अमरावती

महादेव कोली प्रमाणपत्र देने वाले अधिकारी पर करें कार्रवाई

आदिवासी आरक्षण बचाव कृति समिति की जिलाधिकारी से मांग

अमरावती/दि.21– कोली समाज को दिया गया महादेव कोली (एसटी) का प्रमाणपत्र रद्द कर यह प्रमाणपत्र देने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करने सहित विविध मांगों को लेकर आदिवासी आरक्षण बचाव कृति समिति के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी सौरभ कटियार को ज्ञापन सौंपा.

ज्ञापन में बताया गया है कि फिलहाल महाराष्ट्र का वातावरण आरक्षण विषय को लेकर गरमाया हुआ है. अमरावती जिले में तथा विदर्भ में रहने वाले कोली जाति के लोग आदिवासी रहने का दावा कर रहे है और इसी लिए उन्होंने आमरण अनशन शुरु किया है. शासन व्दारा उन्हें बिना शर्त अनुसूचित जनजाति के जाति प्रमाणपत्र दिए गए. यह सच्चे आदिवासियों पर अन्याय है. किसी भी जाति के लोग आदिवासी रहने का दावा करेंगे और उसके लिए आंदोलन, अनशन करेंगे और यदि शासन उन्हें कोई भी मानक न लगाते हुए बिना शर्त अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाणपत्र देता होगा तो यह सच्चे आदिवासियों के अस्तित्व पर आघात है और वह कदापि सहन नहीं किया जाएगा. कोली जाति को महाराष्ट्र शासन ने विशेष पिछडा प्रवर्ग (एसबीसी) से आरक्षण दिया है. अनुसूचित जनजाति के किसी भी मानक में वह न बैठने के बावजूद जलगांव, अकोला, अमरावती जिले के कोली समाज को अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाणपत्र दिया गया है.

राजनीतिक दबाव में सच्चे आदिवासियों पर अन्याय हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट में उन्हें 5 जुलाई 2017 को दिए निर्णय के मुताबिक अवैध आदिवासी ठहराया है. फिर भी राजनीतिक साजिश रचकर भावना के आधार पर जाति प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया शुरु हुई है. इसका निषेध करते हुए दर्यापुर, भातकुली तहसील में भारी घुसपैठ होती दिखाई दे रही है. इस कारण भावना के स्वरुप में दिए जाने वाले कोली समाज को दिया जाति प्रमाणपत्र रद्द किया जाए तथा संबंधित उपविभागीय अधिकारी पर कार्रवाई कर कोली समाज का जाति प्रमाणपत्र तत्काल रद्द करने अन्यथा सकल आदिवासी समाज सडकों पर उतकर तीव्र आंदोलन करेगा, ऐसी चेतावनी आदिवासी आरक्षण बचाव कृति समिति ने दी है. ज्ञापन सौंपने वालों में अर्जुन युनाते, प्रवीण पवार, रोहित जाकडे, दिनेश पवार, सुखदेव सोलंके, शिवम पवार, हेमराज राउत, संतोष वलके, शशिकांत आत्राम, राजू पवार, आकाश पवार, नामदेव पेंदाम, गजानन पवार आदि का समावेश था.

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