा में काफी चर्चित हुआ था. तब सामाजिक कार्यकर्ता श्रीधर गवई ने वाहन खरीदी में बडी मात्रा में आर्थिक घोटाला होने बाबत तत्कालीन मनपा आयुक्त के पास शिकायत की थी तथा आमसभा में भी कुछ नगरसेवकों ने यह मामला उठाया था. तब तत्कालीन मनपा आयुक्त संजय निपाणे ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम. जी. कुबडे की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया था. एम. जी. कुबडे ने इस प्रकरण में गहन जांच की. जिस कीमत में मल्टीयुटीलिटी वैन खरीदी की गई, उस मूल्य में तीन वाहन मनपा खरीदी कर सकती थी, तथा वाहन में जो साहित्य लगाया गया उसकी कीमत काफी अधिक मात्रा में लगाई गई, ऐसा जांच में उजागर हुआ है. यह जांच रिपोर्ट मनपा को सौंप दी गई थी. इस जांच रिपोर्ट में मनपा के तत्कालीन उपायुक्त नरेंद्र वानखडे, दमकल विभाग के उस समय प्रमुख रहे भरतसिंग चव्हाण और तत्कालीन लेखापाल प्रेमदास राठोड को दोषी ठहराया है. दोषी ठहराये गए अधिकारियों की विभागीय जांच करने का प्रस्ताव भी आमसभा में उस समय पारित किया गया था. सेवा निवृत्त उपसचिव बी. एस. तायडे ने इस घोटाला प्रकरण की पिछले दो साल से विभागीय जांच की और मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर को एक सप्ताह पूर्व यह जांच रिपोर्ट भेज दी. इस कारण अब मनपा आयुक्त डॉ. आष्टीकर इस प्रकरण में जांच समिति व्दारा दोषी ठहराये गए तीनों अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई करेगी अथवा उन्हें मूल वेतन पर लाये गए या फिर इंक्रीमेंट रोकेंगे इस ओर सभी का ध्यान केंद्रीत है. यह प्रकरण चर्चा में रहते तत्कालीन लेखापाल प्रेमदास राठोड का यहां से दूसरे जिले में तबादला हो गया. इस कारण अब सामाजिक कार्यकर्ता श्रीधर गवई ने राज्य के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. अन्यथा जिलाधिकारी कार्यालय के सामने 26 जनवरी से भूख हडताल पर बैठने की चेतावनी दी है.