अमरावतीमहाराष्ट्र

किसानों के विषय को समाप्त करने वालों को सबक सिखाएं

विधायक बच्चू कडू का आह्वान

* चुरणी में दिनेश बूब के प्रचारार्थ भव्य सभा
* मेलघाट में गूंज रही सीटी की आवाज
अमरावती/दि.18– जाति-धर्म और झंडे की राजनीति के कारण किसानों का विषय समाप्त हुआ है. किसानों और खेतिहर मजदूरों ने सतर्क होकर किसानों के विषय को समाप्त करने वालों को सबक सीखाने का आह्वान प्रहार के सर्वेसर्वा विधायक बच्चू कडू ने किया.
अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के प्रहार जनशक्ति के उम्मीदवार दिनेश बूब के प्रचारार्थ मेलघाट परिसर के व चिखलदरा तहसील में आने वाले चुरणी में आयोजित सभा में वे बोल रहे थे. इस सभाम संबोधित करते हुए विधायक कडू ने जनता से आह्वान किया. इस अवसर पर मंच पर विधायक राजकुमार पटेल, उम्मीदवार दिनेश बूब, रोहित पटेल, बल्लू जवंजाल आदि मान्यवर उपस्थित थे. विधायक कडू ने कहा कि, आम किसान, खेतिहर मजदूर और दिव्यांग मतदाताओं की समस्या सभागृह में रखने के लिए दिनेश बूब जैसे सच्चे कार्यकर्ता को चुनावी मैदान में उतारा है. उनके माध्यम से किसान व खेतिहर मजदूरों की लंबित समस्या हल करना है. इसिलिए जातिपाती की राजनीति में न पडते हुए दिनेश बूब जैसे ईमानदार कार्यकर्ता को लोकसभा में पहुंचाएं. मेलघाट जैसे प्रकृतिरम्य परिसर को कुपोषण का कलंक लगा है. स्वास्थ्य, शिक्षा, जल आदि अनेक समस्या कई वर्षों से कायम है.साल में एकबार मेलघाट में केवल पर्यटन के लिए आनेवाला जनप्रतिनिधि केवल नाचने-गाने में खुश रहता है. उन्हें मेलघाट के आदिवासियों की समस्या से कोई लेना-देना नहीं, यह आरोप बच्चू कडू ने करते हुए विद्यमान सांसद की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न निर्माण किया. केवल झंडे और जातिपाती की राजनीतिक कर प्रसिद्धी हासिल करनेवाले राजनेताओं को इस चुनाव में सबक सीखाते हुए दिनेश बूब जैसे अधिकार के व्यक्ति को एक बार मौका देने का आह्वान विधायक बच्चू कडू ने किया. सभा में विधायक राजकुमार पटेल ने भी मेलघाट के विविध मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए दिनेश बूब जैसा कार्यकर्ता लोकसभा के सभागृह में मौजूद रहना आवश्यक है. इसलिए मेलघाट के मतदाताओं ने स्वयं पहल करते हुए दिनेश बूब को भारी समर्थन देने का आह्वान किया. प्रहार का गढ रहनेवाले मेलघाट में विधायक बच्चू कडू व विधायक राजकुमार पटेल ने जोरदार प्रचार शुरु किया है. इन दिनों मेलघाट में केवल सीटी की गूंज सुनाई दे रही है. चुरणी की सभा में पंचक्रोशी के ग्रामवासी उपस्थित थे.

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