
* तमिलनाडू सरकार की नीति का किया निषेध
* जिलाधीश कार्यालय के समक्ष तीव्र धरना प्रदर्शन
अमरावती/दि.17– तमिलनाडू राज्य के तंजावर जिला स्थित सेक्रेड हाईस्कुल में चलनेवाले धर्मांतरण के दबाव की वजह से लावण्या नामक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी. पश्चात इस मामले का निषेध करते हुए लावण्या को इन्साफ दिलाने हेतु तमिलनाडू के मुख्यमंत्री स्टॅलिन के घर के सामने आंदोलन करनेवाले अभाविप कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया. साथ ही इस दौरान अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधी त्रिपाठी, राष्ट्रीय मंत्री मुथुरामलिंगम, दक्षिण तमिलनाडू प्रांत मंत्री सुशिला सहित कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. ऐसे में मृतक लावण्या व उसके परिवार को न्याय दिलाने एवं तमिलनाडू पुलिस की कू्ररता का निषेध करने हेतु विदर्भ प्रांत अभाविप द्वारा आज स्थानीय जिलाधीश कार्यालय के समक्ष जबर्दस्त धरना प्रदर्शन किया गया.
अभाविप के विदर्भ प्रांत मंत्री अखिलेश भारतीय के नेतृत्व में किये गये इस आंदोलन में जिलाधीश पवनीत कौर को सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि, लावण्या आत्महत्या मामले में सीबीआई जांच को लेकर मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसले के खिलाफ तमिलनाडू सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दौड लगायी. जिससे इस मामले में तमिलनाडू सरकार की असंवेदनशिलता दिखाई दे रही है. वही सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले मेें हाईकोर्ट के फैसले को कायम रखते हुए जांच का कार्य सीबीआई को सौंप दिया तथा राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया. वहीं लावण्या के आत्महत्या के लिए जिम्मेदार रहनेवाले आरोपियों की जमानत मंजूर होने के बाद उनका जेल के बाहर तमिलनाडू सरकार के एक मंत्री द्वारा स्वागत किया जाना बेहद संताप जनक है. साथ ही तमिलनाडू की द्रमुक सरकार द्वारा लावण्या आत्महत्या के मामले को दबाने और मिशनरियों के दुष्कर्मों को छिपाने के लिए दबाव तंत्र का प्रयोग किया जा रहा है. जिसके लिए हाईकोर्ट के फैसले की अवहेलना तक की जा रही है. किंतु इसे अभाविप द्वारा सहन नहीं किया जायेगा और अभावि कार्यकर्ता लावण्या को इन्साफ मिलने तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे. इस निषेध प्रदर्शन में अमरावती महानगर मंत्री चिन्मय भागवत, महानगर सहमंत्री सावणी सामदेकर तथा महानगर कार्यालय मंत्री रोहन देवलसी सहित अभाविप के अनेकों पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.