अमरावती

शिक्षक बैंक की मतदाता सूची में गडबडी!

नये सदस्यों के नाम शामिल, पुराने सदस्यों के नाम कटे

अमरावती/दि.27– आगामी जून माह में होनेवाले जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जिसे लेकर विगत 11 अप्रैल को मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई. जिसके उपरांत कई शिक्षकों ने मतदाता सूची में काफी गडबडी रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि, इस मतदाता सूची में कई नये सदस्यों के नाम तो शामिल किये गये है, लेकिन पुराने सदस्यों के नामों को मतदाता सूची से हटा दिया गया है.
इस संदर्भ में शिक्षकों द्वारा डीडीआर कार्यालय को दी गई शिकायत में बताया गया कि, विगत सप्ताह प्रकाशित की गई मतदाता सूची में कुल 8 हजाार 391 सदस्यों के नाम शामिल किये गये है. जिसमें से अनेकों नाम शिक्षा विभाग से वास्ता नहीं रखनेवाले लोगों के है. ऐसे में नियमबाह्य तरीके से नये सदस्यों को इस सूची में शामिल करते हुए शिक्षा विभाग से वास्ता रखनेवाले कई पुराने सदस्यों के नामों को इस सूची से हटा दिया गया है. साथ ही जिन पुराने सदस्यों के नाम इस सूची में शामिल है, उनके नामों में भी काफी त्रृटियां पायी गई है. इसके अलावा इस मतदाता सूची को शाखानिहाय प्रकाशित करना अपेक्षित रहने के बावजूद 8 हजार 391 नामों की सूची एकत्रित प्रकाशित की गई है. जिसके चलते काफी गडबडियां देखी जा रही है. ऐसे में अकोला, यवतमाल व वाशिम जिले के 764 सदस्यों में से कई सदस्यों ने नियमबाह्य रहनेवाली बातों को दूर करते हुए मतदाता सूची को नये सिरे से प्रकाशित करने की मांग की है. जिला निबंधक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराते समय विजय पुसलेकर, रविंद्र निंघोट, नामदेव ठाकरे, मनीष काले व संदीप घाटे आदि शिक्षक उपस्थित थे.

* जून की बजाय जुलाई में लिये जाये चुनाव
कई शिक्षकों का कहना रहा कि, शिक्षक सहकारी बैंक के चुनाव 26 जून के बाद अथवा सीधे जुलाई माह में लिये जाये, क्योंकि मई माह के दौरान शालाओं में अवकाश रहने के चलते चुनाव प्रचार हेतु हर एक शिक्षक मतदाताओं तक पहुंचना संभव नहीं है. अवकाश के समय कई लोगबाग घुमने-फिरने अथवा पारिवारिक समारोहों में शामिल होने हेतु बाहरगांव गये होते है. वहीं शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद हर कोई अपने नियुक्तिवाले स्थान पर उपलब्ध रहता है. जिसके चलते उनसे संपर्क करना संभव होता है. साथ ही अधिकांश शिक्षकों द्वारा मतदान की प्रक्रिया में हिस्सा भी लिया जाता है. जिससे मतदान का प्रतिशत भी बढता है. ऐसा भी कई शिक्षकों का कहना रहा.

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