अमरावती

फवारणी करते समय तंबाखू जाना हो सकता है जानलेवा

अमरावती/दि.3 – इस समय खेतों में फसलें अंकुरित होकर बढने लगी है. ऐसे में लगातार हो रही बारिश के चलते फसलों पर रोगों व कीडों का प्रादूर्भाव होने की संभावना को देखते हुए किसानों द्बारा फसलों पर किटनाशकों की फवारणी की जाती है. लेकिन फवारणी के समय आवश्यक सावधानी व सतर्कता बरतना बेहद जरुरी होती है. अन्यथा विषबाधा भी हो सकती है. प्रतिवर्ष कई किसानों व फवारणी करने वाले मजदूरों को जहरीले किटनाशकों की वजह से विषबाधा होने के उदाहरण सामने आते है. जिसके चलते फवारणी करते समय हाथों की साफ-सफाई किए बिना तंबाखू या खर्रा खाना भी जानलेवा हो सकता है.

* हवा की दिशा में करें फवारणी
किटनाशकों की फवारणी हमेशा ही सुबह अथवा शाम के समय की जानी चाहिए. क्योंकि इस समय हवा की रफ्तार काफी कम होती है. साथ ही यदि हवा की दिशा की ओर ही फवारणी की जाती है, तो फवारणी के जरिए उडने वाले किटनाशक की फुहार उडकर शरीर पर नहीं आती.

* यह सतर्कता जरुरीे
– तंबाखू व खर्रा ना खाए
फवारणी करते समय बिना हाथ धोए तंबाखू व खर्रा खाने अथवा पानी पीने की वजह से किटनाशकों का अंत पेट में जाने की पूरी संभावना होती है.
– धुम्रपान न करें
फवरणी करते समय उन्हीं हाथों से धुम्रपान करने से भी किटनाशक के चलते विषबाधा होने की संभावना रहती है. साथ ही इस विषबाधा से श्वसन की तकलीफ भी हो सकती है.
– आंख और मुंह पर हाथ ना लगाए
फवारणी करते समय आंखों पर किटनाशक का द्रव्य लगा होता है. ऐसे हाथों को आंख व मुंह पर लगाने से भी विषबाधा होने का खतरा होता है.

* तुरंत डॉक्टर को दिखाए
किटनाशक पेट में चले जाने अथवा विषबाधा होने का लक्षण दिखाई देने पर सबसे पहले आवश्यक प्रथमोपचार करते हुए तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरुरी होता है. अन्यथा ऐसा नहीं करना जान पर भारी भी पड सकता है.

* फवारणी करते समय विषबाधा न हो, इस हेतु बरती जाने वाली सावधानी व सतर्कता के लिए किसानों में हमेशा ही जनजागृति की जाती है और इससे संबंधित पत्रक भी वितरीत किए जाते है.
– राहुल सातपुते,
जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी.

Related Articles

Back to top button