अमरावती

बच्चों का रखे ध्यान : अब गालफुगी का संक्रमण ! 

परतवाडा/दि.25- आंखोें के संक्रमक के बाद अब छोटे बच्चों में गालफुगी के लक्षण दिखाई दे रहे है. यह बीमारी संक्रमण होने से इसका ध्यान रखना जरूरी है. सर्वसाधारण छोटे बच्चों में पॅरामिक्झो वायरस इस विषाणु के कारण गालफुगी की बीमारी होती है. हाल ही में गालफुगी के मरीज नहीं बढे तो भी यदि इसकी सावधानी नहीं रखी गई तो संक्रमण फैलने की संभावना है. जिसके कारण छोटे बच्चों में गालफुगी के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल बालरोग विशेषज्ञों की सलाह व उपचार ले. ऐसा आवाहन स्वास्थ्य विभाग ने किया है.
 * गालफुगी यह संक्रमक रोग है. 
बच्चों को यदि खांसी हो तो उसके कीटाणू हवा से दूसरों को लगने की संभावना रहती है. यह तेजी से होनेवाला संक्रमण है. शाला में जानेवाले छोटे बच्चों में अधिक मात्रा में दिखाई देता है. गाल पर सूजन आना आदि इस बीमारी के लक्षण है.
* लक्षण क्या ?
 पहले एक तरफ उसके बाद दूसरी तरफ से गालफुुगी होता है. उल्टी होना, पेट की बीमारी हो सकती है. गालफुगी होने पर सिरदर्द, कंधों मेें दर्द, मुंह सूखा पडना आदि लक्षण दिखाई देने पर विशेषज्ञों की सलाह व उपचार लें.
* क्या सावधानी बरते
गालफुगी यह बीमारी संक्रमण होने से उससे दूर रहे. लक्षण दिखाई देने पर विशेषज्ञों की सलाह ले व औषधोपचार लेकर कम से कम सात दिन आराम करें.
* लसीकरण किया क्या ? 
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बालकों के लिए सभी लसीकरण नि:शुल्क उपलब्ध है. जिसके कारण छोटे बच्चों का लसीकरण करना आवश्यक है.
बच्चों में गालफुगी के लक्षण दिखाई देने पर बालरोग विशेषज्ञों की सलाह ले. नमक के पानी का कुल्ला करें व बीमारी का टीकाकरण करना आवश्यक है. पहला टीका 9 माह में, दूसरा टीका 15 महिने में, तीसरा टीका साढे तीन वर्ष का होने के बाद ले.
डॉ. श्रीकृष्ण घुटे,
बालरोग विशेषज्ञ, परतवाडा

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