अमरावती/ दि.12 – टीबी को लेकर आम नागरिकों में जनजागृति करने के लिहाज से स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी मरीजों को ढूंढने की मुहिम चलाने का निर्णय लिया है. यह मुहिम 15 से 25 नवंबर तक चलायी जाएगी. इस मुहिम अंतर्गत नागरिकों के घर तक पहुंचनेवालेे प्रशिक्षित स्वयंसेवकों से स्वास्थ्य जांच कराकर उचित सहयोग देने का आह्वान जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ.ज्योती खडसे ने किया है.
राष्ट्रीय क्षयरोग दुरीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत निजी वैद्यकीय सेवा लेने वाले शहरी मरीजों का पंजीयन करना स्वास्थ्य विभाग को अनिवार्य है. सक्रीय टीबी मरीजों को ढूंढकर उनका तत्काल इलाज किया जाएगा. क्षयरोग निदान करने वाले सर्व पैथॉलॉजी, मायक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला, रेडिओलॉजी सुविधा तथा क्षयरोगियों पर इलाज करने वाले विविध पैथालॉजी के सभी अस्पताल, डॉक्टर्स इसी तरह क्षयरोग की दवा बेचने वाले सभी दवा विक्रेताओं को ऐसे मरीजों की नोंद करना आवश्यक है. जो प्रयोगशाला, डॉक्टर्स, अस्पताल या दवा विके्रता क्षयरोगियों की नोंद नहीं करेंगे, ऐसी संस्थाओं को व्यक्तिश: रोग का प्रसार करने में जिम्मेदार ठहराकर उन्हें कानूनी कार्रवाई के लिए पात्र ठहराया जाएगा.
टीबी मरीजों के संकेत
एखाद व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी तथा बुखार रहना, वजन में काफी कमी आना, भूख न लगना, गर्दन पर गांठ आना जैसे कोई भी एक लक्षण दिखाई देने से उसे टीबी का संदिग्ध मरीज समझा जा सकता हैै.