महात्मा गांधी के पुतले की विडंबना करनेवालों पर करें कडी कार्रवाई
अभाविप की ज्ञापन सौंपकर कोतवाली पुलिस से मांग
अमरावती / दि. 2- शहर के जयस्तंभ चौक स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले की विडंबना करनेवाले आरोपी पर कडी कार्रवाई करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की महानगर मंत्री सावनी सामदेकर के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने कोतवाली पुलिस स्टेशन की थानेदार नीलिमा आरज को ज्ञापन सौंपा है.
ज्ञापन में कहा गया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को देश की ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे बडी शैक्षणिक व सामाजिक क्षेत्र में काम करनेवाली विद्यार्थी संगठना है. विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास, नेतृत्व विकास, सर्वांगिण विकास और विद्यार्थियों की समस्याओं के निवारण के लिए अभाविप नियमित संगठनात्मक, रचनात्मक और आंदोलनात्मक उपक्रमों का आयोजन करता रहता है. शहर के जयस्तंभ चौक स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले की लाठी को किसी अनजान व्यक्ति ने अभाविप का झंडा लगाया है. इस बाबत गहन जांच कर इस परिसर के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच कर आरोपियों पर कडी कार्रवाई होनी चाहिए. अभाविप का यहां झंडा लगाने में संगठना के किसी भी कार्यकर्ता का इसमें समावेश नहीं है. यह कृत्य काफी गलत है और जिन्होंने यह कृत्य किया है. उन पर किसी भी तरह की दया न दिखाते हुए कडी कार्रवाई करने की मांग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ज्ञापन के जरिए की है.
उल्लेखनीय है कि कोतवाली थाने के पास जयस्तंभ चौक के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले को बुधवार की शाम अभाविप का झंडा किसी ने लगाया. यह बात कांग्रेस के कार्यकर्ता समीर जवंजाल के ध्यान में आयी. उन्होंने गांधीजी के पुतले को लगा झंडे का फोटो निकालकर सोशल मीडिया पर वायरल किया साथ ही इस बाबत कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज की. लेेकिन पुलिस ने यह शिकायत लेने से इंकार किया रहने का आरोप कांग्रेस की तरफ से किया गया.
मध्यरात्रि को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया निषेध
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का झंडा लगाने की जानकारी हवा की तरह फैलते ही मध्यरात्रि को युवक कांग्रेस कार्यकर्ता बडी संख्या में जयस्तंभ चौक पर इकट्ठा हुए. इस अवसर पर युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित अमरावती पुलिस का निषेध किया. राज्य की शिंदे- फडणवीस सरकार के दबाब में अब अमरावती पुलिस भी काम करती रहने का आरोपइस अवसर पर कांग्रेस के पदाधिकारी भैया पवार ने किया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना 9 जुलाई 1950 को हुई. ज्ञानशील और एकता यह अभाविप का ब्रिद वॉक्य है.