पुराना वाहन बेचने पर बाजार मूल्य से अधिक पर ही टैक्स
शहर के युवा सीए ने दूर की गलत फहमी
* जीएसटी परिषद ने बढाई है दर
अमरावती/ दि. 26- अमरावती में सोशल मीडिया पर चल रहे जीएसटी परिषद के निर्णय को लेकर संदेशों से गलत फहमी का वातावरण बना है. दरअसल जीएसटी परिषद ने पुराने वाहन की विक्री पर आज के बाजार मूल्य से अधिक दाम मिलने पर होनेवाले लाभ पर टैक्स 12 से बढाकर 18 प्रतिशत कर दिया है. यह स्पष्टीकरण शहर के युवा चार्टर्ड अकाउंटंट साकेत मेहता ने किया है. मेहता सीए की स्थानीय शाखा के पदाधिकारी भी है. उन्होंने पूरा विषय समझाकर बतलाया. जो वाहनों की खरीदी विक्री करनेवाले व्यापारियों के लिए उपयोगी है.
* केेवल टैक्स दरें बढाई
सीए साकेत मेहता ने कहा कि जीएसटी परिषद ने पिछले सप्ताह अपनी बैठक में सभी पुराने और इस्तेमाल किए गए वाहनों की बिक्री पर 18 प्रतिशत की एकल दर निर्धारित करने का निर्णय लिया, जिसमें सभी ईवी शामिल हैं, जो पहले अलग-अलग दरों पर लागू होते थे. वर्तमान में, 18% जीएसटी केवल 1200 सीसी या उससे अधिक इंजन क्षमता और 4000 मिमी या उससे अधिक लंबाई वाले पुराने और इस्तेमाल किए गए पेट्रोल वाहनों, 1500 सीसी या उससे अधिक इंजन क्षमता और 4000 मिमी लंबाई वाले डीजल वाहनों और एसयूवी की बिक्री पर लगाया जाता है.
* जीएसटी में पंजीकृत को ही टैक्स
उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई अपंजीकृत व्यक्ति किसी अन्य अपंजीकृत व्यक्ति को पुरानी या प्रयुक्त कार बेचता है तो उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू नहीं होगा. जीएसटी तभी लागू होगा जब यह मार्जिन सकारात्मक होगा. सरल शब्दों में कहें तो घाटे में पुरानी कार बेचने पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा. यदि जीएसटी पंजीकृत व्यक्ति ने डेप्रिसिएशन (यानी मूल्यह्रास) का दावा किया है, तो 18% की दर से कर केवल मार्जिन को दर्शाने वाले मूल्य पर देय होगा – बिक्री राशि और ऐसे सामान के मूल्यह्रास मूल्य के बीच का अंतर.
* सउदाहरण बतलाया
इसे स्पष्ट करने के लिए, सीए साकेत मेहता एक पंजीकृत व्यक्ति का उदाहरण देते हैं जो किसी व्यक्ति को 10 लाख रुपये में एक पुराना और इस्तेमाल किया हुआ वाहन बेच रहा है, जबकि वाहन की खरीद कीमत 20 लाख रुपये थी। यदि विक्रेता – एक पंजीकृत व्यक्ति होने के नाते – ने आयकर अधिनियम के तहत उसी पर 8 लाख रुपये के डेप्रिसिएशन (यानी मूल्यह्रास) का दावा किया है, तो उसे कोई जीएसटी का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि कार का विक्रय मूल्य (10 लाख रुपये) और मूल्यह्रास मूल्य (12 लाख रुपये) नकारात्मक है. हालांकि, यदि उपरोक्त उदाहरण में मूल्यह्रास मूल्य 12 लाख रुपये पर ही रहता है और विक्रय मूल्य 15 लाख रुपये है, तो जीएसटी मार्जिन पर देय होगा – 3 लाख रुपये का 18%.