* लोक विकास संगठन का सरकार को चेतावनी
अमरावती/दि.8– हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में केंद्र की सत्ता में आए मोदी सरकार को व राज्य की सत्ता में रहने वाली महायुती को किसानों, खेत मजदुर के गुस्से का सामना सहते हुए भारी हार का सामना करना पडा. अगर भविष्य में भी किसान हित में अच्छे निर्णय नहीं लिए गए तो आगे भी गंभीर परिणाम देखने मिल सकते है. ऐसी बात लोक विकास संगठन के गोपाल भालेराव ने केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा.
पिछले 10 वर्ष से केंद्र की सत्ता में रहने वाली सरकार ने किसानों व खेत मजदुरों को रास्ते पर लाकर छोडने जैसी परिस्थिती निर्माण खडी की है. किसानों के उत्पादन फसल को भाव नहीं, नुकसानग्रस्तों को समय पर मदद नहीं, किसानों को अपने हक व मांग के लिए बार बार रास्ते पर उतरकर संघर्ष सरकार के साथ करना पड रहा है. भालेराव ने आगे कहा कि इतना करने के बाद भी सत्ताधारियों ने किसानों के पक्ष में बात न करना यह एक प्रकार से सरकार में बैठे नेताओं की मस्ती दिखाई दे रही है. जिसके कारण राज्य सहित देश के किसान इस सरकार के विरोध में आक्रमक भूमिका निभाते हुए दिखाई दे रहे है. केंद्र व राज्य सरकार के किसान विरोधी निती के कारण राज्य व देश के किसान आर्थिक तंगी से गुजर रहे है. जिसके कारण कितने ही किसानों ने अपनी जान की बली दे दी. फिर भी सरकार किसानों की ओर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है. पंजाब, हरियाणा में किसानों ने तो केंद्र सरकार के इस किसान विरोधी सरकार का उनके इलाके में जाकर भारी संख्या में विरोध किया. किसान इस सरकार के विरोध में आक्रमक होने के कारण हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में राज्य में सत्ता में रहने वाली भाजपा, अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांगे्रस पार्टी व शिंदे गुट की सेना को उनको उनकी जगह दिखा दी. इसी तरह केद्र सरकार को किसानों के गुस्से की बल चढना पडा. राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा में भी राज्य की महायुती सरकार को आने वाले समय में किसानों के हित में निर्णय व्दारा दिलासा न देने पर होने वाले चुनाव में महायुती का जबरदस्त फटका बैठने का इशारा लोकविकास संगठन के संस्थापक अध्यक्ष गोपाल भालेराव ने एक प्रेस विज्ञप्ति व्दारा जारी किया है. उन्होनें पत्र में आगे कहा कि आगामी समय में किसानों की फसलो को भाव, उर्वरक व बीज के बढते भाव कम कर किसानों को दिलासा देना चाहिए. किसानों की कर्जमाफी देकर आर्थिक संकट से बाहर निकालना, किसानों को बुआई करते समय आर्थिक मदद देना, फसल बीमा की रकम समय पर देना, किसानों को मंजुर किए गए नुकसान भरपाई तुरंत देने के बारे में कदम उठाने की जरुरत है. प्रिंपेड मीटर का निर्णय रद्द करने जैसे अनेक निर्णय लेकर किसानों को दिलासा दे. अन्यथा राज्य के किसान महायुती को उनकी जगह दिखाने के बगैर नहीं रहेगी. इस तरह की चेतावनी भी संगठन के भालेवार ने राज्य व केंद्र सरकार को दी है.