अमरावती

शिक्षक विवेक राउत के साहस व समयसुचकता से बची तीन लोगों की जान

पलसखेड अंडरब्रिज के जलजमाव में फंस गई थी कार

अमरावती/दि.14 – चांदूर रेल्वे शहर के पास ही स्थित पलसखेड अंडर ब्रिज में इस समय जलजमाव की स्थिति है और वर्धा से अमरावती की ओर आ रही स्विफ्ट कार के चालक को इसका अंदाजा नहीं रहने के चलते यह कार इस पुलिया पर जमा पानी में जाकर फंस गई और लगभग बहने की स्थिति में ही थी. सौभाग्य से उसी समय विवेक राउत नामक शिक्षक अपने कुछ सहयोगियों के साथ अपने घर लौट रहे थे. जिन्होंने यह नजारा देखने के बाद तुरंत जलजमाव में उतरकर स्वीफ्ट कार को पीछे धकेलना शुरू किया और पानी से बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की. जिसकी वजह से कार में सवार तीन लोगों जान बच गई. यह घटना शुक्रवार की रात करीब 12 बजे घटित हुई थी. इस साहस और समयसुचकता के लिए शिक्षक विवेक राउत व उनके सहयोगियों की क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की रात 9 बजे से चांदूर रेल्वे परिसर में जबर्दस्त बारिश हो रही थी और यहां पर पलसखेड मार्ग पर स्थित रेल्वे अंडरब्रिज में काफी पानी जमा हो गया था. रात करीब 11 बजे के आसपास स्वीफ्ट कार क्रमांक एमएच 27/एआर 6836 वर्धा से अमरावती की ओर आ रही थी. इस समय वाहन चालक ने सडक पर जमा पानी के बीच से अपनी कार निकालने का प्रयास किया. किंतु उसे अनुमान नहीं था कि, यहां पर पानी काफी गहरा है. जिसकी वजह से थोडा आगे बढते ही यह कार आधे से अधिक डूब गयी और लगभग पानी के बहाव में बह जाने की स्थिति में पहुंच गयी. ऐसे में कार में सवार तीन लोग अपनी जान बचाने के लिए झटपटाने लगे. ठीक इसी समय शिक्षक विवेक राउत रात 12 बजे के आसपास अपने कुछ सहयोगियों के साथ अपने घर की ओर लौट रहे थे और उन्हें रेल्वे अंडर ब्रिज के नीचे पानी में फंसी कार दिखाई दी. पश्चात वे सभी तुरंत ही उस ओर दौडे और पानी में उतरकर कार को पीछे की ओर धकेलना शुरू किया. इस समय सुचकता के जरिये कार को जलजमाव से बाहर निकाला जा सका और कार में सवार तीनों लोगों की जान बच गई.

पहले भी हो चुका है एक हादसा

इस रेल्वे अंडर ब्रिज के पास तीन-चार दिन पहले भी एक हादसा घटीत हो चुका है, जब यहां पर जमा पानी का अंदाजा नहीं आने के चलते एक टवेरा कार यहां स्थित नाले में जा गिरी थी. उस कार में चालक सहित कुल 6 लोग सवार थे. जिन्हें मौके पर मौजूद लोगों की समयसूचकता के चलते बचा लिया गया था.

Related Articles

Back to top button