अमरावती/दि.7– महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम हेतु 1992 में औने-पौने दाम पर ली गई किसानों की जमीन रतन इंडिया पॉवर कंपनी से वापस लेने की मांग प्रकल्पग्रस्तों ने जिलाधीश से निवेदन देकर की है. निवेदन देते समय प्रफुल तायडे, देवानंद इंगोले, विनोद पांडे, अक्षय खंडारे, सुनील खंडारे, प्रवीन खंडारे, रोशन भिमकर, रोहित कांबले, चेतन शेंडे, कैलाश इंगोले आदि मौजूद थे. इन लोगों ने कहा कि सरकार के पास बार-बार अपनी बात रखने पर भी कोई हल नहीं निकल रहा है. इसलिए वे अपने तथा परिवार के पालन-पोषण हेतु अपनी खेती की जमीन वापस मांग रहे हैं.
* 95 बरस की लीज
इन प्रकल्पग्रस्त कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनसे मात्र हजार रुपए एकड से लाख मोल की जमीन सरकार ने अधिग्रहित की थी. न्यायालयीन लडाई पश्चात शासन ने जमीन का मुआवजा बढाकर दिया. किंतु उपजीविका का साधन गमाने वाले किसानों को बाजू में कर एमआईडीसी ने रतन इंडिया पॉवर कंपनी को 95 वर्ष हेतु लीज पर जमीन दे दी है. ऐसे ही 3 साल के संघर्ष पश्चात प्रकपग्रस्तों को पॉवर कंपनी ने नौकरी दी. मगर अब कंपनी से पगार के लिए भी उन्हें जूझना पड रहा है. इस समय अधिक अर्डक, अशोक चव्हाण, अतुल तायडे, अनराज पवार, नरेंद्र ढोणे, प्रवीण भोसले, सुभाष नाईक, अनराज भोसले आदि उपस्थित थे.