अमरावती

इस्तिफा पीछे ले, शंकर बाबा ने रखी शर्त

वैभव वाघमारे से की विनंती

धारणी/दि.11 – धारणी स्थित एकात्मिक आदिवासी विकास विभाग प्रकल्प अधिकारी तथा अतिरिक्त जिलाधिकारी वैभव वाघमारे ने राज्यपाल को अपनी नौकरी का इस्तिफा भिजवाया. इस बारे में रविवार की दोपहर वरिष्ठ समाजसेवक शंकरबाबा पापलकर ने धारणी में जाकर मुलाकात ली और देश के विकास के लिए व समाजकल्याण के लिए उन्हें अधिकारी पद पर रहने की शर्त रखते हुए इस्तिफा वापस लेने की विनंती भी की.
आईएएस वैभव वाघमारे ने जन्मदिन पर फेसबुक व्दारा राज्यपाल को इस्तिफा देने का पोस्ट किया था. उस इस्तिफे का हकीकत में कारण क्या है, इस बारे में पिछले दो वर्षों से अलग-अलग चर्चाएं की जा रही है. रविवार को वझ्झर के समाजसेवक शंकरबाबा पापलकर ने धारणी जाकर उनसे मुलाकात की और इस्तिफा न देने की विनंती की. दो दिन पूर्व ही जिलाधिकारी पवनीत कौर समेत वैभव वाघमारे ने वझ्झर स्थित स्व.अंबादासपंत मतिमंद बालसुधार गृह को भेंट दी थी. वरिष्ठ समाजसेवक शंकरबाबा पापलकर के वझ्झर मॉडल को देखने के लिए परिविक्षाधिन आईएएस एमपीएससी अंतर्गत तहसीलदार व अन्य पद के अधिकारी वझ्झर में 2010 से आ रहे है. 10 हजार से अधिक विभिन्न अधिकारियों ने भेंट दी है. इसमें से एक अधिकारी ने इस्तिफा दिया, इसका झटका लगा, ऐसा शंकरबाबा ने कहा. शंकरबाबा रविवार को खुद वैभव वाघमारे के घर गए. उस समय उनकी मां व पत्नी ने बनाई पुरणपोली खाने के लिए बाबा को दी थी.

अच्छे अधिकारी देश का भला कर सकते है.

शंकरबाबा ने धारणी में मुलाकात की. इस्तिफे को लेकर चर्चा की. समाजसेवा के लिए इस्तिफा देने की बात वाघमारे ने बाबा को बताई. मगर अच्छे अधिकारी नौकरी में रहकर देश का भला कर सकते है, पद पर रहकर ही समाजसेवा और देशसेवा के लिए काफी कुछ किया जा सकता है. आप कल के जिलाधिकारी देश के भाग्यविधाता है, ऐसा शंकरबाबा ने समझाया.

उन्होंने कहा मैं देखता हूं

फिर से वझ्झर में जिलाधिकारी व उससे वरिष्ठ अधिकारी बनकर आओ, ऐसा वचन बाबा ने मांगा. मैं देखता हूं, ऐसा कहते हुए वाघमारे ने बाबा की ओर देखकर मुस्कराया और बाबा के मतिमंद बच्चों के नाश्ते के लिए 1100 रुपए दिये.

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