अमरावती

इंटरनेट पर सर्च कर दवाई लेना हो सकता है जानलेवा

सेल्फ मेडिसीन का प्रयोग साबित हो सकता है घातक

* डॉक्टर की सलाह व फार्मासिस्ट का मार्गदर्शन जरुरी
अमरावती/दि.25– इन दिनों लगभग सभी तरह की बीमारियों की बीमारियों का इलाज महंगा हो गया है और दवाईयां खरीदने पर अच्छा खासा पैसा खर्च करना पडता है. ऐसे में इलाज व चिकित्सा का खर्च एक तरह से सर्वसामान्य लोगों की पहुंच से बाहर हो गया. ऐसे में कई लोग सीधे सेल्फ मेडिसीन यानि अपने मन से दवाई-गोली लेने का प्रयोग करने लगे है. इसके लिए इंटरनेट पर बीमारी का नाम डालते हुए उस बीमारी पर चलने वाली व लगने वाली दवाईयों को खोजा जाता है. जिसके बाद डॉक्टर के प्रिस्क्रीप्शन के बिना मेडिकल स्टोअर पर जाकर दवाईयां खरीदते हुए उन दवाईयों का सेवन किया जाता है. यह प्रमाण दिनोंदिन बढता जा रहा है. जो घातक रहने के साथ-साथ जानलेवा भी साबित हो सकता है. क्योंकि कई बार कुछ दवाईयों के साइड इफेक्ट भी होते है. जिनसे आम व्यक्ति अनजान रहता है. ऐसे में इस तरह की दवाईयों का अपने मन से सेवन करना किसी भी लिहाज से ठीक नहीं रहता. ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति ने दवाई का सेवन करने से पहले डॉक्टर एवं फार्मासिस्ट से सलाह व मार्गदर्शन जरुर प्राप्त करना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि, जहां एक ओर कई लोग अपने मन से ही दवा खरीदकर खाने की मानसिकता रखते है. वहीं इन दिनों कई शेड्यूल्ड यानि बिना पर्ची विक्री हेतु प्रतिबंधित रहने वाली दवाईयां ऑनलाइन उपलब्ध होती है. ऐसे में कई लोगबाग ऑनलाइन एप के जरिए दवाईयों की खरीदी कर लेते है और उन्हें उनके द्बारा मंगाई गई दवाई घर पहुंच मिल भी जाती है. यह तो और भी अधिक खतरनाक स्थिति है. क्योंकि इस जरिए कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की दवाई को ऑनलाइन अपने घर तक मंगाकर उसका सेवन कर सकता है, या ऐसी दवाईयां का किसी ओर पर गलत इरादे से प्रयोग करने हेतु दुुरुपयोग भी किया जा सकता है. इसके साथ ही इन दिनों यू-ट्यूब, वॉट्सएप व इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया साइड्स पर भी दवाईयों के बारे में जानकारी प्रसारित की जाती है. जिन्हें देखने का प्रमाण शहरी क्षेत्र में काफी अधिक है. ऐसी जानकारियों को लेकर किसी भी तरह की जांच पडताल किए बिना कई लोग ऐसी दवाईयों का बीमार पडने पर अपने ही मन से उपयोग करते है. यह प्रमाण बीते कुछ दिनों के दौरान काफी अधिक बढ गया है.

* प्रिस्क्रीप्शन के बिना दवा न लें
डॉक्टर द्बारा प्रिस्क्रीप्शन लिखकर देने के बाद ही दवाई खरीदना और डॉक्टर द्बारा दी गई सलाह के अनुरुप दवाई की डोज लेना बेहद आवश्यक होता है. अपने ही मन से खरीदी गई दवाई का अपनी मर्जी के मुताबिक सेवन करना खतरनाक रहने के साथ ही जानलेवा भी साबित हो सकता है. अत: अपने मन से दवाई लेना हमेशा टाला जाना चाहिए.

* ऑनलाइन सर्च कर दवाई लेना टालें
कई बार दवाईयों की लींक हेतु सोशल मीडिया का आधार लिया जाता है. जिसके तहत बीमारी का नाम गूगल पर डालकर दवाईयों के नाम खोजे जाते है और स्क्रीन पर जिस दवाई का नाम दिखाई देता है. उस दवाई को खरीदकर उसका सेवन किया जाता है. जबकि कई बार ऑनलाइन लींक पर आधी-अधूरी या भ्रामक जानकारी भी हो सकती है और ऐसी जानकारी के आधार पर दवाईयों का सेवन करना घातक साबित हो सकता है.

* कई मेडिकल स्टोअर पर पर्ची के बिना मिलती है दवाई
उल्लेखनीय है कि, शहर के चपराशीपुरा, नागपुरी गेट व गाडगे नगर क्षेत्र सहित नई रिहायशी बस्तियों में स्थित मेडिकल स्टोअर संचालकों द्बारा डॉक्टर की ओर से लिखी गई पर्ची यानि प्रिस्क्रीप्शन के बिना भी दवाईयां बेची जाती है. जबकि अन्न व औषधी प्रशासन विभाग के नियमों व निर्देशों के मुताबिक प्रत्येक दवाई की विक्री डॉक्टर द्बारा लिखे गए प्रिस्क्रीप्शन के अनुसार ही होनी चाहिए तथा बिना प्रिस्क्रीप्शन किसी भी व्यक्ति को दवाई नहीं दी जानी चाहिए.

* किस दवाई में कौनसा गुणधर्म है और उस दवाई का प्रयोग किस तरह के लक्षण रहने वाली बीमारी पर होता है, इसका ज्ञान डॉक्टर के साथ-साथ फार्मासिस्ट को भी होता है. क्योंकि फार्मासिस्ट एक तरह से दवा निर्माण के क्षेत्र से वास्ता रखता है. ऐसे में कभी भी किसी भी तरह की बीमारी होने पर सबसे पहले तो डॉक्टर के पास जाकर अपनी स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए और इसके पश्चात मेडिकल स्टोअर्स मेें जाकर फार्मासिस्ट को डॉक्टर की पर्ची देते हुए योग्य दवाई प्राप्त की जानी चाहिए तथा इसी दवाई का डॉक्टर के प्रिस्क्रीप्शन व फार्मासिस्ट के मार्गदर्शन के अनुसार सेवन करना चाहिए. इन दिनों कई लोग अपने ही मन से किसी भी तरह की दवाई ऑनलाइन मंगवा लेते है. कुछ पैसे बचाने या छूट पाने के चक्कर में ऐसा करना खतरनाक व जानलेवा भी साबित हो सकता है.
– भारती मनीष मोहोकार,
फार्मासिस्ट.

Related Articles

Back to top button