अमरावती

बायोमायनिंग को लेकर तपी स्थायी समिती की बैठक

गुट नेता चेतन पवार के सवालों से हतबल हुआ प्रशासन

  • हिवसे, बोमरे, बेग व धर्माले ने भी प्रशासन को लिया आडे हाथ

  • सभापति रासने ने अगली बैठक में पूरी जानकारी रखने के दिये निर्देश

अमरावती/दि.8 – गत रोज स्थानीय मनपा में स्थायी समिती की बैठक हुई. जिसमें 19 करोड रूपये की लागत से साकार किये जानेवाले बायोमायनिंग प्रकल्प का मुद्दा जमकर गूंजा.इस मुद्दे को उठाते हुए बसपा गुट नेता चेतन पवार ने जानना चाहा कि, 19 करोड के प्रकल्प को केवल 12 पंक्तियोें की टिप्पणी के साथ मंजूरी कैसे दी गई. पवार द्वारा इस मुद्दे को लेकर एक के बाद एक पेश किये जानेवाले सवालों के चलते प्रशासन भी काफी हद तक हतबल दिखाई दिया. वहीं बायोमायनिंग सहित प्रभाग रचना, फिश हब प्रकल्प तथा मोबाईल टॉवर जैसे मुद्दों को लेकर गुट नेता पवार सहित स्थायी समिती सदस्य गोपाल धर्माले, चंदू बोमरे, प्रदीप हिवसे व सलीम बेग ने भी प्रशासन को जमकर आडे हाथ लिया. ऐसे में करीब तीन घंटे तक चली स्थायी समिती की बैठक काफी हंगामाखेज रही. जिसमें सभापती रासने ने प्रशासन को आगामी बैठक में पूरी जानकारी समिती के समक्ष रखने के निर्देश दिये.
स्थायी समिती की बैठक के प्रारंभ में ही बसपा गुट नेता चेतन पवार ने बायोमायनिंग प्रकल्प का मुद्दा उठाते हुए कहा कि, प्रशासन की ओर से विगत आमसभा में इस प्रकल्प को मंजूरी मिलने के बाद इसे स्थायी समिती की बैठक में मंजूरी के लिए भेजा गया था. किंतु हैरत की बात यह है कि, 18 करोड 96 लाख 63 हजार 600 रूपये के प्रकल्प के लिए केवल 12 पंक्तियों की टिप्पणी प्रशासन द्वारा लिखकर भेजी गई है. साथ ही प्रशासन की ओर से इस प्रस्ताव को लेकर नियमानुसार तीन दिन पहले स्थायी समिती सदस्यों को कोई अधिकृत जानकारी भी नहीं दी गई. यह समझ से परे है. चेतन पवार द्वारा इस विषय को लेकर एक के बाद एक उठाये जानेवाले सवालों का मनपा प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं था. जिसे लेकर सभापति रासने ने भी अपनी नाराजगी जताई और प्रशासन को अगली बैठक में विस्तृत जानकारी पेश करने का निर्देश दिया. इस समय चेतन पवार सहित सलीम बेग, प्रदीप हिवसे, गोपाल धर्माले व चंदू बोमरे ने प्रशासन से जानकारी मांगी कि, यह प्रकल्प कितने रूपयों की लागत से बनाया जायेगा, इसे बनाने में कितनी जमीन की जरूरत पडेगी, उस जमीन पर फिलहाल कितना कचरा रखा हुआ है, किस कंपनी को इस काम का ठेका दिया जा रहा है, कंपनी द्वारा कब व किस तरह इस कचरे का निस्सारण किया जायेगा तथा क्या कंपनी द्वारा इन तमाम कामों का मनपा प्रशासन को प्रात्यक्षिक दिया गया है, इन तमाम बातों की जानकारी प्रशासन द्वारा स्थायी समिती को दी जानी चाहिए.
इसके अलावा पार्षद प्रदीप हिवसे ने एक बार फिर शहर में जगह-जगह लगे अवैध मोबाईल टॉवर के मसले को पूरजोर तरीके से उठाया. जिसके बाद स्थायी समिती सभापति रासने ने संबंधित उपअभियंता पर कार्रवाई के आदेश जारी करते हुए तत्काल ही शहर में लगाये गये 160 अनधिकृत मोबाईल टॉवरों को जमीनदोज किये जाने के संदर्भ में निर्देश दिये. इसके साथ ही इस बैठक में बडनेरा में बननेवाले प्रस्तावित फिश हब का मसला भी गूंजा. जिसे लेकर पार्षद चेतन पवार द्वारा बैठक में कहा गया कि, इस कार्य हेतु 6 करोड 63 लाख रूपयों की निविदा जारी होने के बाद दूसरी निविदा जारी की गई और उपअभियंता सुधीर गोटे की देखरेख में यह सारी गडबडी हुई है. अत: सुधीर गोटे की विभागीय जांच की जाये. जिसे स्थायी समिती द्वारा स्वीकार करते हुए गोटे के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश भी जारी किया गया. इन सबके साथ ही स्थायी समिती की बैठक में आगामी चुनाव के लिए मनपा के प्रभाग रचना का मामला भी गूंजा.

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