अमरावती

ग्राप चुनाव गाइड लाइन के तहत लिये जाये

अमोल पाटील भारसाकले की मांग

  • प्रशासक के भरोसे पर ग्राम पंचायत का विकास संभव नहीं

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१७ – ग्राम पंचायत चुनाव के मुहाने पर जिले में कोरोना का संक्रमण बढ गया. जिसके बाद कोरोना प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से ध्यान दिया जा रहा है. इसी दौरान ग्राम पंचायत के चुनाव को स्थगित कर दिया गया और एक प्रशासक के पास ४ से ५ ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी सौंप दी गई. प्रशासक के भरोसे पर ग्राम पंचायत का विकास कतई संभव नहीं है. आर्टीकल २४२ के अनुसार चुनाव लेने का निर्णय राज्य चुनाव आयुक्त के पास है. इसलिए चुनाव आयोग ने उचित नियोजन और कोरोना के दौर को देखते हुए नियमों का पालन कर ग्राम पंचायत के चुनाव लिये जाने चाहिए, यह मांग अमोल पाटील भारसाकले ने की है. यहा बता दें कि, अमरावती जिले की ७२५ ग्राम पंचायतों का कालावधि समाप्त हो चुका है. इन ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किये जा चुके है. विस्तार अधिकारी, मुख्याध्यापक, निर्माणकार्य विभाग के अभियंता जैसे यहां के प्रशासक है. अवधि पूरा होने वाली ग्राम पंचायतों की संख्या को देखते हुए विस्तार अधिकारियों की संख्या सीमित है. एक प्रशासक के पास ४ से ५ ग्राम पंचायतों का प्रभाग सौंप दिया गया है. जिसके चलते वे केवल रबर स्टैम के तौर पर काम करने की संभावना है. गांव की समस्यां को सुलझाने के लिए वे ग्राम सेवक का सहारा लेंगे. या फिर प्रशासक को ग्राम सेवक पर ही निर्भर रहना पड रहा है. इस स्थिति में अनेक घोटाले होने के भी संभावना है. गांव का विकास ग्रामवासियों के सहयोग के बगैर संभव नहीं है. गांवस्तर के विकास कार्य में सरपंच व सदस्य की भूमिका महत्वपूर्ण साबित होती है. पगडंडी मार्ग की समस्या सभी गांवों में बरकरार है. १५ वीं वित्त आयोग की निधि खर्च करनी है. पहले १४ वित्त आयोग के विधि का काम पूरा नहीं हुआ है. पहले किये गये कार्यों के अनेक बिल पेंqडग है. अनेक सरकारी योजनाएं चलाई जाएगी या नहीं इसमें भी संदेह है. गांव के अंतर्गत सडक, पीने के पानी, गांव के गंदे पानी का नियोजन आदि समस्याएं सहित गांव के नागरिकों को होने वाली समस्याएं भी दूर नहीं होगी. ग्रामीण इलाकों का विकास ग्राम पंचायत सरपंच के शिवाय संभव नहीं है. प्रशासक के भरोसे पर गांव का विकास संभव है. आर्टीकल २४२ के अनुसार चुनाव लेने के सभी अधिकार राज्य चुनाव आयुक्त के पास है. इसलिए आयोग ने उचित नियोजन कर व कोरोना की पृष्ठभूमि पर नियमों का पालन कर ग्राम पंचायत चुनाव लेने चाहिए.

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