किराये वाले प्रतिष्ठानों के कर में कटौती की जाये
महानगर चेंबर पदाधिकारियों ने सौंपा निगमायुक्त रोड को ज्ञापन
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ज्यादा कर लगाने से मनपा का ही आर्थिक नुकसान होने की बात कही
अमरावती/दि.21 – महानगरपालिका द्वारा व्यवसायिक प्रयोगवाली इमारतों पर 9 रूपये प्रति स्क्वे फीट के हिसाब से संपत्ति कर लगाया जाता है. किंतु यदि इसी इमारत को किराये पर दिया गया है, तो वार्षिक किराये पर 56 फीसद अधिभार के साथ ही 18 फीसद जीएसटी लगाया जाता है. साथ ही आयकर के नियमानुसार 10 फीसद टीडीएस व जीएसटी पर 5 फीसद जीएसटी भी जोडा जाता है. यानी किरायेदार को 21 फीसद कर अदा करना पडता है. ऐसे में संपत्ति कर के निर्धारण को बेहद अन्यायकारक कहा जा सकता है. अत: इस कर में कटौती की जाये, इस आशय की मांग का ज्ञापन महानगर चेंबर की ओर से चेंबर अध्यक्ष सुरेश जैन के नेतृत्व में निगमायुक्त प्रशांत रोडे को सौंपा गया.
इस ज्ञापन में कहा गया कि, संपत्ति कर का निर्धारण काफी अधिक व अन्यायकारक है और इस तरह के कर निर्धारण की वजह से व्यवसायिक इमारत के मालिक को किराये के तौर पर मिलनेवाली रकम में से कोई बचत नहीं होती. साथ ही अत्याधिक कर लगाये जाने के चलते कई स्थानों पर किरायेदारों की जानकारी भी छिपाई जाती है. इससे मनपा का ही आर्थिक नुकसान होता है. इस ज्ञापन में यह भी कहा गया कि, अमूमन व्यवसायिक इमारतों को किराये पर लेनेवाले प्रतिष्ठान अथवा कंपनियां बाहरगांव या बाहरी राज्यों से वास्ता रखते है और अमरावती शहर में संपत्ति कर की स्थिति को देखते हुए वे यहां पर किराये पर इमारतें नहीं लेना चाहते. इससे अमरावती शहर के संपत्ति धारकों का बडे पैमाने पर नुकसान हो रहा है. साथ ही शहर में आनेवाला पैसा अप्रत्यक्ष तौर पर अन्य शहरों में जा रहा है. जिससे अंतत: महानगरपालिका का भी नुकसान हो रहा है. अत: मनपा प्रशासन द्वारा इस विषय को लेकर गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया जाये.
ज्ञापन सौंपते समय महानगर चेंबर के अध्यक्ष सुरेश जैन, सचिव घनश्याम राठी, अतूल कमलकर, बकूल कक्कड, सुदीप जैन, शरणपाल अरोरा व अर्जून चांदवानी आदि उपस्थित थे.